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Pancha Tatwa Evam Mahavakya / पंचतत्व एवं महावाक्य सरल परिचय

Author Name: Neha Singh | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

पंचतत्व

यदि पृथ्वी पर जीवन है तो उसका मुख्य कारण है पंचतत्व| यह पंचतत्व हम सभी के जीवन को प्रभावित करता है क्योंकि इसके बिना हम जीवन जीने की कल्पना ही नही कर सकते| यह पंचतत्व अथवा पंचमहाभूत हैं : पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु तथा आकाश| हम सब यह जानते भी हैं कि हमारा शरीर पांच तत्व से बना है किन्तु यह शरीर के किस भाग में हैं? इनका क्या आकर है?  इनका रूप कैसा है? इनका प्रभाव कैसे पड़ता है आदि अनेकों प्रश्न के उत्तर नही जान पाते हैं| इस किताब में पंचभूत के संक्षिप्त एवं सरल परिचय देने का प्रयास किया गया है|

महावाक्य 

ऐसे वाक्य हैं जो देखने में बहुत छोटे हैं किन्तु उनके अन्दर बहुत गहन विचार निहित हैं| यह महावाक्य मनुष्यों को हर क्षण सम्भालने वाला वाक्य है जो सरल भी है साथ ही कल्याणकारी भी है| मानव शरीर व उसकी इन्द्रिया तथा मन यह केवल संघटन मात्र नही हैं अपितु सुख-दुःख, जन्म-मृत्यु  से भिन्न, दिव्य स्वरूप व आत्म स्वरूप है| प्रमुख उपनिषदों में से निम्नवत को महावाक्य माना गया है :

अहं ब्रह्मास्मि – तत्त्वमसि - अयम् आत्मा ब्रह्म - प्रज्ञानं ब्रह्म |

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नेहा सिंह

सुश्री नेहा सिंह, भारत की आध्यात्मिक राजधानी वाराणसी की एक बहुत ही प्रतिभाशाली कलाकार हैं| आपका जन्म महर्षियों की तपोस्थली बलिया उत्तर प्रदेश में हुआ है तथा माता जी गृहणी व पिता जी भारतीय सेना में कार्यरत हैं | आप काशी हिन्दू विश्वविद्दालय के वैदिक विज्ञान केंद्र के प्रथम सत्र की छात्रा हैं | आपने वाराणसी के महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ से ललित कला में स्नातकोत्तर करने के बाद भारतीय वैदिक ग्रन्थों, 'भगवद्गीता' तथा 'राम' आदि विषयों में अत्यंत रूचि होने के कारण काशी हिन्दू विश्वविद्दालय के वैदिक विज्ञान केंद्र से एक मेधावी छात्रा के रूप में अपना अध्ययन कर रही हैं ।

आपका नाम दो दो बार अलग अलग विश्व रिकॉर्ड में भी दर्ज है ।  सोलह लाख मोतियों से एक विशाल ‘’भारत का नक्शा’’ बनाकर पहली बार 'वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया' में अपना नाम दर्ज किया और  449 फ़ीट कपड़े पर  38417 अँगुलियों के निशान से पूरा ‘’हनुमान चालीसा’’ लिखकर  'यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड' में अपना दूसरा रिकॉर्ड दर्ज किया । 

अपने हाथ से बने चित्रों द्वारा विश्व का पहला 'दशोपनिषद्' का डिजिटल प्रिंटेड  एल्बम का यह पुस्तक रूपांतरण है, इसमें सरल शब्दों में 'दशोपनिषद्' का सारांश  हिन्दी एवं अंग्रेजी  में दिया हुआ है जो अत्यंत  मनोहारी दृश्य एवं ज्ञान वर्धक प्रस्तुति है ।

आप एक चित्रकार के साथ साथ एक कुशल प्राणिक हीलर, लेखिका, कवियत्री, स्वच्छंद (स्वतंत्र) समाज सेविका, कला चिकित्सक, टैरो कार्ड रीडर आदि बहुगुणी प्रतिभा की भी धनी  हैं |

आपको इंटरनेशनल बिज़नेस एसोसिएशन, नई दिल्ली द्वारा 'भारत गौरव रत्न' सम्मान प्राप्त है । उत्तर प्रदेश में दैनिक जागरण एवं कई अलग अलग संस्थाओं द्वारा  यू० पी० गौरव सम्मान, नारी शक्ति सम्मान, काशी शक्ति सम्मान, सशक्त नारी भारत सम्मान, यू०पी० गौरव अलंकरण, हनुमत कृपा भूषण सम्मान आदि अनेकों सम्मान से सम्मानित किया गया है |

आप दशोपनिषद् के अलावा 'राम नाम शास्त्र है', 'जीवन दर्शन गीता', '151 उपनिषद् सारांश, 'वैदिक विज्ञान – सरल एवं संक्षिप्त गीता’,'पंचतत्व विद्या', ‘आत्म गीतिका’ आदि पुस्तकों की भी लेखिका हैं ।

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