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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
इस पुस्तक में निम्नलिखित 44 कवियों की रचनाएं उनके जीवन परिचय सहित दी गई है:-
1. देवो जी
2. हरिनंद जी
3. गोकल जी बैनिवाल
4. रासानंद जी थापन
5. मुकन जी
6. सेवादास जी गोदारा&n
इस पुस्तक में निम्नलिखित 44 कवियों की रचनाएं उनके जीवन परिचय सहित दी गई है:-
1. देवो जी
2. हरिनंद जी
3. गोकल जी बैनिवाल
4. रासानंद जी थापन
5. मुकन जी
6. सेवादास जी गोदारा
7. चतरदास जी
8. सुदामा जी
9. हीरानंद जी
10. हरजी बैनिवाल
11. परमानंद जी बैनिवाल
12. गोविंदराम जी बागड़िया
13. रामलला जी
14. हरचंद जी डऊकिया
15. गंगाराम जी
16. सूरतराम जी
17. मयाराम जी
18. खेरातीराम मेरठी
19. विष्णुदास जी
20. हरिकिशन जी
21. पोकरदास जी
22. ऊदो जी अडीग
23. मोतीराम जी
24. लीलकंठ (वेचुव)
25. गोविन्दराम जी गोदारा
26. खेमदास जी जाखड़
27. साधु मुरलीदास जी
28. पीताम्बरदास जी
29. परसराम जी
30. केसो जी सिंवर
31. साहबराम जी राहड़
32. बिहारीदास जी
33. शीतल
34. स्वामी ईश्वरानंद जी गिरी
35. स्वामी ब्रह्मनंद जी
36. हिम्मतराय जी
37. मुंशी किशोरीलाल गुप्त
38. माधवानंद जी
39. बद्रीदास जी
40. जगमालदास जी
41. श्रीरामदास जी गोदारा
42. कुम्भाराम जी पुनियां
43. साधु जगदीशराम जी
44. अज्ञात कवि
इस पुस्तक में निम्नलिखित 44 कवियों की रचनाएं उनके जीवन परिचय सहित दी गई है:-
1. देवो जी
2. हरिनंद जी
3. गोकल जी बैनिवाल
4. रासानंद जी थापन
5. मुकन जी
6. सेवादास जी गोदारा&n
इस पुस्तक में निम्नलिखित 44 कवियों की रचनाएं उनके जीवन परिचय सहित दी गई है:-
1. देवो जी
2. हरिनंद जी
3. गोकल जी बैनिवाल
4. रासानंद जी थापन
5. मुकन जी
6. सेवादास जी गोदारा
7. चतरदास जी
8. सुदामा जी
9. हीरानंद जी
10. हरजी बैनिवाल
11. परमानंद जी बैनिवाल
12. गोविंदराम जी बागड़िया
13. रामलला जी
14. हरचंद जी डऊकिया
15. गंगाराम जी
16. सूरतराम जी
17. मयाराम जी
18. खेरातीराम मेरठी
19. विष्णुदास जी
20. हरिकिशन जी
21. पोकरदास जी
22. ऊदो जी अडीग
23. मोतीराम जी
24. लीलकंठ (वेचुव)
25. गोविन्दराम जी गोदारा
26. खेमदास जी जाखड़
27. साधु मुरलीदास जी
28. पीताम्बरदास जी
29. परसराम जी
30. केसो जी सिंवर
31. साहबराम जी राहड़
32. बिहारीदास जी
33. शीतल
34. स्वामी ईश्वरानंद जी गिरी
35. स्वामी ब्रह्मनंद जी
36. हिम्मतराय जी
37. मुंशी किशोरीलाल गुप्त
38. माधवानंद जी
39. बद्रीदास जी
40. जगमालदास जी
41. श्रीरामदास जी गोदारा
42. कुम्भाराम जी पुनियां
43. साधु जगदीशराम जी
44. अज्ञात कवि
इस पुस्तक में निम्नलिखित 17 कवियों की रचनाएं उनके जीवन परिचय सहित दी गई है। वि.सं. 1600-1800 के मध्य की जांभाणी साहित्य की सम्पूर्ण रचनाएं 47 साखी, 88 हरजस, 20 गीत, 470 कवित्त, छंद 480, 35 कथाएं एवं
इस पुस्तक में निम्नलिखित 17 कवियों की रचनाएं उनके जीवन परिचय सहित दी गई है। वि.सं. 1600-1800 के मध्य की जांभाणी साहित्य की सम्पूर्ण रचनाएं 47 साखी, 88 हरजस, 20 गीत, 470 कवित्त, छंद 480, 35 कथाएं एवं अन्य फुटकर रचनाएं इस पुस्तक में दी गई है:-
01. विल्हो जी (वि.सं.1589-1673)
02. दसुधीदास जी (वि.सं. की 17वीं सदी)
03. आनन्द जी (वि.सं. की 17वीं सदी)
04. नानिग जी (वि.सं. की 17वीं सदी)
05. लालो जी (वि.सं. की 17वीं सदी)
06. गोपाल जी (वि.सं. की 17वीं सदी)
07. हरीराम जी (वि.सं. की 17वीं सदी)
08. दुरगदास जी (वि.सं.1600-1680)
09. किशोर जी (वि.सं.1630-1730)
10. कालू जी (वि.सं.1630-1730)
11. केसो जी गोदारा (वि.सं.1630-1736)
12. सुरजन जी पुनियां (वि.सं.1640-1748)
13. मिठुदास जी (वि.सं.1650-1750)
14. माखन जी (वि.सं.1650-1750)
15. रामू जी खोड़ (वि.सं.1675-1700)
16. रूपो जी बैनिवाल (वि.सं.1680-1750)
17. दामो जी बैनिवाल (वि.सं.1680-1768)
18. अज्ञात कवि (वि.सं. की 17वीं सदी)
इस पुस्तक में निम्नलिखित 17 कवियों की रचनाएं उनके जीवन परिचय सहित दी गई है। वि.सं. 1600-1800 के मध्य की जांभाणी साहित्य की सम्पूर्ण रचनाएं 47 साखी, 88 हरजस, 20 गीत, 470 कवित्त, छंद 480, 35 कथाएं एवं
इस पुस्तक में निम्नलिखित 17 कवियों की रचनाएं उनके जीवन परिचय सहित दी गई है। वि.सं. 1600-1800 के मध्य की जांभाणी साहित्य की सम्पूर्ण रचनाएं 47 साखी, 88 हरजस, 20 गीत, 470 कवित्त, छंद 480, 35 कथाएं एवं अन्य फुटकर रचनाएं इस पुस्तक में दी गई है:-
01. विल्हो जी (वि.सं.1589-1673)
02. दसुधीदास जी (वि.सं. की 17वीं सदी)
03. आनन्द जी (वि.सं. की 17वीं सदी)
04. नानिग जी (वि.सं. की 17वीं सदी)
05. लालो जी (वि.सं. की 17वीं सदी)
06. गोपाल जी (वि.सं. की 17वीं सदी)
07. हरीराम जी (वि.सं. की 17वीं सदी)
08. दुरगदास जी (वि.सं.1600-1680)
09. किशोर जी (वि.सं.1630-1730)
10. कालू जी (वि.सं.1630-1730)
11. केसो जी गोदारा (वि.सं.1630-1736)
12. सुरजन जी पुनियां (वि.सं.1640-1748)
13. मिठुदास जी (वि.सं.1650-1750)
14. माखन जी (वि.सं.1650-1750)
15. रामू जी खोड़ (वि.सं.1675-1700)
16. रूपो जी बैनिवाल (वि.सं.1680-1750)
17. दामो जी बैनिवाल (वि.सं.1680-1768)
18. अज्ञात कवि (वि.सं. की 17वीं सदी)
इस पुस्तक में गुरू जाम्भोजी के शिष्यों द्वारा रचित सम्पुर्ण रचनाएं उनके जीवन परिचय सहित दी गई है:-
1.. तेजोजी चारण 2.. समसदीनजी
3.. डेल्होजी 4.आछरोजी
5.. पदमोजी 6.. किल्
इस पुस्तक में गुरू जाम्भोजी के शिष्यों द्वारा रचित सम्पुर्ण रचनाएं उनके जीवन परिचय सहित दी गई है:-
1.. तेजोजी चारण 2.. समसदीनजी
3.. डेल्होजी 4.आछरोजी
5.. पदमोजी 6.. किल्होजी
7.. सुरजनजी 8.. सिवदासजी
9.. एकजी 10.. अमियादीनजी
11.. जोधोजी राईका 12.. केसोजी देहड़ू
13.. लालचंदजी 14.. कान्होजी बारहट
15.. आसनोजी भाट 16.. कोल्होजी चारण
17.. ऊदोजी नैण 18.. अल्लूजी कविया
19.. दीन महमंदजी 20.. रायचंदजी सुथार
21.. कुलचंदजी अग्रवाल 22.. राव लुणकरणजी
23.. रेड़ोजी सांवक 24.. वाजिदजी
25.. लखमणजी गोदारा 26.. आलमजी अग्रवाल
27.. रविदासजी धतरवाल 28.. भींवराजजी
29.. सुंदरदीनजी 30.. मेहोजी गोदारा
31.. रहमतजी 32.. गुणदासजी
33.. लाखूजी 34.. अज्ञात हुजुरी कवि
इस पुस्तक में जाम्भाणी कवि विल्होजी की रचनाएं संकलित है। उपरोक्त रचनाएं निम्न क्रम में है:-
1. कवि परिचय
2. कथा धड़ाबंध
3. कथा औतारपात
4. कथा गुगलिये की
5. कथा पुल्होजी की
6. कथा
इस पुस्तक में जाम्भाणी कवि विल्होजी की रचनाएं संकलित है। उपरोक्त रचनाएं निम्न क्रम में है:-
1. कवि परिचय
2. कथा धड़ाबंध
3. कथा औतारपात
4. कथा गुगलिये की
5. कथा पुल्होजी की
6. कथा द्रोणपुर की
7. कथा जैसलमेर की
8. कथा झोरड़ां की
9. कथा ग्यानचरी
10. कवत परसंग का
11. सच अखरी विगतावली
12. साखी- 10
13. हरजस- 21
14. विसन छतीसी
15. छप्पय- 45
16. मंझ अखरा दुहा अवतार का
17. छुटक साखियां
इस पुस्तक में जाम्भाणी हजुरी कवि ऊदो जी नैण की रचनाएं संकलित है। उपरोक्त रचनाएं निम्न क्रम में है:-
1. कवि परिचय
2. साखी- 16
3. हरजस- 8
4. आरती- 4
5. कवित्त (छप्पय)-70
6. धर्मनियम संबधी कव
इस पुस्तक में जाम्भाणी हजुरी कवि ऊदो जी नैण की रचनाएं संकलित है। उपरोक्त रचनाएं निम्न क्रम में है:-
1. कवि परिचय
2. साखी- 16
3. हरजस- 8
4. आरती- 4
5. कवित्त (छप्पय)-70
6. धर्मनियम संबधी कवित्त-5
7. धर्मनियम संबधी ड्योढे छप्पय-2
8. ग्रभ चिंतावणी- 142 छंद
इस पुस्तक में जाम्भाणी हजुरी कवि 'मेहो जी गोदारा थापन' द्वारा रचित रामायण संकलित है, यह रचना 261 दोहे-चौपाइयों का एक आख्यान काव्य है। उपरोक्त रचनाएं निम्न क्रम में है:-
1. कवि परिचय
इस पुस्तक में जाम्भाणी हजुरी कवि 'मेहो जी गोदारा थापन' द्वारा रचित रामायण संकलित है, यह रचना 261 दोहे-चौपाइयों का एक आख्यान काव्य है। उपरोक्त रचनाएं निम्न क्रम में है:-
1. कवि परिचय
2. कथासार
3. रामजन्म और वनगमन
4. रावण द्वारा सीताहरण का विचार
5. मृगा मरण और सीता हरण
6. सीता की खोज
7. हनुमंत का लंका गमन
8. रामादल का लंका आगमन
9. लक्ष्मण का मूर्छित होना
10. महरावण वध
11. रावण वध
इस पुस्तक में जाम्भाणी हजुरी कवि पदम भगत कृत 'किसनजी रो विवाहलो' नामक आख्यान काव्य संकलित है। जो कि क्रिसनजी रो ब्यावलो व रूकमणी मंगल आदि अन्य नामों से भी प्रसिद्ध है। उपरोक्त
इस पुस्तक में जाम्भाणी हजुरी कवि पदम भगत कृत 'किसनजी रो विवाहलो' नामक आख्यान काव्य संकलित है। जो कि क्रिसनजी रो ब्यावलो व रूकमणी मंगल आदि अन्य नामों से भी प्रसिद्ध है। उपरोक्त आख्यान काव्य निम्न क्रम में है:-
1. कवि एवं रचना परिचय
2. वंदना
3. प्रस्तावना
4. शिशुपाल का कुनणापुर पहुंचना
5. रूकमणी की व्यथा
6. रूकमणी द्वारा कृष्ण को संदेश भेजना
7. कृष्ण की बरात
8. गणपत प्रसंग
9. कृष्ण का कुनणापुर पहुंचना
10. अंबिका पूजन और हरण
11. युद्ध
12. शिशुपाल और भाभी
13. कृष्ण रूकमणी विवाह
14. रूकमणी की विदाई
इस पुस्तक में उत्तरकालीन 14 विशनोई कवियों द्वारा रचित 66 मूल हरजसों का संकलन कविनाम व उनके जीवनकाल सहित पृथक पृथक दिया गया है।
1. देवो जी (वि.सं. 1700-1780) (हरजस- 1)
2. हरिनंद जी (वि.सं.1700-1780) (
इस पुस्तक में उत्तरकालीन 14 विशनोई कवियों द्वारा रचित 66 मूल हरजसों का संकलन कविनाम व उनके जीवनकाल सहित पृथक पृथक दिया गया है।
1. देवो जी (वि.सं. 1700-1780) (हरजस- 1)
2. हरिनंद जी (वि.सं.1700-1780) (हरजस- 1)
3. रासानंद जी (वि.सं. 1700-1800) (हरजस- 2)
4. मुकन जी (वि.सं 1710-1790) (हरजस- 1)
5. अज्ञात कवि (वि.सं. की 18 वीं सदी) (हरजस-2)
6. हीरानंद जी (वि.सं. 1750-1800) (हिंडोलणों- 1)
7. परमानंद जी बैनिवाल (वि.सं. 1750-1845) (हरजस- 42)
8. रामलला जी (वि.सं. 1775-1850)(हरजस-2)
9. गंगाराम जी (वि.सं. 1783-1883) (हरजस- 3)
10. सूरतराम जी (वि.सं. 1787-1887) (हरजस-5)
11. विष्णुदास जी (वि.सं. 1800-1885) (हरजस-2)
12. उदो जी अडीग (वि.सं. 1818-1933) (लूर-1)
13. पीताम्बरदास जी (वि.सं. की 19वीं सदी) (हरजस-1)
14. साहबराम जी राहड़ (वि.सं. 1871-1948)(हरजस-2)
इस पुस्तक में जाम्भाणी हजुरी कवि डेल्होजी कृत 'कथा अहमनी' नामक आख्यान काव्य संकलित है। मूल कथा के साथ-साथ कथासार भी दिया गया है।
1. कवि एवं रचना परिचय
2. कथा अहमनी छंद 1-41
3. कथा अहम
इस पुस्तक में जाम्भाणी हजुरी कवि डेल्होजी कृत 'कथा अहमनी' नामक आख्यान काव्य संकलित है। मूल कथा के साथ-साथ कथासार भी दिया गया है।
1. कवि एवं रचना परिचय
2. कथा अहमनी छंद 1-41
3. कथा अहमनी छंद 42-64
4. कथा अहमनी छंद 65-118
5. कथा अहमनी छंद 119-158
6. कथा अहमनी छंद 159-187
7. कथा अहमनी छंद 188-208
8. कथा अहमनी छंद 209-265
9. कथा अहमनी छंद 266-321
10. कथा अहमनी छंद 322-487
11. कथा अहमनी छंद 488-538
12. कथा अहमनी छंद 539-563
13. कथा अहमनी छंद 564-611
14. कथा अहमनी छंद 612-654
15. कथा अहमनी छंद 655-694
16. कथा अहमनी छंद 695-717
इस पुस्तक में उत्तरकालीन विशनोई कवियों द्वारा रचित मूल साखी, आरती व भजन का संकलन कविनाम व उनके जीवनकाल सहित पृथक पृथक किया गया है। 17 कवियों द्वारा रचित 24 साखी, 6 आरती व 28 भजनों का
इस पुस्तक में उत्तरकालीन विशनोई कवियों द्वारा रचित मूल साखी, आरती व भजन का संकलन कविनाम व उनके जीवनकाल सहित पृथक पृथक किया गया है। 17 कवियों द्वारा रचित 24 साखी, 6 आरती व 28 भजनों का संकलन इस पुस्तक में किया गया है।
1. गोकल जी बैनिवाल (वि.सं. 1700-1790) (2 साखी)
2. चतरदास जी (वि.सं.1700-1800) (1 भजन)
3. हर जी बैनिवाल (वि.सं. 1745-1835) (11 साखी)
4. परमानंद जी बैनिवाल (वि.सं. 1750-1845) (4 साखी)
5. अज्ञात कवि (वि.सं.1750) भजन- 1
6. मोतीराम जी (वि.सं.1850-1925) (1 आरती)
7. अज्ञात (वि.सं.1850-1925) (1 आरती)
8. गोविंद जी गोदारा (वि.सं. 1860-1950) (2 साखी)
9. साहबराम जी राहड़ (वि.सं. 1871-1948) (2 साखी, 2 आरती, 2 भजन)
10. अज्ञात कवि (वि.सं.1875) भजन- 1
11. पीतांबरदास (वि.सं. की 19वीं सदी) (1 आरती)
12. अज्ञात कवि (वि.सं.1900-1950) भजन-1
13. ब्राह्मनंद जी (वि.सं.1910-1985) (1 भजन)
14. माधवानंद जी (वि.सं.1925-1975) (13 भजन)
15. बद्रीदास जी (वि.सं.1950) (5 भजन)
16. साधु जगदीशराम जी (वि.सं.1960-2005) (3 साखी, 3 भजन)
17. जगमालदास (वि.सं.1960) (1 आरती)
इस पुस्तक में संत विल्होजी एवं उनके समकालीन विशनोई कवियों द्वारा रचित मूल हरजसों का संकलन कविनाम व उनके जीवनकाल सहित पृथक पृथक किया गया है। 6 कवियों के 88 हरजसों का संकलन इस पुस
इस पुस्तक में संत विल्होजी एवं उनके समकालीन विशनोई कवियों द्वारा रचित मूल हरजसों का संकलन कविनाम व उनके जीवनकाल सहित पृथक पृथक किया गया है। 6 कवियों के 88 हरजसों का संकलन इस पुस्तक में किया गया है।
1.संत विल्हो जी (वि.सं.1589-1673)
(21 हरजस)
2. सुरजन जी पुनियां (वि.सं.1640-1748)
(48 हरजस)
3. केसो जी गोदारा (वि.सं.1630-1736)
(13 हरजस)
4. मिठुदास जी (वि.सं.1650-1750)
(3 हरजस)
5. दुरगदास जी (वि.सं.1600-1680)
( 2 हरजस)
6. माखन जी (वि.सं. 1650-1750)
(1 हरजस)
इस पुस्तक में उत्तरकालीन 33 विशनोई कवियों द्वारा रचित मूल छंदो व लघु गद्य रचनाओं को उनके जीवनकाल सहित पृथक पृथक दिया गया है।
1. हरिनंद जी 2. गोकल जी बैनिवाल
3. मुकन जी 4. सेवाद
इस पुस्तक में उत्तरकालीन 33 विशनोई कवियों द्वारा रचित मूल छंदो व लघु गद्य रचनाओं को उनके जीवनकाल सहित पृथक पृथक दिया गया है।
1. हरिनंद जी 2. गोकल जी बैनिवाल
3. मुकन जी 4. सेवादास जी गोदारा
5. सुदामा जी 6. हीरानंद जी
7. हरजी बैनिवाल 8. परमानंद जी बैनिवाल
9. गोविंदराम जी बागड़िया 10. हरचंद जी ढुकिया
11. कवि अज्ञात 12. मयाराम जी
13. खेरातीराम मेरठी 14. विष्णुदास जी
15. हरिकिशन जी 16. पोकरदास जी
17. ऊदो जी अडीग 18. लीलकंठ जी (वेचुव)
19. गोविन्दराम जी गोदारा 20. खेमदास जी जाखड़
21. कवि अज्ञात 22. साधु मुरलीदास जी
23. कवि अज्ञात 24. कवि अज्ञात
25. परसराम जी 26.केसोदास जी
27. साहबराम जी राहड़ 28. बिहारीदास जी
29. कवि अज्ञात 30. शीतल जी
31. कवि अज्ञात 32. हिम्मतराय जी
33. मुंशी किशोरीलाल गुप्त
इस पुस्तक में गुरू जाम्भोजी के शिष्यों द्वारा रचित मूल हरजस, गीत व आरतियों का संकलन कविनाम व अनुमानित जीवनकाल के साथ पृथक पृथक दिया गया है। इसमें 10 कवियों के 32 हरजस, 14 गीत और 5 आरतिय
इस पुस्तक में गुरू जाम्भोजी के शिष्यों द्वारा रचित मूल हरजस, गीत व आरतियों का संकलन कविनाम व अनुमानित जीवनकाल के साथ पृथक पृथक दिया गया है। इसमें 10 कवियों के 32 हरजस, 14 गीत और 5 आरतियां दी गई है-
1.आलमजी अग्रवाल (वि.सं. 1530-1610)(12 हरजस)
2.उदोजी नैण (वि.सं. 1505-1593) (8 हरजस व 4 आरती)
3.रविदासजी धतरवाल (वि.सं. 1530-1600)(3 हरजस)
4.दीन महमंदजी (वि.सं. 1525-1600)(4 हरजस)
5.आसनोजी भाट (वि.सं. 1500-1600)(1 हरजस)
6.कान्होजी बारहट (वि.सं. 1500-1580)(1 हरजस व 1 गीत)
7.तेजोजी चारण (वि.सं. 1480-1575)(1 हरजस व 12 गीत)
8.पदमोजी (वि.सं. 1500-1555)(1 हरजस व 1 आरती)
9.रहमतजी (वि.सं. 1550-1625)(1 हरजस)
10.अल्लूजी कविया (वि.सं. 1520-1620)(1 गीत)
इस पुस्तक में गुरू जाम्भोजी के समकालीन विशनोई कवियों द्वारा रचित कवित्त व छप्पय छंदों का संकलन कविनाम व अनुमानित जीवनकाल के साथ पृथक पृथक दिया गया है। उदोजी नैण के द्वारा रचित
इस पुस्तक में गुरू जाम्भोजी के समकालीन विशनोई कवियों द्वारा रचित कवित्त व छप्पय छंदों का संकलन कविनाम व अनुमानित जीवनकाल के साथ पृथक पृथक दिया गया है। उदोजी नैण के द्वारा रचित धर्मनियम संबधी कवित्त व डयोढे छप्पय महत्वपूर्ण है।
इस पुस्तक में विल्होजी, उनके शिष्यों तथा समकालीन विशनोई कवियों द्वारा रचित मूल साखियों का संकलन कविनाम व अनुमानित जीवनकाल के साथ पृथक पृथक दिया गया है। इन साखियों में कई ऐतिहास
इस पुस्तक में विल्होजी, उनके शिष्यों तथा समकालीन विशनोई कवियों द्वारा रचित मूल साखियों का संकलन कविनाम व अनुमानित जीवनकाल के साथ पृथक पृथक दिया गया है। इन साखियों में कई ऐतिहासिक महत्व की साखियां भी शामिल है-
1. विक्रम संवत् 1673 को मुकाम में पंथनियम, जांभाणी थाट व निज मंदिर के कलश की रक्षा हेतु हुए खड़ाणे की साखी।
2. विक्रम संवत् 1661 को रैवासड़ी में वृक्ष रक्षार्थ हुए खड़ाणे की साखी।
3. तिलवासनी गांव के विसनोईयों द्वारा खेजड़ला गांव में वृक्ष रक्षार्थ किए खड़ाणे की साखी।
4. विक्रम संवत् 1664 को जांभोलाव मेले में धानु पुनियां के बलिदान की साखी।
5. विक्रम संवत् 1700 को पोलावास गांव के बुचोजी ऐचरा द्वारा वृक्ष रक्षार्थ बलिदान देने की साखी।
6. विक्रम संवत् 1710 को जांभोलाव पर गंगापार के विसनोईयों द्वारा खड़ाणे की साखी।
7. विक्रम संवत् 1700 को धवा गांव के रामुजी खोड़ द्वारा कापरड़ा गांव में पंथनियम रक्षार्थ बलिदान देने की साखी।
8. विक्रम संवत् 1593 में मुकाम में वियोग के खड़ाणे की साखी।
9. नागौर के रामदास द्वारा पंथनियम रक्षार्थ बलिदान की साखी।
इन ऐतिहासिक साखियों के अतिरिक्त और भी कई महत्वपूर्ण साखियां शामिल है।
इस पुस्तक में गुरू जाम्भोजी के शिष्यों द्वारा रचित मूल साखियों का संकलन कविनाम व अनुमानित जीवनकाल के साथ पृथक पृथक दिया गया है। इसमें 23 ज्ञात कवियों एवं अज्ञात कवियों की कुल 72
इस पुस्तक में गुरू जाम्भोजी के शिष्यों द्वारा रचित मूल साखियों का संकलन कविनाम व अनुमानित जीवनकाल के साथ पृथक पृथक दिया गया है। इसमें 23 ज्ञात कवियों एवं अज्ञात कवियों की कुल 72 साखी दी गई है-
1. उदो जी नैण- 16 साखी
2. आलम जी अग्रवाल- 8 साखी
3. रायचंद जी सुथार- 6 साखी
4. सुदरदीन जी- 3 साखी
5. कुलचंद जी अग्रवाल- 2 साखी
6. समसदीन जी- 2 साखी
7. अमियादीन जी- 1 साखी
8. आछरो जी- 1 साखी
9. एकजी- 1 साखी
10. केसो जी देहड़ू- 1 साखी
11. गुणदास जी- 1 साखी
12. जोधो जी राईका- 1 साखी
13. डेल्हो जी- 1 साखी
14. तेजो जी चारण- 1 साखी
15. भींवराज जी- 1 साखी
16. रविदास जी धतरवाल- 1 साखी
17. रेड़ो जी सांवक- 1 साखी
18. लखमण जी गोदारा- 1 साखी
19. लाखु जी- 1 साखी
20. लालचंद जी- 1 साखी
21. वाजिद जी- 1 साखी
22. शिवदास जी- 1 साखी
23. सुरजन जी- 1 साखी
24. अज्ञात कवि- 18 साखी
इस पुस्तक में गोदारा वंश की वंशावली एवं इतिहास दिया गया है। यह पुस्तक समस्त गोदारा (जाट, विशनोई, सिद्ध व सिख) बंधुओं के लिए उपयोगी है।
इस पुस्तक में गोदारा वंश की वंशावली एवं इतिहास दिया गया है। यह पुस्तक समस्त गोदारा (जाट, विशनोई, सिद्ध व सिख) बंधुओं के लिए उपयोगी है।
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