Mythology

शहद की फ़ीकी लक़ीर (मोनोलॉग)
By Devesh Path Sariya in Mythology | পড়ার জন্য : 32,952 | পছন্দ: 729
शीर्षक: शहद की फ़ीकी लक़ीर (मोनोलॉग) तुम्हारी स्मृतियों की छूट गई लकीर से बना एक शब्दचित्र है। गद्य है। सारी उलझन इस  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 11,2022 08:17 PM
Imandari
By Sanjeev Mongia in Mythology | পড়ার জন্য : 2,167 | পছন্দ: 3
हरियाण बॉर्डर  से सटा उतरी दिल्ली का एक कस्बा है  नरेला, आज तीन बेटियों के बाप मास्टर ओमप्रकाश को तीस साल से ज्या  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 17,2022 10:08 AM
पछतावा
By Amit mishra in Mythology | পড়ার জন্য : 7,631 | পছন্দ: 162
नीरा जल्दी करो और कितना समय लोगी, पार्क जा रहे हैं, टहलने कहीं शादी-पार्टी में नही। संकल्प अपनी पत्नी नीरा से ऐसा कह   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 17,2022 08:20 PM
बीते लम्हें... बीती बातें बन जाते हैं।
By Shivani singh in Mythology | পড়ার জন্য : 2,825 | পছন্দ: 6
आकाश - आह!! काफ़ी सर्दी है!              2 चाय। (दुकानदार से।) शार्विल - अगर थोड़ी देर और ऑफिस में रुकता, तो मेरा सर फट   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 22,2022 05:52 PM
राम-राज्य का धोबी
By Mohit Mishra in Mythology | পড়ার জন্য : 4,238 | পছন্দ: 1
जब से अयोध्या में युवा कुमारों ने अपने प्रश्नों से आग लगाई है, मैं अचानक से पुनः चर्चा के केंद्र में आ गया हूँ। पहले   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 23,2022 03:40 PM
चोरी का धन
By Chandresh Kumar Chhatlani in Mythology | পড়ার জন্য : 3,193 | পছন্দ: 1
“माँ! माँ!...” कितना खूबसूरत पल होता है हर माँ के लिए, जब उसका लाडला पहली बार यह शब्द बोलता है। किलकारियों के साथ अप  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 28,2022 12:41 PM
हक
By Ekta Ranga in Mythology | পড়ার জন্য : 4,084 | পছন্দ: 9
आखिरकार वैभव अक्षरा की बात मान ही गया। आज तीन साल बाद वह हमेशा के लिए भारत लौट रहा था। वैभव करीब तीन साल से अमेरिका क  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jul 3,2022 08:35 PM
अदरक वाली चाय
By jayasahay108 in Mythology | পড়ার জন্য : 3,065 | পছন্দ: 0
सुबह से उदास सुशील जब कहीं चैन नहीं पा सका तब सहसा उसे चाय का ख़्याल आया, बस फ़िर क्या था, फटाफट उसने लैपटॉप बंद किया और   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jul 10,2022 10:59 PM