Humour

झिल्ला !
By saharaprabhatsingh in Humour | পড়ার জন্য : 3,160 | পছন্দ: 0
तुम्हारे पास कित्ते झिल्ला हैं ? चार ! दुई हमरे तीर । दुई छुटकी तीर हैं। जोड़ो जोड़ो कित्ते झिल्ला ? उंगलियों के पोरों प  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 13,2022 12:17 PM
गधे की चाकरी
By Dharmendra Mishra in Humour | পড়ার জন্য : 5,465 | পছন্দ: 4
                                                                                     বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 13,2022 05:10 PM
कल्लू बन गया कलेक्टर साहब
By Rahul Shrivastava in Humour | পড়ার জন্য : 3,531 | পছন্দ: 0
एक मास्टर जी बच्चों को पढ़ा रहे थे और बीच बीच में उन पर रौब भी जताते जाते थे , "तुम जैसे गधों को ठीक करना आता है मुझे , मेन  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 13,2022 11:37 PM
अरे! इतना सब क्यों किया??
By Payal Dhabalia in Humour | পড়ার জন্য : 4,551 | পছন্দ: 19
"अरे! बाप रे ! इतना सबकुछ क्यों बनाया ?? मैने कहा था ना,दोनो मिलकर कुछ सिंपल सा बना लेंगे। लगता है सुबह से लगी हो।" दोपहर   বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 14,2022 01:55 PM
झूठ बोलोगे?
By Sarvjeet Soni in Humour | পড়ার জন্য : 3,430 | পছন্দ: 0
झूठ बोलना, जो बात जैसी है उसे वैसे ना बताकर कुछ और बताना, झूठ, हम सब इस बात से भी सहमत है कि झूठ बोलना सही नहीं है। पर को  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 18,2022 12:45 PM
सैंडिल चुभ रही थी
By Shashi Singh in Humour | পড়ার জন্য : 3,550 | পছন্দ: 3
ये उन दिनों की बात है जब कॉलेज में पढ़ा करते थे। हज़ारीबाग़ तब बिहार का ही हिस्सा था। इस शांत और खूबसूरत शहर में पढ़  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 18,2022 10:09 PM
ईमानदारी
By mayank agnihotri in Humour | পড়ার জন্য : 4,180 | পছন্দ: 1
ईमानदारी.................ईमानदार होना किसी पर उपकार या एहसान करना नही, बल्कि यह एक फ़र्ज़ है।जो कि इस नकली ज़माने में कब फर्जी बन  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 20,2022 06:47 PM
रीढ़-विहीन भारत
By Himanshu Sharma in Humour | পড়ার জন্য : 3,308 | পছন্দ: 0
मैं इक दिन रास्ते से कहीं चला जा रहा था कि देखा इक आदमी पड़ा हुआ है वहाँ जो किसी वाहन से टकरा गया था! इक सभ्य नागरिक होन  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 21,2022 07:55 PM
ट्रेन टू बचपन
By deeptimittal403 in Humour | পড়ার জন্য : 4,933 | পছন্দ: 6
पंकज मिश्रा ने सुबह-सुबह सहारनपुर से दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़ी और विंडो सीट पकड़कर इत्मिनान से बैठ गया। सामने की ब  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 25,2022 05:07 PM
वेइंग मशीन की कारामात
By kumaripragati1988 in Humour | পড়ার জন্য : 5,046 | পছন্দ: 17
घर का काम होते ही महिमा सोफे पर बैठकर सुस्ताने लगी तभी अंकिता उसके पास आकर कहने लगी मम्मी मेरे साथ खेलों ना!  दो दि  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jun 26,2022 08:56 PM
बांकेलाल
By Alok Singh in Humour | পড়ার জন্য : 4,332 | পছন্দ: 1
बांकेलाल आपने पचास साठ के दशक की फिल्में तो देखी हीं होंगी, इन फिल्मो की पृष्ठभूमि अक्सर एक निम्न मध्यम वर्गीय परि  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jul 8,2022 11:27 AM
आशिक़ी का भूत
By kushwaharavi389 in Humour | পড়ার জন্য : 5,156 | পছন্দ: 10
अब समाज में न कोई जमींदार रह गया है और न ही कोई किसान महतो जिसके बैल, खेत-खलिहान व घर-द्वार गिरवी पड़े हो किसी दुष्ट ज  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jul 8,2022 09:29 PM
#Hashtag
By haseeb.khan4 in Humour | পড়ার জন্য : 4,124 | পছন্দ: 0
#instagram #reelsinstagram #trending #viral #love #explore #instagood #explorepage #tiktok #reelitfeelit #sexy #hot  कहानियाँ हर जगह छुपी होतीं हैं। मिस्टर शर्मा के जेब में जो wallet रहता ह  বেশি পড়ুন...
প্রকাশিত হয়েছে Jul 10,2022 09:15 PM