Mythology

शहद की फ़ीकी लक़ीर (मोनोलॉग)
By Devesh Path Sariya in Mythology | वाचलं गेलेलं: 32,776 | लाइक: 729
शीर्षक: शहद की फ़ीकी लक़ीर (मोनोलॉग) तुम्हारी स्मृतियों की छूट गई लकीर से बना एक शब्दचित्र है। गद्य है। सारी उलझन इस  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 11,2022 08:17 PM
Imandari
By Sanjeev Mongia in Mythology | वाचलं गेलेलं: 2,096 | लाइक: 3
हरियाण बॉर्डर  से सटा उतरी दिल्ली का एक कस्बा है  नरेला, आज तीन बेटियों के बाप मास्टर ओमप्रकाश को तीस साल से ज्या  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 17,2022 10:08 AM
पछतावा
By Amit mishra in Mythology | वाचलं गेलेलं: 7,523 | लाइक: 162
नीरा जल्दी करो और कितना समय लोगी, पार्क जा रहे हैं, टहलने कहीं शादी-पार्टी में नही। संकल्प अपनी पत्नी नीरा से ऐसा कह   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 17,2022 08:20 PM
बीते लम्हें... बीती बातें बन जाते हैं।
By Shivani singh in Mythology | वाचलं गेलेलं: 2,734 | लाइक: 6
आकाश - आह!! काफ़ी सर्दी है!              2 चाय। (दुकानदार से।) शार्विल - अगर थोड़ी देर और ऑफिस में रुकता, तो मेरा सर फट   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 22,2022 05:52 PM
राम-राज्य का धोबी
By Mohit Mishra in Mythology | वाचलं गेलेलं: 4,034 | लाइक: 1
जब से अयोध्या में युवा कुमारों ने अपने प्रश्नों से आग लगाई है, मैं अचानक से पुनः चर्चा के केंद्र में आ गया हूँ। पहले   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 23,2022 03:40 PM
चोरी का धन
By Chandresh Kumar Chhatlani in Mythology | वाचलं गेलेलं: 3,076 | लाइक: 1
“माँ! माँ!...” कितना खूबसूरत पल होता है हर माँ के लिए, जब उसका लाडला पहली बार यह शब्द बोलता है। किलकारियों के साथ अप  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 28,2022 12:41 PM
हक
By Ekta Ranga in Mythology | वाचलं गेलेलं: 3,963 | लाइक: 9
आखिरकार वैभव अक्षरा की बात मान ही गया। आज तीन साल बाद वह हमेशा के लिए भारत लौट रहा था। वैभव करीब तीन साल से अमेरिका क  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jul 3,2022 08:35 PM
अदरक वाली चाय
By jayasahay108 in Mythology | वाचलं गेलेलं: 2,933 | लाइक: 0
सुबह से उदास सुशील जब कहीं चैन नहीं पा सका तब सहसा उसे चाय का ख़्याल आया, बस फ़िर क्या था, फटाफट उसने लैपटॉप बंद किया और   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jul 10,2022 10:59 PM