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BABA JI KA VARDAAN (Part-3)
By Kuldeep Suman Sharma in Humour & Comedy | कुल पढ़ा गया: 397 | कुल पसंद किया गया: 0
Ghar panhuchte hi fresh ho kar main sidhe internet par baith gaya aur sapno ke such hone se jude content ka analisis karne laga. Net par kai logon ke anubhav bhare pade the. Jaise kisi ne sapna dekha ki 2 saal baad vo ganja ho jayega aur theek 2 saal baad us ke sir se aakhri baal uda,  ya kisi   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 26,2020 06:46 PM
पर्दे की बातें हक्कीत से मिलकर मुकर गई
By kamal kumar in Poetry | कुल पढ़ा गया: 426 | कुल पसंद किया गया: 2
कितनी बाते हुआ करती थी  ये किसकी नज़र लग गयी  कितने खुश थे हम दोनों  ग़लतफ़हमी थी जो घर कर गयी  चाह कर भी तेरा दूर न  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 26,2020 07:43 PM
Radha
By Geeta Bhoir in Poetry | कुल पढ़ा गया: 446 | कुल पसंद किया गया: 0
मन मे मोह के  बीज लिए ना ढूंढो गिरीधर को आत्म समर्पित हो जा ओं मन में बसे मुरलीधर को  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 26,2020 08:45 PM
love exist
By Lucky in True Story | कुल पढ़ा गया: 211 | कुल पसंद किया गया: 1
Mera pehla school,LEARNER'S HIGH SCHOOL Jaha teachers or students k bich relation bas ek horror movie k tarha thi, feb ki month classes start hua hi tha or ek gang se fight ho gya uske chalte papa ne us school se nikal kr hum tino bhaiyo ko apne home town k school me admission kra diye.... Now, new   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 26,2020 09:52 PM
ख़्वाब
By prashant jain in Poetry | कुल पढ़ा गया: 371 | कुल पसंद किया गया: 1
रात अंधेरी काली एक दिन ख़्वाब में मेरे आयी थी ... अरसो बीते बात हुए पर वो खुद फोन लगायी थी ... आखि़र क्या बन आयी होगी उनक  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 26,2020 11:57 PM
Awaz-e-Parwaz
By Syed Misbah Uddin in Poetry | कुल पढ़ा गया: 282 | कुल पसंद किया गया: 1
Tu Wo Raag Hai Jo Bajne Ke Baad Bhi Gunjta Hai, Tu Wo Raakh Hai Jo Bujhne Ke Baad Bhi Bhadakta Hai; Tu Khud Ko Sabse Kamtar Aankta Kyu Phirta Hai, Tu To Aag Hai Na Phir Yun Sabse Machis Maangta Kyu Phirta Hai! ~Syed Misbah Uddin  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 27,2020 12:08 AM
#मानवता सबसे बड़ा धन है
By Smt. Urmila Sheokand in Supernatural | कुल पढ़ा गया: 1,083 | कुल पसंद किया गया: 3
लघू कहानी ........ #मानवता सबसे बड़ा धन है कुछ दिन पहले ही पति का तबादला दिल्ली हुआ । वो एक प्राईवेट कम्पनी में इंजीनियर   ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 27,2020 12:08 AM
पुत्र का शव
By Shubham Priyadarshan in Poetry | कुल पढ़ा गया: 256 | कुल पसंद किया गया: 0
कुंवर मेरे तुम तनिक प्रश्न में, त्याग गए क्यों जीवन सारा, क्यों तुमने मृत्यु अपनाई, पूछ रहा है तात तुम्हारा। पाहुन&su  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 27,2020 01:15 AM
कोरोना ने समझाया ठहराव का अर्थ
By rajni goyal in General Literary | कुल पढ़ा गया: 591 | कुल पसंद किया गया: 1
आज कल देश भर में हर कोई कोरोना वायरस को लेकर परेशान है। कुछ लोग घर से बाहर न निकलने की वजह से तंग है तो कुछ लोग सोशल मी  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 27,2020 11:46 AM
अनजाने जज्बात
By Bhavik in Poetry | कुल पढ़ा गया: 440 | कुल पसंद किया गया: 1
अनजान से जज्बातो कोरेह के घर जान पाया आज वो बातो को घर पे औरत कीतना सेहतीएक रोटी कीतने मिनटों में बनती कभी-कभी बातें  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 27,2020 11:53 AM
Khwaboon se bhigoya, zindgi ka sahil
By Misri joshi in Poetry | कुल पढ़ा गया: 465 | कुल पसंद किया गया: 2
kahi door khayaloon mai doobi ek chanchal laher.. ummidon ke samandar mai beh chali anjani si vo laher.. khilkhilati,zilmilati, apni masti mai doobi vo laher.. ummidon ke samndar mai bhini bhagi khushi se zilmilati vo lehar.. dheere dheere khwab chhut ne lage ,, ummidon ke samadar zindgi ke sahil se  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 27,2020 12:35 PM
Sambhavna
By sudhanshu bhardwaj in Poetry | कुल पढ़ा गया: 478 | कुल पसंद किया गया: 1
सम्भावना है हम पार कर जाएंगे, हर एक मुश्किल की थाह कर जाएंगे ; गर अपनाएं हम एहतियात मुश्किलों से लडने की , हर जंग हम जी  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 27,2020 12:46 PM
औरत
By Prerna Khemani in Poetry | कुल पढ़ा गया: 375 | कुल पसंद किया गया: 0
औरत वह बेटी है, जिसने बस अभी होश की चादर समेटी है, माता पिता के आँचल में पली बढ़ी है ; मगर बड़े होते होते इतनी तसल्ली तो  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 27,2020 12:50 PM
यहाँ मानवता ने दम तोड़ा और ‘हिप्पो-क्रिसी’ पनपी है
By Dr Jagdish Prasad in Poetry | कुल पढ़ा गया: 388 | कुल पसंद किया गया: 1
(‘हिप्पो-क्रिसी’- दंभ / बनावटीपन ) यहाँ मानवता ने दम तोड़ा और ‘हिप्पो-क्रिसी’ पनपी है !        ‘डाउ  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 27,2020 01:02 PM
जिंदगी से रूबरू ( कोरोना लॉक आउट के दिन )
By Yesh Pal Singh in Poetry | कुल पढ़ा गया: 758 | कुल पसंद किया गया: 0
जिंदगी ! तू इस रफ्तार से भी चल सकती है तू बिना रेल, बिना जहाज,  बिना मोटर कार के भी चल सकती है तू बिना किसी एड़ के चल स  ज्यादा पढ़ें...
इस तारीख़ को पब्लिश हुआ Mar 27,2020 06:33 PM