बिटिया विदाई "मतलब एक लडक़ी जिसकी शादी की पहली विदाई जो अपने माता पिता भाई बहन सबको छोड़कर बचपन में जिस आंगन में खेली उसको भीगी पलकों से देखते हुए। बचपन की मीठी यादों को, मां की डांट पिता का दुलार भाई बहन के छोटे मोटे झगड़े को मीठी यादें बनाकर अपने मन में समेटे हुए पलकों में आसूं भरकर उस घर की दहलीज को पार करती हैं। एक न एक दिन हर लड़की की जिंदगी का ये पल कुछ ख़ास तो कुछ गमगीन लेकिन एक अहम पल होता हैं।
"आंखो में नमी मगर होठों पर
एक मुस्कुर