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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalAchievements
स्याही के सुमन की शुरूआत काफ़ी मज़ेदार रहा है। इनके जीवन में दुखों की सुनामी ना आई होती तो स्याही के सुमन जन्मता ही नहीं। पाँच सितारा होटल से जेल यात्रा तक का सफर। महानगर की चकाच
स्याही के सुमन की शुरूआत काफ़ी मज़ेदार रहा है। इनके जीवन में दुखों की सुनामी ना आई होती तो स्याही के सुमन जन्मता ही नहीं। पाँच सितारा होटल से जेल यात्रा तक का सफर। महानगर की चकाचौंध से ढाई सालों का काल कोठरी प्रवास। ख़ुशियों के बसंत की बीच दुखों का सावन भादों। ज़िंदगी मानो तो इनका इम्तिहान ले रही थी। मानसिक रूप से अस्थिरता और जेल जीवन के लिए ख़ुद को सँभालना। अकेलापन निरंतर कुछ ना कुछ लिखने के लिए प्रेरित किया। मेरी पहली रचना जीवन का महत्व था जो पवित्र संदेश में प्रकाशित हुआ जिस में प्रभु येशु के महत्वों का उल्लेख किया हूँ। लोग बोलते है किसी भी शुभ कार्य के पहले प्रभु का स्मरण करना चाहिए। मेरी पहली रचना प्रभु की स्तुति थी। एक प्रयास है ज़िंदगी के खट्टे मीठे अनुभव, संवेदना, पीड़ा और उमंग को कविता के रूप में मेरी पुस्तक स्याही के सुमन में अलंकृत है।
*पुस्तक परिचय*
एम एस केशरी पब्लिकेशन द्वारा 5 और 6 जून को राष्ट्र स्तरीय कवि सम्मेलन यानि "मुजफ्फरपुर साहित्यिक महोत्सव " का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को बिहार के सभ्यता, सं
*पुस्तक परिचय*
एम एस केशरी पब्लिकेशन द्वारा 5 और 6 जून को राष्ट्र स्तरीय कवि सम्मेलन यानि "मुजफ्फरपुर साहित्यिक महोत्सव " का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को बिहार के सभ्यता, संस्कृति के अनुसार आयोजित किया गया और इसी कार्यक्रम में देश भर के प्रसिद्ध साहित्यकारों के द्वारा पुस्तक का निर्माण भी किया गया जिसका विमोचन कार्यक्रम में किया जा रहा है। कार्यक्रम में सभी साहित्यकारों ने एक से बढ़कर एक रचना प्रस्तुत की । यह बहुत ही गर्व का समय है जब देशभर के साहित्यकार मुजफ्फरपुर बिहार आए और सभी महिलाएँ साड़ी में और पुरुष धोती कुर्ता व कुर्ता पजामा में नजर आए।
"आशा पल्लव" मेरी प्रथम पुस्तक है जिसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को चार भागों में विभाजित किया गया है। यह किताब ईश्वर आराधना, प्रकृति, प्रेम और समाज में परिवर्तन के विषयों पर आधारि
"आशा पल्लव" मेरी प्रथम पुस्तक है जिसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को चार भागों में विभाजित किया गया है। यह किताब ईश्वर आराधना, प्रकृति, प्रेम और समाज में परिवर्तन के विषयों पर आधारित है। मेरी आशा है कि पाठक अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं को महसूस करेंगे। इस पुस्तक में मेरी अनुभवों और भावनाओं को व्यक्त करने की कोशिश की गई है, और मुझे उम्मीद है कि पाठक इसे आनंद लेंगे
पुस्तक परिचय
किसी इंसान के हक और महानता की यह काल्पनिक उपन्यास है। इंसान के दो चेहरे होते हैं। पहला वो चेहरा है, जो अन्दर की भावना को बाहर नही दर्शाता है लेकिन उसके अदंर बहुत
पुस्तक परिचय
किसी इंसान के हक और महानता की यह काल्पनिक उपन्यास है। इंसान के दो चेहरे होते हैं। पहला वो चेहरा है, जो अन्दर की भावना को बाहर नही दर्शाता है लेकिन उसके अदंर बहुत कुछ चलता रहता है और दुसरा वो जो हर किसी को जानबूझकर अपनी शारीरिक गतिविधियों के द्वारा अपनी भावनाओं को दर्शाता है।अगर किसी इंसान के अंदर उसका आत्मविश्वास बढ़ जाता है, तो वही इंसान कुछ अलग कर पाता है, स्थाई रूप से वो आगे बढ़ पाता है।इस उपन्यास के माध्यम से हम आप सभी के बीच सकारात्मक और नकारात्मक विचारों को दर्शाने का प्रयास किए हैं। इस उपन्यास मे कई पात्र मिलेगे। इन सभी पात्रो में आपको रामू और रमेश नामक पात्र से सिखने को मिलेगा और आप सभी पाठकों को इन पात्रो से प्रेरणा मिलेगी और आत्मविश्वास बढ़ जाएगा।आप सभी इस पुस्तक को पढ़े और अपनी प्रक्रिया अवश्य दे।
वीणावादिनी माँ सरस्वती स्तुति संग्रह एक निशुल्क साझा संकलन पुस्तक है। जिसमे ३० सह लेखक एंव लेखिका सम्मिलित है जिन्होने अपनी उत्कृष्ट रचना देकर इस पुस्तक का सृजन किया है।
वीणावादिनी माँ सरस्वती स्तुति संग्रह एक निशुल्क साझा संकलन पुस्तक है। जिसमे ३० सह लेखक एंव लेखिका सम्मिलित है जिन्होने अपनी उत्कृष्ट रचना देकर इस पुस्तक का सृजन किया है।
नव वर्ष के शुभ अवसर पर एम एस केशरी पब्लिकेशन द्वारा " ख्यालों की दुनिया.... " पुस्तक प्रकाशित होगी। जिसका विमोचन 31 दिसम्बर ठीक रात 12 बजे किया जाएगा। जिसकी संकलनकर्ता मुस्कान केशरी ज
नव वर्ष के शुभ अवसर पर एम एस केशरी पब्लिकेशन द्वारा " ख्यालों की दुनिया.... " पुस्तक प्रकाशित होगी। जिसका विमोचन 31 दिसम्बर ठीक रात 12 बजे किया जाएगा। जिसकी संकलनकर्ता मुस्कान केशरी जी और संपादक अरूण कुमार शुक्ल जी हैं। साथ ही इस पुस्तक में कुल 51 सह लेखक एंव लेखिका सम्मिलित हैं। सभी नें एक से बढ़कर उत्कृष्ट स्वरचित रचनाओं सें पुस्तक का सृजन किया गया।
बिटिया विदाई "मतलब एक लडक़ी जिसकी शादी की पहली विदाई जो अपने माता पिता भाई बहन सबको छोड़कर बचपन में जिस आंगन में खेली उसको भीगी पलकों से देखते हुए। बचपन की मीठी यादों को, मां की डा
बिटिया विदाई "मतलब एक लडक़ी जिसकी शादी की पहली विदाई जो अपने माता पिता भाई बहन सबको छोड़कर बचपन में जिस आंगन में खेली उसको भीगी पलकों से देखते हुए। बचपन की मीठी यादों को, मां की डांट पिता का दुलार भाई बहन के छोटे मोटे झगड़े को मीठी यादें बनाकर अपने मन में समेटे हुए पलकों में आसूं भरकर उस घर की दहलीज को पार करती हैं। एक न एक दिन हर लड़की की जिंदगी का ये पल कुछ ख़ास तो कुछ गमगीन लेकिन एक अहम पल होता हैं।
"आंखो में नमी मगर होठों पर
एक मुस्कुराहट होती हैं।
हंसता हुआ पिता भी रो देता हैं।
जब जान से प्यारी उसकी बेटी
उस घर की दहलीज से विदा होती हैं।"
ऐसे ही "बिटिया विदाई पुस्तक " को मैने और मेरे साथ कुछ सह लेखकों और लेखिकाओं ने अपने मन के भावों और विचारों को शब्दों में पिरोकर कुछ शब्दों के खेल का एक संग्रह कर पुस्तक का हिस्सा बनाया है।
मैं आशा करती हूं कि आप सभी पाठकों को ये हमारी अनोखी कोशिश पसन्द आएं।
हमने देखा है कि बहुत सारे विद्यालयों में परंपरागत तरीके से शिक्षण कार्य कराया जाता है शिक्षण कार्य मे गतिविधियों के न होने के कारण बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता है और वह कक्
हमने देखा है कि बहुत सारे विद्यालयों में परंपरागत तरीके से शिक्षण कार्य कराया जाता है शिक्षण कार्य मे गतिविधियों के न होने के कारण बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता है और वह कक्षा के बच्चों के अन्य खेल गतिविधियों में संलिप्त हो जाते है। बच्चे अन्य गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण लर्निंग आउटकम को प्राप्त नहीं कर पाते हैं। बच्चों को कक्षा में गतिविधि आधारित शिक्षण कार्य कराया जाए, इसलिए हमने गतिविधि आधारित शिक्षा प्रदान करने के लिए अलग-अलग शिक्षकों से स्वेच्छा से अपने नवाचार हमारे साथ साझा करने के लिए कहा। हमारी टीम के द्वारा वेहतरीन नवाचारों को एकत्र किया। शिक्षकों के द्वारा भेजे गए वेहतरीन नवाचारों को अपनी किताब में प्रकाशित कराएं गए है। नवाचारी किताब को अन्य शिक्षकगण पढ़ेंगे और उन नवाचारों को अपने विद्यालय के बच्चों के साथ साझा करगें तो लर्निंग आउटकम को प्राप्त कर सकेंगे। हमारा विश्वास है कि यह पुस्तक शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी।
धन्यवाद
हिंदी बाल कहानी आधुनिक युग की देन है वह आधुनिक सर्जक के चिंतन की उपज है। बाल कहानी यानी बच्चों के लिए लिखी गई कहानी जिसमें बच्चों की शिक्षा जिज्ञासा संस्कार एवं बाल मनोविज्ञान क
हिंदी बाल कहानी आधुनिक युग की देन है वह आधुनिक सर्जक के चिंतन की उपज है। बाल कहानी यानी बच्चों के लिए लिखी गई कहानी जिसमें बच्चों की शिक्षा जिज्ञासा संस्कार एवं बाल मनोविज्ञान को ध्यान में रखकर रचना की गई है वह चाहे नानी दादी की कहानियों के रूप में हो या बच्चों के आपस के खेल-खेल में हो, बाल कहानी की रचना बच्चों की मानसिक एवं बौद्धिक क्षमताओं के अनुसार लिखी जानी चाहिए जिससे बच्चों के मानसिक प्रशिक्षण के साथ-साथ उनके ज्ञान में भी निखार आये । बच्चों की दुनिया हमारी दुनिया से सर्वथा भिन्न होती है । उनके देखने समझने पढ़ने का नजरिया हमारी नजरों से भिन्न होता है । इसलिए बच्चों का साहित्य लिखने के लिए बच्चा बनना पड़ता है। ताकि उनके स्तर पर उतरकर उनकी भावना रुचियों और उनके मनोविज्ञान के साथ तारतम्य में बिता सके। एक शिक्षक स्वयं में बाल मनोविज्ञान का कार्य भी करता है तभी तो वह बोल मानस पटल पर उतारकर बच्चों के लिए कविता कहानी और उपन्यास लिख पाता है। बच्चों का मन मक्खन की तरह निर्मल होता है ।कविताओं और कहानियों के माध्यम से शिक्षक उनके मन में वह शक्ति प्रदान कर सकते हैं.
जय किसान संकलन में आप सभी सहभागिता करने वाले साहित्यकारों को धन्यवाद और इस वर्ष के सभी भारतीय त्योहारों कि हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें। इस संकलन के माध्यम से हम जानेगे कि हम ज
जय किसान संकलन में आप सभी सहभागिता करने वाले साहित्यकारों को धन्यवाद और इस वर्ष के सभी भारतीय त्योहारों कि हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें। इस संकलन के माध्यम से हम जानेगे कि हम जो घर या बाहर भोजन या नास्ता करते है उसे उगाने वाला कौन है और कैसे अन्न उगाता है। अन्न उगाने वाला किसान कितना मेहनत करता है। तो आइये हम उस भगवान स्वरुप किसान कि बात करते है। जो दिनभर खेत में अन्न उगाने के लिए खेतो को बैलो और हल के माध्यम से कड़ी मिट्टी को कोमल बनाता है। उसके बाद मिट्टी में जमे घासो को हटाता है। इसके बाद धान बोता है। फिर उसकी देखभाल करता है। दिनभर खेत में बैठा रहता है। फसलों को पक्षियों और पशुओ से बचाता है। समय समय पर पानी देता और और खेत कि मेड़ में बैठकर भोजन करता है।
जय श्री राम पुस्तक में 30 लेखक एंव लेखिका नें मिलकर भजन लिखा है। हम हिन्दुओं राम जी कों अपना आर्दश मानते हैं और हम सब नें भजन लिखा
जय श्री राम पुस्तक में 30 लेखक एंव लेखिका नें मिलकर भजन लिखा है। हम हिन्दुओं राम जी कों अपना आर्दश मानते हैं और हम सब नें भजन लिखा
इस पुस्तक के शीर्षक-रखने का एक मात्र उद्देश्य यह है कि जन जन तक यह बात पहुंचाना कि हर बच्चे अपनी मां बाप के लिए हमेशा छोटे ही रहते है... परंतु वे छोटे होते नहीं है। हर मां बाप को अपने
इस पुस्तक के शीर्षक-रखने का एक मात्र उद्देश्य यह है कि जन जन तक यह बात पहुंचाना कि हर बच्चे अपनी मां बाप के लिए हमेशा छोटे ही रहते है... परंतु वे छोटे होते नहीं है। हर मां बाप को अपने बच्चों को उनके बचपने में ही स्पर्श और अस्पर्श में फर्क समझाए,उन्हें सभी अनजान व्यक्तियों से दूर रखे ,सिर्फ अनजान से ही नहीं उनके जानने वालो से भी। कभी किसी के भरोसे न छोड़े ...अगर बच्चे कुछ कहना चाहते हैं तो उनकी जरूर सुने उन्हें अनसुना ना करें, उनका साथ दें। हम लड़कियां बाहर तो लड़ लेते हैं, जीत लेते हैं पर घर में हार जाते हैं वजह घर वाले.... मां बाप द्वारा बच्चों को अनदेखा कर रिश्तेदारों को तवज्जू देता देख टूट जाते हैं। मेरा हर एक परिजनों से निवेदन है ....बच्चों को समझें,उनकी सुने और सही समय पर स्पर्श और आस्पर्श आदि चीजों के विषय से उन्हें परिपक्व बनायें।।
जिंदगी: संघर्ष की निशानी, देश के विभिन्न प्रांतों के लेखकों/कवियों द्वारा रचित 30 कविताओं का काव्य संग्रह है, जो हमारी जिंदगी में घटित घटनाओं, चुनौतियाँ, दुःख-पीड़ा, खुशी-आनंद जैसे
जिंदगी: संघर्ष की निशानी, देश के विभिन्न प्रांतों के लेखकों/कवियों द्वारा रचित 30 कविताओं का काव्य संग्रह है, जो हमारी जिंदगी में घटित घटनाओं, चुनौतियाँ, दुःख-पीड़ा, खुशी-आनंद जैसे क्षणों में मानव चेतना की गति एवं मानव अन्तर्मन की दशा एवं दिशा को दिखाने का अनूठा प्रयास किया गया है। मानव जीवन में हम विभिन्न प्रकार की समस्याओं और चुनौतियाँ का सामना करते हैं और कई बार हमारे सामने असमंजस की स्थिति होती है, विभिन्न प्रकार के भाव हमारे अंतर्मन में अवचेतन रूप से आते-जाते रहते हैं। उन क्षणों में हम किस प्रकार ऊहापोह की स्थिति से उबरते हैं, हमारी जिजीविषा किस प्रकार अवसाद के क्षणों में हमारी जीवटता को प्रदर्शित करती है? इसको बड़े ही खूबसूरत तरीके से कविता के माध्यम से अभिव्यक्त किया गया है।
मुंबई की लोकल ट्रेन, मुंबई की लाइफलाइन है। अनाथ 'टाइगर' जो एक पॉकेटमार है, इसी लाइफलाइन के सहारे बड़ा हुआ है। एक दिन इसी लोकल ट्रेन में 'टाइगर' की मुलाक़ात 'तन्वी' से होती है और फिर, उसक
मुंबई की लोकल ट्रेन, मुंबई की लाइफलाइन है। अनाथ 'टाइगर' जो एक पॉकेटमार है, इसी लाइफलाइन के सहारे बड़ा हुआ है। एक दिन इसी लोकल ट्रेन में 'टाइगर' की मुलाक़ात 'तन्वी' से होती है और फिर, उसकी ज़िन्दगी उलझ जाती है। जैसे - जैसे कहानी आगे बढ़ती है, रहस्य गहराता जाता है और रोमांच बढ़ता चला जाता है।
'तन्वी' कौन है?
क्या 'टाइगर' इन उलझनों से निकल पाता है?
यह पुस्तक 'पॉकेटमार', ऐसे ही ढेर सारे सवालों का जवाब देती है।
हमारी नई "पुस्तक आशियाना तुम्हारा "आशा करती हूं। आप सभी के दिल को छू जायेगी और आपको ये पुस्तक बहुत पसंद आयेगी । कहते हैं कि जब एक परिवार में प्यार होता है तो उसी परिवार से मिलकर घर ब
हमारी नई "पुस्तक आशियाना तुम्हारा "आशा करती हूं। आप सभी के दिल को छू जायेगी और आपको ये पुस्तक बहुत पसंद आयेगी । कहते हैं कि जब एक परिवार में प्यार होता है तो उसी परिवार से मिलकर घर बनता है । ठीक उसी प्रकार एक आशिक के प्यार से संजोकर आशियाना बनता है । हर आशियाने में एक आशिक होता है । जिसमें एक जूनून होता है और उसी जूनून से वो प्यार का सही मतलब बताता है । आशिक कभी दोखा या फरेब नहीं करते और जो ये करे .. वो आशिक ही नहीं होते । आशिक प्रेम का सही अर्थ जानते हैं और उसकी परिभाषा सभी को सिखाते हैं । अपनी दीवानगी की संसार में बारिश करके दिखाते हैं। वो कभी साथ नहीं छोड़ते और यादों के अहसास में ही जी लेते हैं । जो सच्चे आशिक होते हैं वो कभी बीच राह में छोड़कर नहीं जाते वो आखिरी सांस तक साथ देते हैं । जैसे हीरे की परख एक जौहरी आसानी से कर लेता है । उसी तरह से प्रेम को पहचानना और आसानी से उसकी परख कर लेना एक आशिक की होती है । मैं संजना चौधरी सभी कवि \ कवयित्री का ह्रदय से आभार व्यक्त करती हूं । आप सभी ने अपनी सुंदर रचना से इसको सुशोभित किया है । हमारी संकलनकर्ता मुस्कान केसरी ने बहुत ही अथक प्रयासों से इस पुस्तक को प्रकाशित किया है । मुझे उम्मीद है कि इस पुस्तक को पढ़कर आप अपना भरपूर प्यार देंगे ।
मोहब्ब्त में दगा देने वाले मिल जायेंगे आसानी से ।
लेकिन सच्चा आशिक पाना मुश्किल होता है ।।
घर तो तुम खरीद लोगे चंद पैसों में ..!
लेकिन एक आशियाना मिलना मुश्किल होता है ।
क्योंकि आशियाना ..तो अनमोल होता है ।।
एक कतरा प्यार.....ये एक नवल सृजन पुस्तक हैं जिसमें मोहब्बत से सम्बंधित कविताएँ लिखी गई हैं!!..इस पुस्तक में एक प्रेमी का अपनी प्रेमिका के लिए या फिर एक प्रेमिका का अपने प्रेमी के लिए
एक कतरा प्यार.....ये एक नवल सृजन पुस्तक हैं जिसमें मोहब्बत से सम्बंधित कविताएँ लिखी गई हैं!!..इस पुस्तक में एक प्रेमी का अपनी प्रेमिका के लिए या फिर एक प्रेमिका का अपने प्रेमी के लिए प्यार अथवा उसकी शिकायत दर्शाती हुई नज़र आयेंगी। यह पुस्तक एक बडी संख्या में लिखी गई सुंदर और मार्मिक कविताओं का संग्रह है। एक कतरा प्यार वह प्यार जों एक दुसरें कों पूरा करता है। मगर जात - पात, ऊँच - नीच के कारण पुरा नही हों पाता मगर उनकें दिल में आज भी वों प्यार जिन्दा हैं। वों एक कतरा प्यार के एहसास में एक प्रेमी या प्रेमिका अपना पुरा जीवन जी सकते हैं। उसी प्यार कों इस पुस्तक में दर्शाया गया है। यह पुस्तक सभी लेखकों की कीमती रचनाओं और हमारी संकलनकर्ता मुस्कान केशरी जी और मानविका सिंह के अथक प्रयास द्वारा प्रकाशित की गई है। इस पुस्तक कों पढ़कर आपकों भी अपने प्यार की याद अवश्य आ जाएगा। इस पुस्तक कों पढ़ें और लोगों में प्यार बाँटे
बुलंदियों को छू लेने की एक छोटी ख्वाहिश है....
बस इल्तिज़ा आपके साथ भर की है!!!....
हमारी ये पुस्तक काश बचपन लौट आता मेरा उम्मीद करती हूँ की आपको ये पुस्तक बहुत ही प्रसंद आने वाली है बचपन में हम सभी जब बड़ो को देखते हैं तो हमे उस वक्त ये ही लगता है की काश हम भी बड़े हो
हमारी ये पुस्तक काश बचपन लौट आता मेरा उम्मीद करती हूँ की आपको ये पुस्तक बहुत ही प्रसंद आने वाली है बचपन में हम सभी जब बड़ो को देखते हैं तो हमे उस वक्त ये ही लगता है की काश हम भी बड़े होते काश जल्दी से हम बड़े हो जाए और इस स्कूल जाने से हमे मुक्ति मिले पर जब हम बड़े हो जाते हैं तब शायद हम बचपन की असली कीमत का अंदाजा हो जाता है वो प्यारा बचपन वो प्यारी यादे वो कहानियां वो शरारतें वो अपनो के संग बिताए एक एक लम्हे हमे याद आते हैं काश हमे भी एक जादुई पेंसिल या कोई बचपन वाली प्यारी सी परी जो की कुछ क्षण के लिए सही हम वो अपने प्यारे से बचपन को फिर से जी पाते फिर तितलियों को पकड़ते संगी साथियों संग खूब मस्ती खूब मजाक खूब खेलते कूदते और काश!फिर से वो मीठी सी प्यारी सी चैन की नींद सो पाते कभी रूठते कभी मनाते आज वो समय ही नहीं है की हम चैन की नींद सो पाए और हम उन लम्हो को सोचकर कभी कभी उसमे खो भी जाते हैं और सोचते हैं काश एक दिन के लिए ही सही ये बचपन लौट आता न कोई चिंता न कोई दुख बस पढ़ाई ,मस्ती,शैतानियां ऐसा होता है बचपन ,हमने इस पुस्तक में 40 कवि कवियत्री की लिखी रचना,गीत को संग्रहित करकर आप सबके समक्ष प्रस्तुत करने का एक छोटा सा प्रयास किया है इन सबकी सुंदर रचना ,गीत उम्मीद करते हैं आप सबके दिल को छू जाएंगे मुझे तो ऐसा लगता है की जब आप इस पुस्तक को पढ़ रहे होंगे तो शायद आप भी कही अपने बचपन की सुंदर यादों में खो से जाएंगे और आप भी ये ही कहेंगे काश बचपन लौट आता मेरा ,अंत में मैं अपनी प्यारी बहन मुस्कान केसरी जी को धन्यवाद देना चाहती हूँ की उन्होंने मुझे ये सुअवसर प्रदान किया
बचपन के वो प्यारे लम्हे काश कोई फिर से लौटा दे
गुड्डे गुड़िया खेल खिलौने फिर से मुझको याद दिला दे
हमारा देश कें वीरसूपतों नें हमारी स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी। वे अपने पीछे साहस, दृढ़ संकल्प और परम्पराओं की एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जो हमें आज भी
हमारा देश कें वीरसूपतों नें हमारी स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी। वे अपने पीछे साहस, दृढ़ संकल्प और परम्पराओं की एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जो हमें आज भी प्रेरित करती है। हम इन नायकों को श्रद्धांजलि देते हुए इस पुस्तक का संकलन कर रहे हैं।
कई लेखकों की शब्दों के माध्यम से हम अपने पूर्वजों के जीवन और उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं। भयंकर युद्धों में लड़ने वाले योद्धाओं से लेकर अज्ञात सीमाओं को पार करने वाले अग्रदूतों तक, आंदोलन को प्रेरित करने वाले नेताओं से लेकर असाधारण योगदान देने वाले आम लोगों तक, प्रत्येक कहानी मानव भावना और महानता के लिए उसकी क्षमता का एक प्रमाण है।
हम उन लोगों का सम्मान करते हैं जिन्होंने हमारे लिए मार्ग प्रशस्त किया है, जिन्होंने बलिदान दिया है ताकि हम आज की स्वतंत्रता का आनंद उठा सकें। हम उनके संघर्ष और उनकी जीत, उनकी खुशियों और उनके दुखों को याद करते हैं। हम उनकी विविधता और उनकी एकता का जश्न मनाते हैं।
तो आइए हम इन कविताओं को कृतज्ञता और विनम्रता के साथ विस्मय और प्रेरणा के साथ पढ़ें। हमें उस महानता की याद दिलाई जानी चाहिए जो हम में से प्रत्येक के भीतर हैं, एकता और दृढ़ संकल्प की शक्ति है। आइए हम अपने पूर्वजों की विरासत को जीवित रखते हुए और हमारे देश की प्रगति में अपना योगदान देकर उनका सम्मान करें।
"व्याकुल मन" पुस्तक व्यक्ति के जीवन के तमाम प्रकार के व्याकुलता का परिचायक है।
व्याकुलता चाहे किसी संघर्ष में हो, प्रेम में हो , प्रतिशोध में हो , प्रतिस्पर्धा में हो, वो हमेशा
"व्याकुल मन" पुस्तक व्यक्ति के जीवन के तमाम प्रकार के व्याकुलता का परिचायक है।
व्याकुलता चाहे किसी संघर्ष में हो, प्रेम में हो , प्रतिशोध में हो , प्रतिस्पर्धा में हो, वो हमेशा व्यक्ति के जीवन शैली के पैमाने को निर्धारित करती हैं। जीवन में व्याकुलता का महत्व उतना ही है, जितना कंठ के सूख जाने पर जल पाने की इच्छा की होती है। व्याकुलता ही व्यक्ति को एक सक्रियात्मक प्राणी बनाता है। जीवन में किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए व्याकुलता का ही सबसे बड़ा योगदान एवं महत्व होता है। व्यक्ति की इच्छा शक्ति उसकी व्याकुलता पर निर्भर करती है। मैं ये नहीं कहता हूं कि व्याकुलता व्यक्ति के सभी आयामों को सफल परिणाम देती है, क्योंकि जहांँ एक और व्याकुलता व्यक्ति को लक्ष्य की ओर ले जाता है, वहीं दूसरी ओर कभी-कभी इसमें कई सारे विभिन्न प्रकार के दुष्परिणाम भी देखने को मिलते हैं।
इस पुस्तक के माध्यम से मैं लोगों को खासकर युवाओं को यही संदेश देना चाहता हूं की व्याकुलता की भावना उस हद तक ही उचित एवं सही है, जहां तक हम अपने और दूसरों को शारीरिक एवं मानसिक आघात ना पहुंँचाएं। व्याकुलता की आंधी में हम इतने अंँधे ना हो जाए कि ये भूल जाए कि ये जीवन हमें एक ही बार मिला है, ये परिवार, ये लोग हमें एक ही बार मिले हैं। हमें हर व्याकुलता की समय सीमा तय करनी होगी। जिससे व्याकुलता का काम सिर्फ जीवन में लक्ष्य निर्धारण, लक्ष्य प्राप्त तथा इससे प्राप्त खुशियां एवं उसकी उत्पत्ति-प्रसार तक ही सीमित रह सके। इसके अतिरिक्त कोई भी कल्पना, कोई भी आशा, कोई भी व्याकुलता घातक ही साबित होगी।
पहले के समय में पक्षियों के लिए प्रयाप्त जंगल थे. जिसे हमने अपने मतलब और बढ़ती जनसंख्या के कारण धीरे धीरे हम जंगल को उजाड़ रहे है. और दिखावे नाम के लिए करोड़ों पेड़ो में से सिर्फ लाख पे
पहले के समय में पक्षियों के लिए प्रयाप्त जंगल थे. जिसे हमने अपने मतलब और बढ़ती जनसंख्या के कारण धीरे धीरे हम जंगल को उजाड़ रहे है. और दिखावे नाम के लिए करोड़ों पेड़ो में से सिर्फ लाख पेड़ ही लग पा रहे है.बाकी पेड़ सिर्फ फाइल में ही लग रहे है. जंगल कम होने के कारण प्रयाप्त मात्रा में वर्षा भी नहीं होती इस कारण गर्मी आते ही नदी और तालाब गर्मी सूखने लगते है और जल संकट भी बढ़ जाता है। जंगली जानवरो और पक्षियों के लिए बहुत मुसीबत हो जाती है. हमारे मानव जाती के कारण ही ये सब हो रहा है. अतः इन्हे बचाने का मुहीम भी हमें ही करना पड़ेगा. इसी को ध्यान रखते हुए पक्षी बचाओ अभियान के तहत हमारी गौरैया नामक संकलन का प्रकाशन किया जा रहा है. ताकि इस संकलन के माध्यम से हमारे आँगन में आने वाले सभी पक्षियों को दाना और पानी दे और उनकी रक्षा कर सके. हो सके तो पेड़ो पर भी दाना और पानी की व्यवस्था हम सभी के द्वारा किया जाए. उन्हें भी हमारे जैसा जीवन वितीत करने का अधिकार है. और हमारे जैसा उनका भी परिवार होता है।मै विशेष रूप से मुस्कान केशरी जी को धन्यवाद देना चाहता हूँ की इनके सहयोग से संकलन का प्रकाशन हो पाया. और इस मौके पर सभी साहित्यकारों को प्रतिज्ञा लेनी चाहिए की हम सब मिलकर अपने अपने क्षेत्र में पक्षियों को बचाने का कार्य करते रहे ।
यह पुस्तक दादाजी के प्यार, माता-पिता के प्रति कर्तव्य, भाई और बहन के प्यार, राणा प्रताप के वीरता शिवाजी राजे की वीरता और महिलाओं के दर्द का वर्णन करती है। यह संदेश जल जागरूकता, पर्
यह पुस्तक दादाजी के प्यार, माता-पिता के प्रति कर्तव्य, भाई और बहन के प्यार, राणा प्रताप के वीरता शिवाजी राजे की वीरता और महिलाओं के दर्द का वर्णन करती है। यह संदेश जल जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण, बेटियों का सम्मान, साहस पैदा करने के लिए देता है। अपनी आत्मरक्षा के लिए कि वे कभी भी अपने आप को कमजोर न समझें, और दो भंवरों के बीच के प्रेम को दर्शाता है।
मेरे प्रिय पाठकों के प्यार, दुलार, प्रोत्साहन और समीक्षा की आकांक्षा लिए आपके समक्ष प्रस्तुत है, मेरी बेहतरीन कविताओं की अंजलि 'कवितांजलि'।
मेरा अथक प्रयास और आदरणीय 'मुस्कान
मेरे प्रिय पाठकों के प्यार, दुलार, प्रोत्साहन और समीक्षा की आकांक्षा लिए आपके समक्ष प्रस्तुत है, मेरी बेहतरीन कविताओं की अंजलि 'कवितांजलि'।
मेरा अथक प्रयास और आदरणीय 'मुस्कान केशरी' जी का सहयोग इस पुस्तक को इस रूप में परिणत कर पाया है। माननीय मुस्कान जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मेरे और माननीय मुस्कान जी के बीच सेतु बनी 'लिपिका भट्टी' का आभार व्यक्त करता हूं।
मेरे पाठकों के विचार मुझे सहर्ष स्वीकार है।
मैं बाबू भंडारी "हमनवा" बल्लारपुर महाराष्ट्र से " केशरी पब्लिकेशन" मुजफ्फरपुर से प्रकाशित होने वाली मेरी इस पुस्तक के बारे में पुस्तक का मैं एक परिचय देना चाहता हूं कि इस पुस्तक
मैं बाबू भंडारी "हमनवा" बल्लारपुर महाराष्ट्र से " केशरी पब्लिकेशन" मुजफ्फरपुर से प्रकाशित होने वाली मेरी इस पुस्तक के बारे में पुस्तक का मैं एक परिचय देना चाहता हूं कि इस पुस्तक के लिए मैंने बहुत मेहनत की है और हर विषय पर मैंने रचनाएं लिखी है जैसे "कागज़ ही ज़िन्दगी है, इक ख़ुशी की चाहत में, ए खुदा के बन्दे, ए कलम तुझसे उल्फत, दुनिया, बेटी या दहेज,इस पहेली को, तेरा यहां कोई नहीं, आज नहीं तो कल, और न जाने कितनी ही और पूरी कोशिश की है मेरी ये आरज़ू थी कि मेरी ये पुस्तक जब भी छपेगी तकरीबन 100 रचनाएं हो लेकिन इस पुस्तक में 102 रचनाएं शामिल है।
एक बात मैं आप सभी को बताना चाहता हूं कि "हमनवा" का मतलब दोस्त मित्र होता है और मेरे सभी चाहने वालों का मैं दोस्त ही नहीं बल्कि भाई भी हूं और मेरी यह पुस्तक अब आप सभी सज्जनों के सामने प्रस्तुत है।
आप सभी को चाहने वाला आपका अपना
बाबू भंडारी "हमनवा
यह तमाम विभिन्न मत- मतांतर, पंथ या संप्रदाय इत्यादि देखने में भले ही अलग-अलग दिखलाई देते हों, किन्तु सनातनी दृष्टिकोण से ये सब एकता के ही सूत्र में बंधे हुए हैं। क्योंकि इन सबका लक
यह तमाम विभिन्न मत- मतांतर, पंथ या संप्रदाय इत्यादि देखने में भले ही अलग-अलग दिखलाई देते हों, किन्तु सनातनी दृष्टिकोण से ये सब एकता के ही सूत्र में बंधे हुए हैं। क्योंकि इन सबका लक्ष्य ईश्वर प्राप्ति ही है। नदियां अलग-अलग क्यों न हो, लेकिन सबको अंत में समुद्र में ही मिलना है। इस प्रकार सनातन धर्म के अनुसार भिन्न - भिन्न लोगों का भिन्न - भिन्न प्रकार से एक ही ईश्वर को मानने या पूजने से कोई फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि ईश्वर तो सबका एक ही है, अपने विकास के स्तर के अनुसार लोग उसको चाहे जैसे मानें या जानें।सबको उसी एक ईश्वर को अपनी-अपनी रुचि अथवा विचार से पूजने का पूरा -पूरा अधिकार है, क्योंकि सब उसी एक ईश्वर की ओर ही तो चल रहें हैं।
प्राचीन काल से ही होली भारत के मुख्य और प्राचीन त्योहारों में से एक हैं। होली पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं। होली के पर्व को पूरे दो दिन
प्राचीन काल से ही होली भारत के मुख्य और प्राचीन त्योहारों में से एक हैं। होली पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं। होली के पर्व को पूरे दो दिन मनाया जाता हैं।होली के एक दिन पहले एक अनुष्ठान किया जाता हैं जिसे होलिका दहन कहाँ जाता हैं यह महत्वपूर्ण अनुष्ठान हैं जिसे हर कोई खेलता हैं।उत्तर भारत में होली मनाने के तरीक़े के रूप में गीत गाने की परम्परा हैं। होली के लिए कई अनेक मिठाईयाँ बनाई जाती हैं, और सबसे आम में से एक हैं 'गुजिया'।लोग एक विशाल अलाव बनाते हैं और विभिन्न समारोह करते हैं, और इस तरह 'होलिका दहन' किया जाता हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार होली उत्सव की सुरुवात राधा और कृष्ण की थी। होली के दिन लोग अपने परिवार से मिलते ही और दोस्त एक-दूसरे को उत्सव के रूप में रंग गुलाल लगाते हैं। होली एक अत्यंत खुशी का त्योहार हैं जो खुश करता हैं। भारत में विभिन्न राज्य के लोग अलग-अलग तरीको से होली मनाते हैं और प्रत्येक उत्सव अद्वितीय और सुंदर होता हैं।आशा हैं हमें यह संग्रह सभी को पसंद आएगा।
नृत्य सार्वभौम कला है, जिसका जन्म हम मनुष्य जैसा ही होता है। जब बच्चा जन्म लेता हैं , तों वों रोकर अपने हाथ पैर मार कर अपनी भावाभिव्यक्ति कों बताता है कि वह भूखा है- इसी आंगिक -क्रिय
नृत्य सार्वभौम कला है, जिसका जन्म हम मनुष्य जैसा ही होता है। जब बच्चा जन्म लेता हैं , तों वों रोकर अपने हाथ पैर मार कर अपनी भावाभिव्यक्ति कों बताता है कि वह भूखा है- इसी आंगिक -क्रियाओं से नृत्य की उत्पत्ति होती हैं। यह कला प्राचीन काल सें देवी-देवताओं- दैत्य दानवों- मनुष्यों एवं पशु-पक्षियों को अति प्रिय है। देवेन्द्र इन्द्र का अच्छा नर्तक होना और स्वर्ग में अप्सराओं के अनवरत नृत्य की धारणा से हम भारतीयों के प्राचीन काल से नृत्य से जुड़ाव रहा हैं । जिसके कारण यह मनोरंजक तो है ही- धर्म- अर्थ- काम- मोक्ष का साधन भी है।
जीवन सें मिली सीख" यह साक्षा - संकलन पुस्तक हैं , जिसमें सभी लेखक एंव लेखिका नें अपनें शब्दों कें द्वारा अपनी जीवन सें पाए अनुभव कों अपनें कविता / कहानियाँ कें रूप में इस पुस्तक में
जीवन सें मिली सीख" यह साक्षा - संकलन पुस्तक हैं , जिसमें सभी लेखक एंव लेखिका नें अपनें शब्दों कें द्वारा अपनी जीवन सें पाए अनुभव कों अपनें कविता / कहानियाँ कें रूप में इस पुस्तक में प्रस्तुत किए हैं।हम जैसें जैसे बड़े होते जाते हैं वैसे वैसें हमसें गलतियाँ तों कभी बहुत अच्छा होता रहता हैं। तों हम अपनें जीवन के इसी उतार-चढाव कों अपनी इस पुस्तक में प्रकाशित कर रहें हैं।
"बदलता भारतीय समाज" यह सांझा संकलन पुस्तक,में सभी लेखक एंव लेखिका नें समाज के बदलते दृश्य कों सरल शब्दों में समाज कें समक्ष प्रस्तुत किया हैं। प्रकृति ने जब मानव को बनाया तो उसे स
"बदलता भारतीय समाज" यह सांझा संकलन पुस्तक,में सभी लेखक एंव लेखिका नें समाज के बदलते दृश्य कों सरल शब्दों में समाज कें समक्ष प्रस्तुत किया हैं। प्रकृति ने जब मानव को बनाया तो उसे सोचने- समझने- महसूस करने की इंद्रियों के साथ-साथ एक प्रेम युक्त हृदय बनाया हैं , जिसमें कई प्रकार के भाव हैं । वर्तमान समाज के बदलते परिदृश्य को सामने लाना हमारा नैतिक कर्तव्य बनता है हमारी कविताएंँ समाज तक पहुंँचाना अत्यंत सरल हैं, शब्दों में गढ़ी गई मन के गूढ़ रहस्य को पहुंँचाने की हर संभव कोशिश की। ऐसी ही कुछ कविताएंँ आपके समक्ष प्रस्तुत है कविता संग्रह "बदलता भारतीय समाज " । यह पुस्तक समाज की जनजागृति के लिए काम में आए और लोगों के विचार सबके सामने आए।
शिक्षक विद्यालय में रहकर बच्चों कें शैक्षणिक विकास के साथ-साथ सामुदायिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं सद्भावना जैसे कार्य करते है जिससें हम शिक्षकों की पहचान होती है और हम यह जान पा
शिक्षक विद्यालय में रहकर बच्चों कें शैक्षणिक विकास के साथ-साथ सामुदायिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं सद्भावना जैसे कार्य करते है जिससें हम शिक्षकों की पहचान होती है और हम यह जान पाते हैं कि हम बच्चों को किस प्रकार बेहतर शिक्षा देकर बच्चों का भविष्य और विद्यालय को बेहतर बना सकते हैं । यह पुस्तक उसका ही पहचान है, इस पुस्तक में सब शिक्षक नें मिलकर बच्चों के लिए, शिक्षक के लिए तथा समाज के लिए अपने कविता के माध्यम से कहने का प्रयास किया है।
जो व्यक्ति राष्ट्र और प्रकृति के प्रति समर्पित होकर भटकते और बेसहारे जीवन को दिशा दिखाकर मानवीय मूल्यों को परिभाषित करता है, वही व्यक्ति जीवन के संघर्ष में हार को हराने का साहस
जो व्यक्ति राष्ट्र और प्रकृति के प्रति समर्पित होकर भटकते और बेसहारे जीवन को दिशा दिखाकर मानवीय मूल्यों को परिभाषित करता है, वही व्यक्ति जीवन के संघर्ष में हार को हराने का साहस जुटाता है, सफलता के दहलीज पर कदम रखता है, और अंततः भविष्य की जरूरत बन जाता है। यह पुस्तक (संघर्ष के रास्ते-स्वरचित राम कुमार यादव) युवाओं को लक्ष्य के बुलंदी पर चढ़ने के लिए प्रेरित करती है।
यूँ तो कहानियां बहुत सी है पर मेरी कहानियों की पन्ने शब्दों से नहीं दिल की दास्ता जाहिर कर रही है। मेरी सारी कहानियां असल जिंदगी के लम्हे है जो बड़ी ही बारीकियों से मैंने शब्दों
यूँ तो कहानियां बहुत सी है पर मेरी कहानियों की पन्ने शब्दों से नहीं दिल की दास्ता जाहिर कर रही है। मेरी सारी कहानियां असल जिंदगी के लम्हे है जो बड़ी ही बारीकियों से मैंने शब्दों से रचा है। जिसे मैंने शब्दों की सरलता उसकी उदारता से दिखाया है। मेरी सारी रचनाओं में मैंने यह ध्यान दिया है कि लोगों की यह सह जतापूर्वक समझ आए, कुछ कहानियां आम जीवन पर आधारित है जो आप सबों को प्रेरित करेगी कि निम्न परिवार होने के बावजूद आप अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं अपनी काबिलियत, लगने और मेहनत के दम पर, सारी कहानियों में मैंने यह ध्यान रखा है कि यह आपके उत्साह को बढ़ाएगा चाहे परिस्थितियां आपकी विमुख ही क्यों ना हो जीवन के संघर्ष बहुत ही कठिन होते हैं जो हमें बहुत कुछ सिखाते हैं हमें तोड़ते भी है परंतु हमें हार नहीं माननी चाहिए जीवन हर संघर्ष से ऊपर उठकर खुद को और आगे बढ़ने में प्रेरित करना चाहिए।
मुरझाए धूप से जो वो गुल नहीं है हम
कह दो कि आफताब से औकात में रहे।
मैने दैनन्दिन की अनुभूतियों,भावनाओं,प्रकृति का आशिर्वाद, प्रकोप आदि को अपने गीतों व गजलों के रूप में द्रवित
मुरझाए धूप से जो वो गुल नहीं है हम
कह दो कि आफताब से औकात में रहे।
मैने दैनन्दिन की अनुभूतियों,भावनाओं,प्रकृति का आशिर्वाद, प्रकोप आदि को अपने गीतों व गजलों के रूप में द्रवित हृदय से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
मुझे पूरी उम्मीद है कि आप मेरी पुस्तक तलाशे वफा भाग 1 को अपने हृदय की गहराईयों से आत्मसात करेंगे जिससे भविष्य में मुझे तलाशे वफा भाग 2 प्रकाशित करने का सम्बल प्राप्त हो सके।
मुरझाए धूप से जो वो गुल नहीं है हम
कह दो कि आफताब से औकात में रहे।
मैने दैनन्दिन की अनुभूतियों,भावनाओं,प्रकृति का आशिर्वाद, प्रकोप आदि को अपने गीतों व गजलों के रूप में द्रवित
मुरझाए धूप से जो वो गुल नहीं है हम
कह दो कि आफताब से औकात में रहे।
मैने दैनन्दिन की अनुभूतियों,भावनाओं,प्रकृति का आशिर्वाद, प्रकोप आदि को अपने गीतों व गजलों के रूप में द्रवित हृदय से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
मुझे पूरी उम्मीद है कि आप मेरी पुस्तक तलाशे वफा भाग 1 को अपने हृदय की गहराईयों से आत्मसात करेंगे जिससे भविष्य में मुझे तलाशे वफा भाग 2 प्रकाशित करने का सम्बल प्राप्त हो सके।
दो अनजान लोग दुनिया के अलग - अलग कोनो से आकार इत्तेफाक से एक दूसरे से मिलते है, और धीरे धीरे कब वो इतने करीब आ जाते है की "एक दूजे के" हो जाते है। उन्हें भी नही पता होता एक दूसरे का अहसा
दो अनजान लोग दुनिया के अलग - अलग कोनो से आकार इत्तेफाक से एक दूसरे से मिलते है, और धीरे धीरे कब वो इतने करीब आ जाते है की "एक दूजे के" हो जाते है। उन्हें भी नही पता होता एक दूसरे का अहसास, हाथो में हाथ, जन्मों - जन्मों के साथ सा लगने लगता है। यह पुस्तक इसी भावना को वयक्त करती है जिसमे अलग अलग लेखकों के द्वारा इसी भावना को
अपने - अपने शब्दो में दर्शाने की कोशिश की गई है।
माननीय नरेंद्र मोदी जी के व्यक्तित्व ने हमें प्रभावित किया। आपकी कार्य देश के लिए सराहनीय है। आपके व्यक्तित्व और भारत के प्रति निष्ठा देखकर हमने आपके प्रति विचार लिखें। और फिर
माननीय नरेंद्र मोदी जी के व्यक्तित्व ने हमें प्रभावित किया। आपकी कार्य देश के लिए सराहनीय है। आपके व्यक्तित्व और भारत के प्रति निष्ठा देखकर हमने आपके प्रति विचार लिखें। और फिर हमारे मन में एक ख्याल उठा कि आप की झलक पूरा भारत पढ़े । आपके विचार से व्यक्तित्व से युवा पीढ़ी को नया दर्पण मिले। इसलिए हमने काव्य संकलन के द्वारा यह कार्य किया। हमने काव्य और लेख साझा संकलन के माध्यम से मोदी दर्पण की लहर भारत में लाएं जिससे हम उनके विचारों को देश में फैला सके और एक जागरूकता उत्पन्न कर सके।
जय हिंद जय भारत
भारत की बनाई आपने एक तस्वीर।
लिखी भारत की आज नई तकदीर।।
"ज्ञान गुल्लक "
"ज्ञान गुल्लक " साझा संकलन के रूप में बच्चों के हाथों में देते हुए मुझे अपार प्रसन्नता हो रही है। यह उन बच्चों के लिए कविताओं का गुलदस्ता किसी एक कवि की कविता से न
"ज्ञान गुल्लक "
"ज्ञान गुल्लक " साझा संकलन के रूप में बच्चों के हाथों में देते हुए मुझे अपार प्रसन्नता हो रही है। यह उन बच्चों के लिए कविताओं का गुलदस्ता किसी एक कवि की कविता से नहीं बना है बल्कि यह समूचे भारत के कवियों एवं शिक्षकों की कलम से निकली हुई बच्चों के लिए उनके नवाचार के रूप में दिल की आवाज़ है, जिसे बस मैंने एक सेतु बन बच्चों एवं पाठकों तक पहुंचाने का कार्य किया है। ज्ञान गुल्लक ऐसी नवचारी कविताओं का संग्रह है जिसके माध्यम से बच्चे कविता एवं गीत के माध्यम से सीखते हुए अपने कौशलों एवं मन में उठने वाले भावों को प्रकट कर सकते हैं।
जन्मदिन की बधाई हो
जन्मदिन हम सबके जीवन में कुछ महत्वपूर्ण दिन होते है और उनमें से एक है हमारा जन्मदिन। यह खास दिन हर वर्ष आता है और हमारे दोस्त यार घर परिवार इस दिन को और भी ख
जन्मदिन की बधाई हो
जन्मदिन हम सबके जीवन में कुछ महत्वपूर्ण दिन होते है और उनमें से एक है हमारा जन्मदिन। यह खास दिन हर वर्ष आता है और हमारे दोस्त यार घर परिवार इस दिन को और भी खास बना देते है, दोस्तो का साथ और अपनो का बहुत सारा प्यार मिलता है माता पिता का आशीर्वाद मिलता है। इसी खास दिन का उत्सव मनाते हुए इस संकलन में कई सहलेखकों द्वारा कुछ कविताएं लिखी गई है। यह संकलन हमे कविता के माध्यम से बताता है की आपका यह खास दिन आपके चाहने वालो के लिए कितना खास होता है कैसे वो भी इस खास दिन का बेसब्री से इंतजार करते है और कैसे वो इसे माना रहे है आपके लिए।
पितृ पक्ष
हम अपनें पूर्वजों कों याद करते हुए इस बुक कों संकलन किए हैं। हमारे माँ-पिता हमारे लिए बहुत बड़े उपहार होतें हैं, जों हमें उस लायक बनातें हैं कि हम इस दुनिया में न
पितृ पक्ष
हम अपनें पूर्वजों कों याद करते हुए इस बुक कों संकलन किए हैं। हमारे माँ-पिता हमारे लिए बहुत बड़े उपहार होतें हैं, जों हमें उस लायक बनातें हैं कि हम इस दुनिया में नाम कमा सकें और ईमानदारी सें काम कर सकें। आज वही हमसें बहुत दुर हैं तों उनके याद में हमने यह पुस्तक बनाया हैं। हम अपने पूर्वजों कों नमन करते हुए। उनके चरणों में यह पुस्तक समर्पित करते हैं।
माँ का आँचल
माँ शब्द का अर्थ जननी हैं अर्थात जन्म देने वाली माँ प्रेम और वात्सल्य का दूसरा रूप माँ हैं। माँ अपने बच्चों की प्रथम शिक्षक होती हैं। उनके प्यार की तुलना अन्य कि
माँ का आँचल
माँ शब्द का अर्थ जननी हैं अर्थात जन्म देने वाली माँ प्रेम और वात्सल्य का दूसरा रूप माँ हैं। माँ अपने बच्चों की प्रथम शिक्षक होती हैं। उनके प्यार की तुलना अन्य किसी प्रेम से नहीं किया जा सकता। माँ हमेशा अपने बच्चों की खुशी में अपनी खुशी ढूंढ लेती हैं । इस दुनिया में सबसे आसान और अनमोल शब्द हैं माँ। माँ दुनिया का एक मात्र शब्द हैं, जिसे किसी परिभाषा की जरूरत नहीं, क्योंकि यह शब्द नहीं एहसास हैं। माँ प्रेम त्याग सेवा की मूर्ति हैं। सचमुच माँ ईश्वर का प्रतिरूप हैं। "मांग लू यह मन्नत की फिर यही जहान मिले फिर वही गोद, फिर वही माँ मिले।"इस संग्रह में माँ के साथ बिताएं हर एक अनोखें पल और ममता से भरे लम्हें को दर्शाया गया हैं। आशा हैं यह संग्रह आप सभी लोगों को पसंद आएगा।
धरती की पुकार
धरती की सुरक्षा विश्व के लिए समस्या का कारण बनती जा रही है। सारे देश, पृथ्वी वासियों को इस समस्या को सुलझाने के लिए कोई न कोई प्रयास करना ही होगा। इसीलिए हमने भी ह
धरती की पुकार
धरती की सुरक्षा विश्व के लिए समस्या का कारण बनती जा रही है। सारे देश, पृथ्वी वासियों को इस समस्या को सुलझाने के लिए कोई न कोई प्रयास करना ही होगा। इसीलिए हमने भी हमारी धरती माता को बचाने के लिए इस संकलन के द्वारा लोगो में सभी सहलेखकों द्वारा कुछ कविताएं लिखी गयी है, जो पर्यावरण सुरक्षा पर आधारित है। पर्यावरन और धरती की सुरक्षा करना सब इंसान की जिम्मेदारी है, अगर धरती को बचाना है तो सब इंसान और सब देश को एक जटु होना पड़ेगा। अगर प्रकृति ही नष्ट होती जाएगी तो धरती पर जीवन संकट मे आजायेगा। आशा है हमारा ये छोटा सा प्रयास सभी पढ़कर उस पर अम्मल करेंगे।
देश की शान तिरंगा
प्रत्येक जीव की इस दुनिया में दो माँ होती है। एक माँ जो जन्म देती है और दूसरी धरती माँ जो अपनी गोद में पाल पोसकर बड़ा करती है। हर इंसान को अपनी मातृभूमि प्राण
देश की शान तिरंगा
प्रत्येक जीव की इस दुनिया में दो माँ होती है। एक माँ जो जन्म देती है और दूसरी धरती माँ जो अपनी गोद में पाल पोसकर बड़ा करती है। हर इंसान को अपनी मातृभूमि प्राणों से भी अधिक प्रिय होती है। हम अपने देश से बाहर विदेशों में भले ही कितने सुख से जी रहे हों, भले ही दुःख का साया भी हम पर न पड़ रहा हो, फिर भी हमें अपनी मातृभूमि की याद हमेशा सताती है। अपनी मातृभूमि की रक्षा के खातिर हम अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटते। देश के लिए सैनिक दिन रात अपनी जान पर खेलकर मातृभूमि को बचाने के लिए प्रयास करते है। मातृभूमि के प्रति प्रकट यही सच्चा प्रेम ही देशप्रेम है। देशप्रेम की भावना सिर्फ मनुष्यों में ही नहीं बल्कि पशु- पक्षियों में भी समान रूप से पाई जाती है। पशु -पक्षी दिन में भोजन की तलाश में भले ही कितनी दूर निकल जाएं लेकिन शाम को उनका देशप्रेम उन्हें अपनी मातृभूमि पर वापस लौटने को विवश कर देता है। 'देश की शान तिरंगा' 'साझा काव्य संग्रह' में भारत के 37 लोकप्रिय हिंदी रचनाकारों की देशभक्ति कविताएँ सम्मिलित हैं। जो हमारे अंदर देशप्रेम का संचार करती हैं और हमें अपनी मातृभूमि से प्रेम करने की प्रेरणा देती हैं। हमें आशा है यह देशभक्ति साझा काव्य संग्रह आप सभी को पसंद आएगा।
मार्गदर्शक
सृष्टि में जन्म से लेकर मृत्यु तक के सफर में बाल्यावस्था, किशोरावस्था, प्रोढ़ावस्था से लेकर वृद्धावस्था तक का पढ़ाव तय करते हुए हम निरंतर कुछ ना कुछ सीखते ही रहते
मार्गदर्शक
सृष्टि में जन्म से लेकर मृत्यु तक के सफर में बाल्यावस्था, किशोरावस्था, प्रोढ़ावस्था से लेकर वृद्धावस्था तक का पढ़ाव तय करते हुए हम निरंतर कुछ ना कुछ सीखते ही रहते हैं।
जिंदगी के लेखा - जोखा समझने से लेकर जिम्मेदार इंसान होने तक का सफ़र, हमारी माँ, बाबा, परिवार, मित्र, समाज और हमारे शिक्षक हमें कुछ न कुछ सिखाते ही रहते हैं। उच्च शिक्षा, लक्ष्य प्राप्ति कर अपने पैरों पर खड़े होने का हौसला, संस्कारो से शिक्षित कर हमारी जिंदगी को और अधिक सुंदर एवं प्रेरणादायक बनाते हैं। हमारे माता- पिता से लेकर हर वो व्यक्ति जिनसे हमें जीवन में कुछ ना कुछ ज्ञान प्राप्ति हुई है उन सभी गुरुओं को गुरु दक्षिणा तो हम नहीं दे सकते। इसीलिए मार्गदर्शक के रूप में एक छोटा सा प्रयास है अपने गुरुओं को गुरु दक्षिणा समर्पित करने का।।
साहित्यिक प्रिय
पुस्तक का नाम साहित्यिक प्रिय है और इसमें सभी "हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है" उससे संबंधित है। हिंदी साहित्य है और प्रिय हमने अपने नाम से जुड़ा है। इसलिए इस पुस्
साहित्यिक प्रिय
पुस्तक का नाम साहित्यिक प्रिय है और इसमें सभी "हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है" उससे संबंधित है। हिंदी साहित्य है और प्रिय हमने अपने नाम से जुड़ा है। इसलिए इस पुस्तक का नाम साहित्यिक प्रिय रखा है। सभी साहित्यकारों ने हिंदी से संबंधित खूबसूरत रचना लिखी हैं। उन्होंने हिंदी विषय का महत्व इस पुस्तक के द्वारा देश को एक संदेश प्रदान करने का प्रयास किया है। भले आप अंग्रेजी बोले लेकिन हिंदी का महत्व ना भूले। हिंदी हमारी जननी है इसी से हमारी जिंदगी है। जब बच्चा बड़ा होता है पहला शब्द बोलता माँ और बाद में सिखाया जाता मॉम, मदर, मम्मी शब्द। हिंदी हमारी रूपरेखा है। हर जगह हो हिंदी का प्रभाव यही है हमारा प्रयास।
अंतर्मन की भावना किताब के द्वारा हम आम जिंदगी के कई छोटे बड़े हर पहलू में छिपी भावनाओं को व्यक्त करेंगे। हमारे हर रोज़ के कामों की बीच भी ऐसा बहुत कुछ है जो कविताओं के रूप में आपको
अंतर्मन की भावना किताब के द्वारा हम आम जिंदगी के कई छोटे बड़े हर पहलू में छिपी भावनाओं को व्यक्त करेंगे। हमारे हर रोज़ के कामों की बीच भी ऐसा बहुत कुछ है जो कविताओं के रूप में आपको पढ़ने को मिलेगा। ऐसी कितनी भावनाएं होंगी जो शायद व्यक्त भी न की गई हो, कुछ बातें आपको ऐसी भी पढ़ने को मिलेगी। बहुत सारे कवि अपने इसी अंतर्मन से निकाली हुई बाते आप तक पहुंचाएंगे, आशा है आप सब को कविताओं की ये शृंखला पसंद आएगी।
कच्चे धागों के पक्के बंधन
पिता के बाद यदि कोई पुरुष है, जो हमारा संबल बनकर हर परिस्थिति में हमारे साथ खड़ा रह सकता है, तो वो सिर्फ भाई ही है, उसी तरह संसार में माँ की जैसी ममता और
कच्चे धागों के पक्के बंधन
पिता के बाद यदि कोई पुरुष है, जो हमारा संबल बनकर हर परिस्थिति में हमारे साथ खड़ा रह सकता है, तो वो सिर्फ भाई ही है, उसी तरह संसार में माँ की जैसी ममता और दुलार, परवाह और फटकार लगाने वाली कोई और है, तो वो हमारी माँ की छवि अपनी बहन ही होती है।
भाई बहन का ये अटूट रिश्ता, एक बड़ी नाजुक रेशम की डोर से परिभाषित किया जा सकता है। यूं तो हर भाई का कर्तव्य होता है बहन की रक्षा करना, एक बहन का फर्ज होता है अपने भाई की बलाओं को टालना।
लेकिन, आज के युग में हर बहन चाहती है, कि उसका भाई किसी की बहन के लिए कभी खतरा ना बने, और हर भाई ये प्रार्थना करता है, कि किसी की बुरी नजर का शिकार उसकी बहन ना होने पाए।
इस पुस्तक को प्रकाशित करने का हमारा मूल उद्देश्य इस विलुप्त हो रही भाई बहन के आपसी प्रेम और सामंजस्य की भावना के साथ ही भारतीय त्योहारों के महत्त्व को समझाना है, जिसकी अनुभूति पाठकों को प्रत्येक रचना में होगी।
हम आशा करते हैं, कि पाठक हमारी रचनाओं को पसंद करें, इस पावन त्यौहार के महत्त्व को समझे, और उनके हृदय में पवित्र प्रेम का संचार हो।।
संकलन का शीर्षक, "प्रकृति के रंग" और मुस्कान केशरी और रामभरोस टोंडे द्वारा अनुपालन। यह अनुपालनकर्ताओं के लिए एक महान परियोजना है। .यह पुस्तक खुली शैली के साथ प्राकृतिक विषय पर आध
संकलन का शीर्षक, "प्रकृति के रंग" और मुस्कान केशरी और रामभरोस टोंडे द्वारा अनुपालन। यह अनुपालनकर्ताओं के लिए एक महान परियोजना है। .यह पुस्तक खुली शैली के साथ प्राकृतिक विषय पर आधारित है और चूंकि यह एक भारतीय पुस्तक है, इसलिए हमने भाषाओं को हिंदी, अंग्रेजी और हिंग्लिश रखने का निर्णय लिया है। हम सभी को बताना चाहते थे कि हम सभी अपने-अपने तरीके से खास और अनोखे हैं और हम सभी अलग-अलग जॉनर के विशेषज्ञ हैं और हमारे कंटेंट में काफी गहराई है। पुस्तक के सभी सह-लेखकों ने पुस्तक को और भी रोचक बनाने के लिए कुछ विशेष लिखा है। यह संकलन सुंदर विषयों पर व्यक्त विभिन्न प्रकार की कविताओं, कहानियों, सूक्ष्म कथाओं और बहुत कुछ का संग्रह है। कई लेखकों ने अपने व्यक्तिगत अनुभव लिखे हैं जबकि कुछ ने उन्हें एक काल्पनिक कहानी में व्यक्त करना बेहतर समझा। लेकिन सभी लेखकों ने इस पुस्तक के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ सामग्री देने की कोशिश की है।
सावन के झूले
सावन का महीना शुरू हो चूका है, इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं "सावन के झूले" एक काव्यसंग्रह सावन में बिताये हुए कुछ यादगार पल, सावन में लिए गये झूले, सावन में आये हुए त
सावन के झूले
सावन का महीना शुरू हो चूका है, इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं "सावन के झूले" एक काव्यसंग्रह सावन में बिताये हुए कुछ यादगार पल, सावन में लिए गये झूले, सावन में आये हुए त्यौहारो का महत्व इस काव्यसंग्रह में सभी लेखक एंव लेखिका नें अपने तरीके से काफ़ी खूबसूरत रचनाएँ लिखी है। इस किताब में प्रकाशित हर रचना पढ़कर शायद ही आपको भी बिता हुआ सावन याद आ जाएगा। हमारे कुछ ऐसे रीती रीवाज जो आज के पीढ़ी को पता भी नहीं है, उनके लिये भी इस संग्रह में सावन के एक एक अनोखे पल, क्षण के बारेमे हम सबने लिखने की कोशिश की है। आशा करेंगे ये संग्रह सभी को पसंद आएगा।
Meu Amor is complied by Muskan Keshri and Nikhil Jain. Meu amor is a Portuguese word which means love. This book is filled with thrilling poems about love. Love is neither an ancient belief nor a modern idea. The earth itself began with love as a part and parcel of it. Love has no exception: Everyone can love. Love begins with loving yourself. This anthology will introduce you to beautiful poems written by different writers from different perspectives, and we
Meu Amor is complied by Muskan Keshri and Nikhil Jain. Meu amor is a Portuguese word which means love. This book is filled with thrilling poems about love. Love is neither an ancient belief nor a modern idea. The earth itself began with love as a part and parcel of it. Love has no exception: Everyone can love. Love begins with loving yourself. This anthology will introduce you to beautiful poems written by different writers from different perspectives, and we hope you like it and it will be beneficial to you in some ways.
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