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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal'चल मन चल उस ओर... ' में संकलित कविताएँ एक सफ़र हैं ...मेरा भी ... तुम्हारा भी I हर एक का सफ़र ...
...सोचों, ख़्यालों,भावों,अभावों, बँधनों की पराकाष्ठा को जीते हुए उनसे छूटने की चाहत का सफ़र I
यह सफ़र चार पड़ावों से गुज़रता है I
पहले भाग ‘एहसासों के गलियारों में’ वे कविताएँ हैं जिनमें माँ-बाप, दोस्त, रिश्ते-नाते, बँधन और उनसे जुड़ी भावनाएँ अपने चरम पर हैं I
दूसरे भाग ‘सरहदें ज़मीनों की’ में ताकत की लड़ाई का कड़वा सच है I इस लड़ाई में हारती इंसानियत के दुख की अभिवक्ति है और एक जज़्बा है वक्त को बदलने का I
तीसरे भाग ‘अजब सी कैफ़ियत है’ में दिल उदास है Iइसमें निराशा और नाउम्मीदगी के भावों की अभिव्यक्ति है I
और फिर इन पड़ावों से गुज़रते हुए चौथे भाग ‘चल मन चल’ में संकलित हैं वो भाव जहाँ मन ख़ुद अपने साथ बैठ संवाद करने लगता है I
रिश्तों से , दुनिया से 'मैं ' और ' तू ' से यहाँ तक कि ख़ुद से भी परे के सफ़र पर निकलीं ये कविताएँ ले चलतीं हैं उस ओर...
चल मना …फिर चलते हैं...उस ओर…जहाँ तुरीय हो I
जहाँ मन और मस्तिष्क में कुछ भी नहीं चलता - यह भी नहीं कि कुछ नहीं है।
डॉ. विभा रे
योग्यताः बी.एस.सी.(मैडिकल), एम.ए.(अंग्रेजी), पी.एच.डी.(शिक्षा), एल.एल.एम.।
व्यवसायः प्रधानाचार्या, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, चंडीगढ़।
प्रकाशनः काव्यसंकलन ‘‘ख़्वाहिशें बरसती हैं’’ का प्रकाशन।
काव्यसंकलन( क्षणिकाएँ ) ‘‘लफ़्ज़ों को रहने दो…’’ का अंग्रेज़ी अनुवाद सहित प्रकाशन।
काव्यसंकलन( क्षणिकाएँ ) ‘‘आईना सच बोलता है’’ का अंग्रेज़ी अनुवाद सहित प्रकाशन।
चंडीगढ़ साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित काव्यसंकलन ‘‘काव्यांजलि’’ में कविताओं का प्रकाशन।
सृजन-एन इंस्टीच्यूट ऑफ क्रिएटिविटी, चंडीगढ़ द्वारा प्रकाशित काव्यसंकलन ‘‘काव्य-लहरी’’ का सहसंपादन एवं कविताओं का प्रकाशन।
फेसबुक पेज लिंकः https://www.facebook.com/VibhaAbhiAbhi/
ई-मेलःdoctor_vibha@yahoo.co.in
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