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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइंजी० डोगराजी ने “बंदूक से कलम" तक का सफर पूरी निष्ठा एवं निस्वार्थ भावना से तय किया है। वह समाज के भूले-भटके, कुंठित, बीमार , विकृत मानस्किता वाले लोगों का न सिर्फ मार्गदर्शन कर रहें हैं बल्कि उनमें जीवन के प्रति नई सोच, नई दृष्टि, नई स्फूर्ति तथा नई आस्था पैदा कर रहें हैं। ईश्वर उनकी कलम को निरन्तर उर्वरता तथा ऊर्जा प्रदान करता रहे। मुझे विश्वास है कि पाठक, "ज्ञान का गुलदस्ता" का सहर्ष स्वागत करेंगे तथा जीवन में लाभान्वित होंगे। इन्हीं मुबरकों तथा शुभ कामनाओं के साथ।
6, दिसम्बर, 2019डॉक्टर धर्मपाल साहिल
(राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित साहित्यकार)
रिटायर्ड प्रिंसिपल -98761569641
राज कुमार डोगरा
ई. यानिकि इंजीनियर आर के डोगरा, वायु सेना में अपनी सेवायें देने के पश्चात बाहर आकर टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर जिस में बच्चों को M.P.T.(Multi purpose Technicians ) की ट्रेनिंग देकर उनको स्वरोज़गार का अवसर देकर स्वलम्भी बनाया। आज कुछेक बच्चे (जो कि व्यस्क हो चुके हैं ) अपने Electronis/Electrical showrooms खोले हुए हैं। कुछेक कंपनियों में सर्विस कर रहें हैं, तथा कुछेक बाहर देशों में कार्यरत हैं। अपने इस वानप्रस्त आश्रम (उम्र 50 -75) “ज्ञान का झरना” का वर्णन पहले किया जा चूका है जोकि Notionpress द्वारा प्रकाशित की गयी है, समाज में बहुत चर्चित है।
अब सन्यास आश्रम ( 75-100) में कदम रखने पर यह पुस्तक, "ज्ञान का गुलदस्ता" आप के हाथों में देकर अतीव प्रसन्ता हो रही है। आशा रखता हूँ की यह पुस्तक भी आप की आशाओं पर खरी उतरेगी ।
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