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Har aaina jhootha hai / हर आईना झूठा है

Author Name: Kaavyam/suraj Singh | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

कविता अपने आप में पूर्ण नहीं होती है, उसे पूर्ण बनाता है; पाठक! पाठक जब उसे पढता है, उस कविता के हर्फ़ दर हर्फ़ को अपने जीवन से जोड़ने की कोशिश करता है, अपने अनुभव मैं उसे ढूंढने की कोशिश करता है, उसे आत्मसात करता है, कविता तब ज्यादा सफल मानी जाती है।

कोई भी कविता सिर्फ शब्दों, वाक्यांशों, अक्षरों और वर्णमालाओं से नहीं बनती है, अपितु यह भावनाओं का एक जीवंत संग्रह होती है, जो कवि के अंत: से निकलकर पाठक के मन में समा जाती है|

मैं यकीन के साथ कह सकता

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काव्यम/सूरज सिंह

सूरज सिंह एक ऐसी शख्सियत, एक ऐसी त्रिवेणी का नाम है जहाँ साहित्य, शिक्षण और विज्ञान तीनों का संगम होता है।

-श्री कृष्णा प्रसाद सिंह

एक तरफ तो ये Maths से M.Sc. और पटना के कई कोचिंग संस्थानों और विद्यालयों में शिक्षण का कार्य कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ साहित्य के क्षेत्र में भी इनका अरुणोदय हो रहा है|  इनके शिक्षक दोस्तों को लगता है कि ये एक बेहतरीन कवि हैं तो वहीं इनके

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