दो शब्द
भगवान श्री कृष्ण के मुखों से निकली श्रीमद् भागवत गीता
को मुक्तकों में लिखने का मात्र एक उदेश्य यह है की यह सरल भाषा में लोगो तक पहुँचे।
तथा इस कृति के माध्यम से समस्त लेखकों को आवाहन है की वह इसे अपने तरीके से गीता लिखें ताकि उनके पाठक भी गीता को पढें।
वर्तमान समाज में जहाँ चारो तरफ अराजकता फैल रही है वहाँ गीता का ज्ञान अपने कर्तव्यों को पहचानने के लिये अति आवश्यक है।
मुक्तकों मे होने के कारण मुक्तक पसंद करने वाले पाठक इसे पढ़ेंगे।
धन्यवाद साहित्य
अभिषेक द्विवेदी