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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palवर्तमान पीढ़ी की युवा लेखिका प्रियंका सौरभ नारी समस्याओं पर पैनी नज़र रखते हुए प्रस्तुत खंड में उनका कारण और निवारण करती हुई नज़र आई है। लेखों के चयन से कई बातें एक साथ स्पष्ट होती हैं। प्रथमतः तो यह कि उनके अंदर एक सजग नारी सांस लेती है। वह पहचानती है कि आज की नारी किन-किन बाधाओं से लड़ती हुई आगे बढ़ रही है। दूसरे, स्वयं एक नारी होते हुए अपनी सहयात्री सखियों पर काम करना उनकी सदाशयता, संपन्न सोच और सार्थक सृजक होने की सच्ची निशानी भी देता है।
प्रस्तुत प्रयास को उनकी युवा अवस्था में श्रमसाध्य, गहन अध्ययन से परिपूर्ण, प्रमाणिक और प्रभावी कहा जा सकता है। प्रियंका सौरभ ने नारी समस्याओं को अपनी विराट आलोचनात्मक दृष्टि से देखा है। समकालीन नारी के दर्द एवं समस्याओं की स्पंदन ध्वनियों को प्रियंका सौरभ बड़ी तल्लीनता से सुन पाने में समर्थ हुई हैं। प्रस्तुत निबंध लेखों ने आज अपनी ज़मीन खुद बनाई है। भारतीय जनमानस में पिछले दशक के बाद व्यापक परिवर्तन हुए। सोचने-समझने का नज़रिया बदला। व्यवस्था के विरोध भी हुए। लेकिन नारी समस्याएं जस की तस बनी रही। कुछ सुधार हुए तो नई-नई समस्याओं ने जन्म भी लिया।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.प्रियंका 'सौरभ'
युवा लेखिका प्रियंका सौरभ नारी समस्याओं पर लगातार लिखती रही है। प्रस्तुत खंड में प्रियंका सौरभ ने आधुनिक नारी की वर्तमान समस्याओं को रखा है, जो वर्तमान में उसके जीवन को कहीं न कहीं प्रभावित कर रही हैं। प्रियंका सौरभ का जन्म 20 दिसम्बर1992 को आर्यनगर, हिसार, हरियाणा में हुआ. इनका जन्म सम्पन्न शिक्षित परिवार में हुआ था. इनके पिता एक कानूनगो है. बचपन से इन्हे लेखन एवं पढ़ने का शौक रहा है. इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव आर्यनगर से प्राप्त की. इसके बाद इन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की. साहित्य में इनकी रुचि बचपन से ही रही है. शिक्षा के साथ इन्होंने अपनी साहित्यिक रुचि को नही छोड़ा. और अपना लेखन कार्य जारी रखा. इन्हें कविता लेखन के साथ सम्पादकीय लेखन का शौक भी रहा है. इनका विवाह युवा कवि सत्यवान 'सौरभ' से हुआ. पिछले 10 सालों से सामाजिक कार्यों और जागरूकता से जुडी कई संस्थाओं और संगठनों में अलग-अलग पदों पर सेवा की और 2021 में इन्हे आईoपीoएसo मनुमुक्त ‘मानव’ पुरस्कार से नवाजा गया.
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