आत्मिक प्रेम में डूबे प्रिय और प्रेयसी का हर संवाद हृदय से स्पंदित मृदु भावों का संगम होता है । प्रेम के अनुभव में लिखे गए ख़त जिनमें प्रिय और प्रेयसी के विरह,मिलन और प्रशंसा का अलंकरण हो,जिनमें उपमाओं का शृंगार हो, स्वयं में साहित्य हैं । ‘प्रणय बेलि ’ कवि श्री अमर नाथ सिंह द्वारा रचित काव्यमयी और प्रेरक पत्रों का संकलन है जिसे कवि ने अपनी प्रेयसी की अंतिम आकांक्षा के सम्मान स्वरूप में प्रकाशित किया है । सरि-सागर कि आकांक्षा है कि उनका प्रेम हर घर में पढ़ा जाये,हर घर में गाया जाये। यही प्रेम की साकार प्रतिष्ठा है।