मेरी यह क़िताब "तुम... मैं बन जाना।" आपको कही न कही अपने, आस-पास ऐसा ही कुछ चल रहा है, इसका आभास कराएगी। शीर्षक ही काफ़ी मज़ेदार और दिल को छू लेने वाला है। मेरी इस क़िताब में छोटी-छोटी कुछ कविताएँ, पंक्तियाँ और चार प्रेरणा देने वाली कहानियाँ है। अपनी इन रचनाओं में मैंने आप सभी का ध्यान सिर्फ़ "नारी की दुनिया" पर केंद्रित करने की कोशिश की है।