Hindi

बलि
By sneh goswami in General Literary | वाचलं गेलेलं: 1,447 | लाइक: 1
    बलि उसने  धूल में लथपथ विजय को देखा और उसाँस भर कर रह गई । भोला भाला  सा चेहरा मासूमियत से भरपूर। इस समय अपन  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 22,2020 11:58 PM
मैं छाया में खोई नारी हूँ
By Ojas Kumar Shahi in Poetry | वाचलं गेलेलं: 539 | लाइक: 1
मैं छाया में खोई नारी हूँ मैं दुविधाहत साहस को अपनाई हूँ चाहूँ तो पा लूँ जग सारा  फिर भी बैठ पछताई हूँ चंचल सा है मन  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 12:06 AM
तेरी यादें
By aashu1672 in Poetry | वाचलं गेलेलं: 392 | लाइक: 0
तेरी यादें अब क्यों आने लगी, मुझे दोबारा फिर क्यों सताने लगी, फिर क्यों मेरे सपनो में आने लगे, फिर क्यों मुझे तड़पाने   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 12:33 AM
कुछ भूल रहे हो?
By shalaka dhawane in Poetry | वाचलं गेलेलं: 493 | लाइक: 1
क्यों? कुछ भूल रहे हो? कुछ वादे जो किये थे खुद से ही क्या उनसे मुकर रहे हो? जरा पूछो ना एक बार उससे वही जो धड़कता बैठा है   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 12:45 AM
करोना का कहर, हर पहर, हर शहर (मार्च 2020)
By DivyaJyoti Badgainyan in Poetry | वाचलं गेलेलं: 693 | लाइक: 0
कैसे चारों ओर, एक कोहरा सा छाया है, कहाँ है बहार, कहाँ फूलों का साया है, कैसा ये कोलाहल, अफरा तफरी सी मची है, किसने ये म  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 12:58 AM
एक आग का दरिया है और तैर के जाना है
By medhavee vanshika in Poetry | वाचलं गेलेलं: 284 | लाइक: 1
यह कविता मैंने तब लिखी थी जब मेरा एक अहम् परीक्षा में चयन नहीं हुआ था | तब के अवसादमय  हालात  में यह कविता लिखी गई ह  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 02:04 AM
"बेटी को ना मरवाओ"
By Manish Kumar in Poetry | वाचलं गेलेलं: 508 | लाइक: 0
                       "बेटी को ना मरवाओ" बेटियाँ हैं हम कलियों सी कोमल, हमें यूँ ना मुरझाओ,, बेटो की चाहत मे  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 06:03 AM
"पढ़ाई से बचाओ यारों"
By Manish Kumar in Poetry | वाचलं गेलेलं: 471 | लाइक: 0
"पढ़ाई से बचाओ यारों" हिस्ट्री-ज्योगरफी बड़ी बेवफा, रात को पढ़ी, सुबह को सफा । इकनोमिक्स ने दिया दगा, मैं, उसे कभी न समझ सक  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 06:10 AM
"जुदा होता मजबूर प्यार"
By Manish Kumar in Poetry | वाचलं गेलेलं: 329 | लाइक: 0
"जुदा होता मजबूर प्यार" यादों ने आज हमारी मेरे महबूब को को खूब रुलाया होगा, यादों ने आज हमारी मेरे महबूब को को खूब रुल  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 06:15 AM
"जल को ना मिटाओ"
By Manish Kumar in Poetry | वाचलं गेलेलं: 560 | लाइक: 0
"जल को ना मिटाओ" वाह रे इनसान तूने मुझे भी बेच ड़ाला ! वाह रे इनसान तूने मुझे भी बेच ड़ाला ! पवित्र जल को भी दूषित कर ड़ाला,   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 06:43 AM
‘क़ाश’
By IamPiyush in Poetry | वाचलं गेलेलं: 359 | लाइक: 0
क़ाश  वो शाम होती, क़ाश वो ज़ाम होती मुस्कान मापने को सरेआम क़ाश  वो सुबह, क़ाश वो शाम होती; हृदय की लकीरों से, लहू   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 07:51 AM
ज़िन्दगी के पत्थर, कंकड़ और रेत
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | वाचलं गेलेलं: 254 | लाइक: 1
ज़िन्दगी के पत्थर, कंकड़ और रेत Philosophy के एक professor ने कुछ चीजों के साथ class में प्रवेश किया. जब class शुरू हुई तो उन्होंने एक बड़  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 07:56 AM
समंदर कि लहरों से
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | वाचलं गेलेलं: 337 | लाइक: 1
"समंदर कि लहरों से और ठंडी-ठंडी ये हवाओं से कुछ पा लिया है,  सब कुछ खोने के बावजूद मैंने ममता कि चरणों में अपना शीश प  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 07:59 AM
Ruh Sa Nikli Aawaaz♥️
By Shashwat Kumar Singh in Poetry | वाचलं गेलेलं: 480 | लाइक: 1
बड़ी ही दिलचस्प होती है ये सत्रह-अठरह की लड़कियाँ वक्त-सुब्हदम सी होती है ये सत्रह-अठरह की लड़कियाँ धूप से शिकायातें ह  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 08:00 AM
Shayari
By MR VIVEK KUMAR PANDEY in Poetry | वाचलं गेलेलं: 292 | लाइक: 1
 "डर मुझे भी लगा फासला देख कर,  पर मैं बढता गया रास्ता देख कर,   खुद-ब-खुद मेरे नजदीक आती गई,   मेरी मंजिल मेरा   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 08:05 AM