Hindi

जहाँ में सबको तो एक दिन
By Shubham Priyadarshan in Poetry | वाचलं गेलेलं: 402 | लाइक: 0
जहाँ में सबको तो एकदिन,किसी से प्यार होता है। खुली आँखों से तब, रातों का बेड़ा पार होता है। ये दिल बेचैन रहता है, सदा इ  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 10:44 AM
कोरोना मत मारो ना
By Harshit Singh Shekhawat in Poetry | वाचलं गेलेलं: 515 | लाइक: 1
थम गया है देश,  रुक गया है देश,  जब से फैला है कोरोना,  देखकर इसका प्रकोप सब, भूल गए हैं महंगाई और भ्रष्टाचार का रो  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 10:49 AM
सफलता
By Shubham Priyadarshan in Poetry | वाचलं गेलेलं: 725 | लाइक: 0
चल पड़े हो अब न रुकना, अब नही तुमको है झुकना, अब कि जब है रार ठाना, लौट के वापस न जाना। हार होगी जीत होगी, नफ़रतें और प्रीत  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 10:57 AM
नारी
By pranita meshram in Poetry | वाचलं गेलेलं: 974 | लाइक: 1
        चल निकल प्रथस्त पथ पर,         इस धरती का अभिमान हैै तू।         हृदय भी दे दूँआ जिसे देखकर,       &  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 11:41 AM
The girl who was raped ( chapter 1) हिन्दी
By Nitin Jangid in Crime | वाचलं गेलेलं: 654 | लाइक: 1
आज सड़क पर रोज़ की ही तरह चहल पहल थी । आज भी सड़क के किनारे फलो के ठेले लगे हुए थे । लोग ठेलो पर फलो का मोलभाव कर रहे थे । यह  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 11:52 AM
शैतानी रास्ता
By Bhushan Patil in Horror | वाचलं गेलेलं: 1,004 | लाइक: 1
वेसे तो इस बात को 10 साल गुजर चुके है। पर आज भी उस भयानक घटना को याद कर मेरी रूह तक कांप जाती है। मेरा नाम मुकेश है। ये ब  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 11:57 AM
नारी तू प्रयास कर
By pranita meshram in Poetry | वाचलं गेलेलं: 256 | लाइक: 1
       चल निकल प्रथस्त पथ पर,         इस धरती का अभिमान हैै तू।         हृदय भी दे दूँआ जिसे देखकर,       &nb  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 12:00 PM
Waqt
By Bhavik in Poetry | वाचलं गेलेलं: 367 | लाइक: 1
Waqt ki ye badalti raftar  Usme zindgi se roz takrarSoch me us se roz aageKaru kuch to galtiya jageNa karu kuch to waqt firse aageHam to hai ek dam damdar par Waqt ki ye badalti raftar  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 12:03 PM
आँगन की चिड़िया
By Chetan Kohar in Poetry | वाचलं गेलेलं: 364 | लाइक: 0
                              माँ , इक चिड़िया आती थी आँगन में                                चह  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 12:08 PM
हक देती नहीं मैं
By pranita meshram in Poetry | वाचलं गेलेलं: 698 | लाइक: 1
हक देती नहीं मैं उन्हें जो कहते हैं,                 बेटी  पराया  धन  होती  है।           आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 12:12 PM
मैं इस देश की बेटी हूँ
By pranita meshram in Poetry | वाचलं गेलेलं: 1,151 | लाइक: 0
  तू कमजोर नहीं है, जो                                  अपने वक्त को यूं गवायेगी।             &nb  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 12:22 PM
मुद्धतों बाद आज खुद से
By Amrish Sharma in Poetry | वाचलं गेलेलं: 426 | लाइक: 1
मुद्धतों बाद आज खुद से यूं मुलाकात हुई मेरी, सुनता रहा खामोशी से फ़िज़ा से बात हुई मेरी, रास्ते सून, गलियां सून, परिन  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 12:29 PM
हम यूं ही तो ना मिले होंगे.....
By pranita meshram in Poetry | वाचलं गेलेलं: 717 | लाइक: 0
            कहते हैं खुदा उनसे ही मिलाता है              जो किस्मत में लिखे होंगे ,    &nb  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 12:34 PM
खुदा और पापा
By Rabiyath Nashween in Poetry | वाचलं गेलेलं: 336 | लाइक: 1
बचोंके हर सपने को पापा अपना मान्के पूरा करते हे। खुदा तोह हम सबके पापा हें, वे हर इन्सान के सपने को पूरा करते है । खुद  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 02:24 PM
सफ़र में चलूँ
By Rajpal Singh in Poetry | वाचलं गेलेलं: 257 | लाइक: 0
इस लंबी काली रात की  कोई चमकती सुबह हो हर फ़िक्र की फ़िक्र छोड़ मैं सफ़र में चलूँ रास्ते जो वीरान हैं  खिलखिला के  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Mar 23,2020 03:21 PM