मैंने यह कवितायें कभी ठहरकर, विचार कर नहीं बनायीं। कभी कलम हाथ में पकड़कर घन्टों चिंतन नहीं किया। मेरी सभी कविताएं मेरे साथ होनेवाली , घटनेवाली स्थितियों में अपने आप उभर आयीं। मैंने इन्हें इनके मूल स्वरूप में ही रहने दिया है, कभी कोई सुधार नहीं किया क्योंकि मेरे जीवन में आए समस्त आध्यात्मिक उतार-चढ़ाव सत्य हैं। जिन्हें मैं बदलना नहीं चाहती।आज मैं आध्यात्मिक मार्गदर्शक,उपचारक हूँ, यह कवितायें मेरी शुरुआती आध्यात्मिक यात्रा की उधेड़बुन, सुख-दुख, भक्ति, भटकाव अन्