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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palसाहित्य रचना के क्षेत्र में संवेदनाओं की सहज अभिव्यक्ति का सबसे सटीक और सफल माघ्यम आज ग़ज़ल ही है। छोटी-छोटी पंक्तियों के माघ्यम से बड़ी-बड़ी बातें कह देने की अद्भुत क्षमता के अतिरिक्त गेयता और प्रवाह के गुण सम्प्रेषण की दृष्टि से काव्य की इस विधा को और अधिक ग्राह्य तथा सहज स्वीकार्य बना देते हैं। यह संग्रह विगत तीन दशकों की अवधि में रचनाकार के मन की गहराइयों से स्वतःस्फूर्त संवेदनाओं के अनेक शब्द-चित्र अलग-अलग ग़ज़लों के रूप में अपने अन्दर समाहित किये हुए है।
मदन मोहन 'अरविन्द'
24 अगस्त 1958 को जिला मथुरा स्थित योगेश्वर श्रीकृष्ण की लीलास्थली गोकुल में जन्मे मदन मोहन ‘अरविन्द’ विगत तीन दशकों से हिन्दी साहित्य की सेवा में संलग्न हैं। गीत, ग़ज़ल, कहानी और समसामयिक विषयों पर लेखक की रचनाओं को अनेक प्रतिष्ठित पत्र - पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में निरन्तर स्थान मिलता रहा है। पंजाब कला साहित्य अकादमी जालन्धर से विशिष्ट अकादमी सम्मान 2011 एवं उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा अदम गौंडवी पुरस्कार सम्मान 2019 ।
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