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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palहमारी नई "पुस्तक आशियाना तुम्हारा "आशा करती हूं। आप सभी के दिल को छू जायेगी और आपको ये पुस्तक बहुत पसंद आयेगी । कहते हैं कि जब एक परिवार में प्यार होता है तो उसी परिवार से मिलकर घर बनता है । ठीक उसी प्रकार एक आशिक के प्यार से संजोकर आशियाना बनता है । हर आशियाने में एक आशिक होता है । जिसमें एक जूनून होता है और उसी जूनून से वो प्यार का सही मतलब बताता है । आशिक कभी दोखा या फरेब नहीं करते और जो ये करे .. वो आशिक ही नहीं होते । आशिक प्रेम का सही अर्थ जानते हैं और उसकी परिभाषा सभी को सिखाते हैं । अपनी दीवानगी की संसार में बारिश करके दिखाते हैं। वो कभी साथ नहीं छोड़ते और यादों के अहसास में ही जी लेते हैं । जो सच्चे आशिक होते हैं वो कभी बीच राह में छोड़कर नहीं जाते वो आखिरी सांस तक साथ देते हैं । जैसे हीरे की परख एक जौहरी आसानी से कर लेता है । उसी तरह से प्रेम को पहचानना और आसानी से उसकी परख कर लेना एक आशिक की होती है । मैं संजना चौधरी सभी कवि \ कवयित्री का ह्रदय से आभार व्यक्त करती हूं । आप सभी ने अपनी सुंदर रचना से इसको सुशोभित किया है । हमारी संकलनकर्ता मुस्कान केसरी ने बहुत ही अथक प्रयासों से इस पुस्तक को प्रकाशित किया है । मुझे उम्मीद है कि इस पुस्तक को पढ़कर आप अपना भरपूर प्यार देंगे ।
मोहब्ब्त में दगा देने वाले मिल जायेंगे आसानी से ।
लेकिन सच्चा आशिक पाना मुश्किल होता है ।।
घर तो तुम खरीद लोगे चंद पैसों में ..!
लेकिन एक आशियाना मिलना मुश्किल होता है ।
क्योंकि आशियाना ..तो अनमोल होता है ।।
मुस्कान केशरी और संजना चौधरी
मुस्कान केशरी स्व० मनोज केशरी जी और संध्या देवी जी की सुपुत्री हैं। मुस्कान केशरी जी एम. एस केशरी प्रकाशन की CEO है, साथ ही साथ वो एक लेखिका एवं कवयित्री हैं। मुस्कान एनसीसी कैडेट, ब्यूटीशियन, शिक्षिका भी हैं। मूल रूप से मुस्कान मुजफ्फरपुर, बिहार से ताल्लुक रखती हैं। इन्होने लेखन की शुरुआत की और धीरे - धीरे लेखन में इनकी रूचि बहुत ज्यादा हो गई। ये नये - नये विषयों पे कविता, कहानी लिखना पसंद करती हैं। ये 200 +काव्य संग्रह और 15 साझा संकलन की संकलनकर्ता रह चूँकी है।
मेरा नाम संजना चौधरी है और लोग मुझे सनहा चौधरी द राइजिंग राइटर के नाम से जानते हैं । मेरे पिता mr. सतीश चन्द्र हैं । मैं bsc की छात्रा हूं और up के मथुरा जिले से हूं। लिखने का मेरा बचपन से ही शॉक रहा है । अब उसको अपना पेशन बनाना चाहती हूं और आप सभी के दिल में अपनी रचनाओं के जरिए एक छाप छोड़ना चाहती हूं । मैं आशा करती हूं इस पर मैं खरी उतरूंगी और एक नई पहचान लेखक और कवियत्री के रूप में जानी जाऊंगी । काफी जगह मैं अपनी रचना प्रकाशित कर चुकी हूं और आगे भी इसी तरह करना चाहती हूं ।
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