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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal'अभिव्यक्ति’ मेरी कविताओं का संकलन है |
‘अभिव्यक्ति’ किसी एक भाव या विषय विशेष को लेकर नहीं है | इसमें जीवन के विभिन्न रंगों को उकेरने की कोशिश की है मैंने | कहीं जीवन एक संघर्ष है, अंतर्द्वंद्व, चुनौती है तो नकारात्मकता पर सकारात्मकता की जीत भी है | शब्दों के अलग- अलग प्रयोग मुझे हमेशा से आकर्षित करते रहे हैं | मेरी कुछ रचनाएं साहित्य से भी सम्बंधित हैं | अन्य समकालीन विषयों ने भी मेरे मन को झिंझोड़ा है इसलिए उनके प्रति अपने भावों को प्रकट करने का लोभ मैं संवरण नहीं कर सकी | कई रचनाओं में मैंने रिश्तों, प्यार और लाचारगी के बीच भी जीने की कोशिश की है | कुछ कविताएँ परिस्थितिजन्य प्रेरणाओं के कारण हैं और कुछ आत्म-चिंतन और आत्मानुभव से प्रेरित हैं |
साहित्य से मेरा जुड़ाव बचपन से रहा है | साहित्य- सृजन का कार्य बहुत दिनों से कर रही थी और यह कार्य एक तरह से स्वान्तः सुखाय के लिए था | अपने आस- पास घटित घटनाओं को देखकर परिचित- अपरिचित चेहरों के बीच मन अकुलाकर कुछ कहने को विवश हो उठता है | यह मेरी अकुलाहट तब तक शान्ति के कगार तक नहीं पहुँच पाती जब तक मैं उनको शब्दों का जामा पहनाकर कागज़ पर नहीं उतार लेती | यही ‘अभिव्यक्ति’ है |
मैं पैंतीस वर्षों तक शिक्षण कार्य से जुडी रही इसलिए अपनी रचनाओं के प्रकाशन का ध्यान ही कभी नहीं आया | अब साहित्य प्रेमियों तक अपनी रचनाओं के माध्यम से अपने भावों को पहुंचाने का एक छोटा और प्रथम प्रयास कर रही हूँ | आशा है आप इसे अपने ह्रदय में स्थान देंगे |
रेणु प्रसाद
रेणु प्रसाद: हिंदी साहित्य से रेणु का रिश्ता बड़ा पुराना है | रेणु ने हिंदी में एम.ए कर पैतीस वर्षों तक हिंदी शिक्षिका के रूप में काम किया है | इनकी रचनाओं में आशावादी दृष्टिकोण का परिचय मिलता है | “अभिव्यक्ति मन की” कविता संग्रह में जीवन के विभिन्न रंगों का चित्रांकन मिलता है | रेणु लघु कथाएँ लिखती हैं और अपने लेखों के माध्यम से विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करती हैं। उन्होंने 'नए सफर की और' शीर्षक की एक उपन्यास भी लिखी है जो विदेशों में भारतीयों के संघर्ष पर आधारित है।
'चंद्र महल' नामक एक रोमांचकारी उपन्यास को भी इन्होंने एक उभरते हुए लेखक, अमिय प्रभाकर, के साथ मिल कर प्रकाशित किया है | इस कहानी भी पाठकों ने बहुत पसंद किया है |
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