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Adhoori Kavitaayen / अधूरी कविताएँ

Author Name: Anurag S Pandey | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

यदि मैं अपूर्ण हूँ, तो मेरी कविताएँ कैसे पूर्ण हो सकती हैं… मेरी तरह मेरी कविताएँ भी सफर पर हैं... शरीर बदलती हुईं, रंग-रूप बदलती हुईं... पूर्णता कीओर... "अधूरी कविताएँ" में मेरी 105 रचनाएं हैं, जिन्होंने मुझे पिछले दो दशकों में रचा है… - अनुराग एस पाण्डेय

पुस्तक से कुछ पंक्तियाँ...

अनसुलझा सा लगे, मरासिम तेरा मेरा,

अनछुआ ही सही, पर है तू हासिल मेरा।

ख्वाब सा पास तू, हैं फ़ासले दरमियाँ फ़लक के

रूह के साथ तू, तन्हा मन, संग तेरी महक के।

कैसी ये तूने अलख जगाई!

***

ज़िन्दगी का झोला,

मुझसे बोला,

क्यूँ भरता है तू इसमे वो सब?

जिसे छोड़ के जाना होगा,

दिल से भी हटाना होगा।

झोला मत कर भारी,

कर ले “ज़िन्दगी सवारी”

उड़ ले तू, उड़ ले तू…!

***

काश! हवा बन उड़ बहता,

भेद–मुक्त हो, सबसे घुल–मिल

उड़ता फिरता…

मगर वह भी मुक्त कहाँ!

विवश वह भी तो,

हर रंग अपनाने को,

हर बू फैलाने को…

काश! व्योम बन,

खुद के भीतर, शामिल कर लेता,

काले–उजले सारे तारे…

पर वह भी तो,

फैल रहा है, सिकुड़ रहा है,

ढूँढ रहा है खुद को, मेरी तरह…

***

अधूरी कविता सा,

अधूरा चित्र सा,

मैं ढूँढता स्वरुप...

भाव-शब्द और भाव-रंगों से

मैं गढ़ता जाता स्वरुप...

***

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अनुराग एस पाण्डेय

अनुराग एस पाण्डेय लेखक, कवि, गीतकार और कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं। इनकी कविताएँ भारत के राष्ट्रीय समाचार पत्र-पत्रिकाओं जैसे नवभारत टाइम्स, कादम्बिनी आदि में प्रकाशित हुई हैं। इन्होंने लेडी इंस्पेक्टर, शाका लाका बूम बूम, आदि विभिन्न टीवी शोज तथा इंडोनेशियाई टीवी के लिए (कहानी / संवाद / पटकथा) लेखन कार्य किया है। वर्तमान में ये भारत के भुवनेश्वर शहर में रहते हैं। ध्यान, योग, रहस्य, अलौकिक गतिविधियां, प्रेम, संबंध इनके लिखने-पढ़ने के कुछ पसंदीदा विषय हैं।

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