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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palतारीक़ 13 साल का था। वह मुंबई के धारावी झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले कई बच्चों में से एक था। यहां कोई भी शिक्षा के प्रति आकर्षित नहीं दिखता था, क्योंकि उनको सबसे पहले अपने भूखे पेट की जुगाड़ करनी पड़ती थी। तारीक़ भी उन असहाय बच्चों में से एक था और उसे भी उन बच्चों के साथ खड़ा हो जाना पड़ा, जो दिन भर काम- काज करते और रात में जाकर आराम। लेकिन उसमें शिक्षा पाने की एक अलग ही भूख थी। जिसका अक्सर उसके साथ रहने वाले झुग्गी झोपड़ी के लोग मजाक उड़ाया करते थे।
सुभाष श्याम सहर्ष
सुभाष श्याम सहर्ष
आपने हिंदी भाषा के साथ साथ अंग्रेजी में भी कई किताबें लिखा है। आपके लेखन में बच्चों के प्रति आपका विशेष झुकाव दिखता है। आपकी कहानियों में वर्तमान का सुंदर वर्णन दिखता है। साथ ही आपकी रचनाएं भविष्य की कई संभावनाएं तलाशती दिखती हैं। आपने कई किताबें अमेज़न के.डी. पी. पर प्रकाशित करवाई है।
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