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Akal Badi Ya Google Baba / अक्ल बड़ी या गूगल बाबा

Author Name: Maj Gen (retd) A K Shori | Format: Paperback | Genre : Self-Help | Other Details

अक्ल बड़ी या गूगल बाबा

हाथों में मोबाइल आने से हम बेशुमार सूचना तो पा सकते हैं, लेकिन क्या उससे ज्ञान व सयानापन (या समझ) भी आ सकता/ती है? आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ-साथ अक्लमंद होने के लिए मानव का शिक्षित, संस्कारी व सभ्य-सुसंकृत होना अधिक जरूरी है। लेकिन, क्या ऐसा हो रहा है? क्या हमारा समाज शिक्षित, सभ्य व सुसंकृत हो रहा है? क्या तीव्र गति के प्रोसेसर हमारे दिमाग में कहीं ऐसा कचरा तो नहीं डालते रहते जिसे हम जल्दी से दूसरों को फॉरवर्ड करने में ही लगे रहते हैं? साथ ही, हमारी समाज व राष्ट्र के प्रति कैसी सम्वेदना होनी चाहिए, और हम अज्ञान व संकीर्ण मानसिकता से स्वंय को कैसे बचा कर रखें। अपने विचारों को सही, तार्किक व सुलझी दिशा देने के लिय हमें स्वंय से कुछ प्रश्न करने होंगे। मन के अंधेरों को दूर करते हुए ज्वलन्त विषयों पर लिखे गये बाईस लेख एक प्रयत्न है इसी दिशा में, जिससे हम अपनी दिशा व दृष्टि  को दूर तक ले जाएँ, उसे व्यापक, सूक्ष्म एवं सम्वेदनशील बनाएं। समझ या अक्ल (विस्डम) किसी को दी नहीं जा सकती, उसे व्यक्ति को अपने में विकसित करनी होती है, तर्क और कुतर्क,  ज्ञान एवं ज्ञानाभास के अन्तर को जानना पड़ता है, तब जाकर वह बोध भीतर उपजता है जिसकी अपेक्षा सारी मनुष्यता करती है। यही समझ या अक्ल इस मनुष्यता को भविष्य के प्रति आश्वस्त कर सकती है और  इस पृथ्वी को सुरक्षित रख सकती है। गूगल बाबा अक्ल के अधीन रहे तो लाभदायक और उपयोगी हो सकता है, अन्यथा मनुष्यता को भ्रमित और अहंकारी होने से रोकना सम्भव नहीं होगा - और यह मनुष्यता का दुर्भाग्य होगा।

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मेजर जनरल ए के शोरी (रिटायर्ड)

मेजर जनरल अमिल कुमार शोरी, (ऍम.ए, एल एल. बी) १९८२ बैच सिविल सेवा के अधिकारी हैं. उन्हों ने सेना डाक सेवा कोर मे २१ वर्ष तक कार्य किया. इस दौरान उन्होंने सेना डाक प्रशिक्षण केंद्र के कमांडेंट, उत्तरी, पश्चमी व पूर्वी कमांड में काम किया तथा २०११ में मेजर जनरल का रैंक मिलने पर कोर के सर्वोच्च पद पर कार्य किया. इस दौरान उन्हें आर्मी कमांडर  के प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया. २०१५ में वे वापिस सिविल में आये व चीफ पोस्टमास्टर जनरल, हिमाचल प्रदेश का पद सम्भाला. जुलाई २०१६ में वे सदस्य, डाक सेवा बोर्ड बन कर रिटायर हुए. 

जनरल शोरी ने अभी तक चार पुस्तकें लिखी हैं, (अल्फाबेटिकल कंपाइलेशन ऑफ़ इडियम्स, सेवेन शेड्स ऑफ़ श्रीराम, इनविजिबल शेड्स ऑफ़ रामायण, व्हाई वी आर लाइक दिस). उन्होंने वाल्मीकि रामायण व पंचतंत्र पर गहन अध्ययन किया हो और समय समय पर वे विभिन्न विषयों पर सेमिनार करते रहते हैं. उनका एक साप्ताहिक कॉलम “ ज्ञान गंगा” के नाम से असर न्यूज़ वेब पोर्टल पर नियमित रूप से आता है. वे ह्यूमन डेवलपमेंट पालिसी रिसर्च व ट्रेनिंग सेंटर के निदेशक है और दिशा & दृष्टि नामक मासिक इ न्यूज़ पत्रिका का सम्पादन भी करते है. वर्तमान में वे जी जी डी एस डी  कॉलेज की मैनेजिंग समिति के चेयरमैन हैं.

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