You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palअक्सर जो लोग साथ होते हैं उनके जीवन के किस्से लगभग एक जैसे ही होतें हैं , मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। आज से करीब दस साल पहले जो सफर मैंने अकेले शुरू किया था , अपनी भावनाओं को एक काव्य रूप देने का, उस सफर में वक़्त के हर एक मोड़ पर नए लोग जुड़ते गए और मुझे एहसास दिलाते गए कि मैं एक नहीं हूँ मेरे जैसे न जाने कितने हैं जो घिरे हैं ज़िन्दगी की अलग अलग उलझनों में। 'अक्सर' एक प्रयास है शब्द देने का उन्हीं उलझनों को जो कभी कभी रह जाती हैं अनकही, जो कभी सुलझती नहीं और जिन्हें सुलझाने के लिए शायद एक ज़िन्दगी काफ़ी नहीं।
सारांश
अपनी दूसरी किताब 'अक्सर' लेकर आप सबके सामने आये हैं सारांश जिनका असली नाम जैसा कि आप सब जानते हैं सौरभ चतुर्वेदी है। सौरभ मूलतः आगरा के समीप होलीपुरा गाँव से हैं, इनका जन्म सं १९७९ में वहीँ हुआ। लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक के छात्र रहे सौरभ ने लेखक बनने का सपना कभी नहीं देखा। उनका कार्यक्षेत्र हमेशा बैंकिंग और फाइनेंस से जुड़ा हुआ रहा मगर जीवन के उन दिनों में जब वे अपनी पहली नौकरी के दौरान अकेले रहे तब उनकी कवियों और शायरों को पढ़ने के प्रति रूचि जागी। किताबें उनका प्रेम बन गयीं और इसी प्रेम से उपजा लेखन का शौक। आज उनके फेसबुक पेज को पढ़ने वालों की संख्या ढाई लाख से अधिक है, इनकी पहली किताब 'चार कोस का चाँद' मई २०१८ में आयी थी। सौरभ का लखनऊ में फाइनेंस का निजी कारोबार है।
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.