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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमेरी यह किताब है अल्फाज ए मोहब्बत। इस किताब के माध्यम से मैं यह संदेश दिया जा रहा है, कि प्यार मोहब्बत के बिना जिंदगी अधूरी है।
"जिस तरह बिना पूजा के उस मंदिर का कोई महत्व नहीं।
उसी तरह बिना प्यार के जिंदगी का भी कोई महत्व नहीं।
जरूरी नहीं प्यार प्रेमी प्रेमिका से ही हो। भाई बहन का प्यार हो सकता है।मां बाप का प्यार हो सकता है। बड़े भाई का प्यार हो सकता है। चाचा चाची का प्यार हो सकता है। दादा दादी का प्यार हो सकता है। घृणा से किसी समस्या का समाधान नहीं होता, लेकिन प्यार एक ऐसी चीज है जिससे हर समस्या का समाधान हो सकता है।
रोनू मावई, Ronu mavai
मैं रोनू मावई। मेरे पिताजी का नाम रामवीर सिंह मावई है। मैं ग्राम जयनगर चौखूती, थाना नूराबाद, तहसील बानमौर, जिला मुरैना, चंबल संभाग, मध्य प्रदेश का रहने वाला हूं। मुझे लेखन क्रिया में विशेष रूचि है और हमें खेती करना बहुत पसंद है| यह मेरी पहली किताब "अल्फाज ए मोहब्बत" लेखन साहित्य की तरफ से प्रकाशित की गई है, हम तहे दिल से लेखन साहित्य को धन्यवाद देता हूं|
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