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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palअलोपा मेरे जीवन का पहला उपन्यास है,जिसमें मैने अपने उपन्यास लेखन को सार्थक करने का पूर्ण प्रयास किया है। अलोपा उपन्यास, मुख्य पात्र अलोपा के जीवन को ही सन्दर्भित करता सा नजर आता है। अलोपा एक ऐसा प्रयास है जो उपन्यास की उस छोटी सी पात्र अलोपा के जीवन में उठते, उसे अनेकों दुख के सागर में अनवरत गोते खाते, संघर्ष करते जीवन को जीवंत करता है।अलोपा का जीवन सुख के निकट तो पहुँचता है किन्तु वह सुख भी अलोपा के लिए सत्य नही है। सरल से शरीर में बसने वाला अलोपा का विशाल ह्दय कभी आहत नही होता, कभी स्वार्थी नही होता, कभी हारता नही। जीवन के हर पथ पर अडिग सा खड़ा रहता है। उस विशाल शिला खन्ड के समान जो दूसरों को छाया के लिए सदैव तत्पर रहता है।
सुनीता गोंड
धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में जन्मी कवयित्री सुनीता गोंड, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से परास्नातक हैं एवं आधुनिक युग की प्रयोगवादी नई कविता की सशक्त हस्ताक्षर हैं । पिता शिक्षक और माता समाज सेविका हैं इसलिए जीवन मूल्यों की झलक कविताओं में होना स्वाभाविक ही है । कवयित्री के साझा काव्य संग्रह ‘माँ की महिमा’ और ‘मातृभूमि’ प्रकाशित हो चुके हैं । विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में कवयित्री की रचनायें प्रकाशित होती रहती हैं।
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