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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palअर्पित मौर्य ‘अद्वैत’ द्वारा लिखी गई ये उनकी चौदहवीं रचना है और हिंदी का दूसरा उपन्यास है। इस उपन्यास में अद्वैत अपने रोमांटिक अंदाज से हट कर हॉरर कथाशैली को अपनाते हुए नज़र आते हैं। अद्वैत समाज में चल रही कुरीतियों की इस उपन्यास के माध्यम से दुरुस्त आलोचना करते हैं। उपन्यास का केंद्र एक लड़की है। लड़की जिसे समाज दबाता है कठपुतली सा पर जब वो विद्रोह पर उतरती है तो काँप जाती हैं आने वाली पीढ़ियाँ भी।
मऊ से आरा जाने वाली सड़क पर लगभग सवा सौ किलोमीटर चलने पर एक छोटी सड़क मिलती है, जो चन्दा नामक गाँव में जाती है। गाँव से लगभग दो किलोमीटर दूर एक छोटी नदी है जिसके किनारे श्मशान है। गाँव वालों के अनुसार वो जगह शापित है। लोग उसे “रतनिया का श्राप” कहते हैं। इसी श्राप के कारण जो भी अंधेरा होने के बाद उस स्थान पर जाता है या उसके आस-पास से भी गुजरता है वो बचता नहीं है। कहते हैं, वहाँ एक भयानक चुड़ैल रहती है जिसकी शक्ति अमावस की रात को चरम पर होती है। पर इसका एक और पहलू भी है जिसके बारे में कोई बात नहीं करता क्योंकि ऐसा करने पर समाज की पोल खुलने का डर होता है।
हम जिसे खतरनाक या भयावह की संज्ञा देते हैं वो सदा से वैसा नहीं होता, कुछ घटनायें ऐसी अवश्य होती हैं जो उसे वैसा बना देती हैं। समाज की छोटी सोच, बंदिशे लगाने की उसकी आदत से कितना कुछ बिगड़ सकता है एक व्यक्ति के जीवन में, इसके चारों ओर घूमती है अद्वैत की कलम, एक अलग अंदाज में।
अर्पित मौर्य 'अद्वैत'
अर्पित मौर्य 'अद्वैत' भारतीय लेखक, उपन्यासकार, कवि एवं कहानीकार हैं। अर्पित का जन्म जौनपुर जिले के अर्गूपुर कला नामक गाँव में हुआ। अर्पित की प्राथमिक शिक्षा यहीं से हुई उसके पश्चात की शिक्षा इन्होंने दिल्ली से ग्रहण की और वर्तमान समय में अर्पित दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। इनकी माता का नाम रेनू देवी है तथा पिता लालचंद मौर्य हैं। अर्पित को पढ़ने का शौक बचपन से ही लग गया था। उनके दादा, राम प्रीति मौर्य ने इस रुचि को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
अद्वैत अधिकतर हिन्दी और अंग्रेजी में लिखते हैं। उनके द्वारा लिखे गए उपन्यास, लिक्विड मैसेंजर ऑफ डेथ, अचिविंग हाइट्स, एन इंक्रेडिबल मैन और द डिवाइन लव हैं जो अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित हुए एवं प्रेमगर्त हिंदी का उपन्यास है। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा लिखे गए काव्य-संग्रह, कुछ कल्पनाएं, मृगतृष्णा, मुंतशिर पर मुख़्तलिफ़ एवं बस कुछ घड़ी और हैं। सूर्यास्त कहानी संग्रह है। एक उपन्यासकार के तौर पर अद्वैत का हमेशा यही प्रयास रहा है कि उनका उपन्यास सिर्फ मनोरंजन के लिए ही महत्व न रखकर पाठक के जीवन पर भी कुछ सकारात्मक प्रभाव डाल सके। और यही कारण है कि एक प्रगतिशील लेखक होने के लिए जो गुण होने चाहिए अद्वैत उन पर पूर्णतः खरे उतरते हैं।
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