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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palअद्वैत उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से हैं। प्रारंभ से ही इनकी रुचि कहानियाँ सुनने में रही। जब पढ़ना-लिखना सीखा तब से साहित्य की विभिन्न विधाओं में लिखी गई रचनाओं को पढ़ रहे हैं। समय के साथ ही लिखना भी शुरू हुआ। ग्रामीण पृष्ठभूमि से Read More...
अद्वैत उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से हैं। प्रारंभ से ही इनकी रुचि कहानियाँ सुनने में रही। जब पढ़ना-लिखना सीखा तब से साहित्य की विभिन्न विधाओं में लिखी गई रचनाओं को पढ़ रहे हैं। समय के साथ ही लिखना भी शुरू हुआ। ग्रामीण पृष्ठभूमि से होने के नाते इनकी रचनाओं में गाँव के प्रति असीम प्रेम झलकता है। कई कहानियाँ एवं कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में छपीं तो लेखन के लिए प्रेरणा मिलती गई।
वर्तमान समय में अद्वैत दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हैं और साहित्य के प्रति गहरा प्रेम रखते हैं। इनकी प्रमुख रचनाएं- प्रेमगर्त, सूर्यास्त, अमावस एवं यायावर है।
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अपनी स्मृतियों में वो एक-दूसरे को मुस्कुराता हुआ देखना चाहते थे अन्यथा उस मुस्कुराहट के पीछे क्या कुछ बिखर गया था, ये उनका हृदय ही जानता था। उसे ऐसा लगा जैसे उसके ख्वाब जो इतने सा
अपनी स्मृतियों में वो एक-दूसरे को मुस्कुराता हुआ देखना चाहते थे अन्यथा उस मुस्कुराहट के पीछे क्या कुछ बिखर गया था, ये उनका हृदय ही जानता था। उसे ऐसा लगा जैसे उसके ख्वाब जो इतने सालों से वो बुनती आयी है वो साहिल पर पड़ी रेत का कोई महल था जो वास्तविकता के झोंके के साथ ही ढह गया। प्रेम में मात खाई दीक्षा ने न ही पार्थ की तरह अपने मन की व्यथा को किसी से गाया और न ही उससे रुष्ट हुई। उसने बस सच्चाई को अपना लिया और अपनी जिंदा लाश पर सहनशीलता एवं शांति का कफ़न ओढ़ कर खुद को दर्शन बाबू के हाथों में अर्पित कर दिया।
दोनों खड़े रहते हैं वैसे ही मूर्ति बने हुए। न उन्हें भूत याद है, न वो वर्तमान में हैं, न ही भविष्य उन्हें डरा रहा है। इस एक क्षण में उनके लिए जो है यही है। इस दशा को महसूस करने के लिए प्रेम के उस छोर तक जाना होता है जहाँ जाकर ‘मैं’ का सिद्धांत समाप्त हो जाता है। वहाँ सिर्फ ‘हम’ होता है। और इसी ‘हम’ पर दुनिया टिकी है, इस दुनिया में प्रेम टिका है, मैं टिका हूँ, हम सब टिके हैं। इस ‘हम’ को वासना कभी छू भी नहीं सकती, इसके लिए प्रेम के चरम पर होना अत्यावश्यक है।
प्रेम का अर्थ आतुरता नहीं इंतज़ार है। कुछ दिन, कई शामें, अनेकों रातें बड़ी मनहूस होती हैं, आज का दिन, शाम और रात भी ऐसे ही थे। वो खो देना चाहता था खुद को ताकि दीक्षा याद न आए पर जो कण-कण में बसा है उससे कब तक भागा जाएगा?
कई बार कुछ बहुत भयवाह घटित हो रहा होता है। हम फँसे हुए होते हैं पर तभी हमारी आँख खुल जाती है और लगता है, “आश....सपना था।” पार्थ भी सोचने लगा कि काश ये सपना ही हो। वो इंतज़ार करता रहा पर उसकी आँख न खुली, ये सपना समाप्त न हुआ। वास्तविकता थी ये जो खड़ी तांडव कर रही थी उसके सामने।
अर्पित मौर्य ‘अद्वैत’ द्वारा लिखी गई ये उनकी चौदहवीं रचना है और हिंदी का दूसरा उपन्यास है। इस उपन्यास में अद्वैत अपने रोमांटिक अंदाज से हट कर हॉरर कथाशैली को अपनाते हुए नज़र आ
अर्पित मौर्य ‘अद्वैत’ द्वारा लिखी गई ये उनकी चौदहवीं रचना है और हिंदी का दूसरा उपन्यास है। इस उपन्यास में अद्वैत अपने रोमांटिक अंदाज से हट कर हॉरर कथाशैली को अपनाते हुए नज़र आते हैं। अद्वैत समाज में चल रही कुरीतियों की इस उपन्यास के माध्यम से दुरुस्त आलोचना करते हैं। उपन्यास का केंद्र एक लड़की है। लड़की जिसे समाज दबाता है कठपुतली सा पर जब वो विद्रोह पर उतरती है तो काँप जाती हैं आने वाली पीढ़ियाँ भी।
मऊ से आरा जाने वाली सड़क पर लगभग सवा सौ किलोमीटर चलने पर एक छोटी सड़क मिलती है, जो चन्दा नामक गाँव में जाती है। गाँव से लगभग दो किलोमीटर दूर एक छोटी नदी है जिसके किनारे श्मशान है। गाँव वालों के अनुसार वो जगह शापित है। लोग उसे “रतनिया का श्राप” कहते हैं। इसी श्राप के कारण जो भी अंधेरा होने के बाद उस स्थान पर जाता है या उसके आस-पास से भी गुजरता है वो बचता नहीं है। कहते हैं, वहाँ एक भयानक चुड़ैल रहती है जिसकी शक्ति अमावस की रात को चरम पर होती है। पर इसका एक और पहलू भी है जिसके बारे में कोई बात नहीं करता क्योंकि ऐसा करने पर समाज की पोल खुलने का डर होता है।
हम जिसे खतरनाक या भयावह की संज्ञा देते हैं वो सदा से वैसा नहीं होता, कुछ घटनायें ऐसी अवश्य होती हैं जो उसे वैसा बना देती हैं। समाज की छोटी सोच, बंदिशे लगाने की उसकी आदत से कितना कुछ बिगड़ सकता है एक व्यक्ति के जीवन में, इसके चारों ओर घूमती है अद्वैत की कलम, एक अलग अंदाज में।
अर्पित मौर्य 'अद्वैत' द्वारा लिखी गई यह उनकी तेरहवीं किताब है। अद्वैत अपने इस कहानी संग्रह में ग्रामीण भारत के सौन्दर्य और शांति से लेकर शहरों की भीड़-भाड़ तक का एक बड़ा दायरा अपनी क
अर्पित मौर्य 'अद्वैत' द्वारा लिखी गई यह उनकी तेरहवीं किताब है। अद्वैत अपने इस कहानी संग्रह में ग्रामीण भारत के सौन्दर्य और शांति से लेकर शहरों की भीड़-भाड़ तक का एक बड़ा दायरा अपनी कलम से समेटते हुए नजर आते हैं। इस कहानी संग्रह में गुल्लक जैसी सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ भी सम्मिलित हैं जो राइटर्स कम्पटीसन की सबसे चर्चित कहानियों में से एक है। एक तरफ अपनी विशेषता को जारी रखते हुए अद्वैत ने प्रेम और रोमांस का जो चित्रण किया है वो काबिल-ए-तारीफ है। और दूसरी तरफ अपनी व्यंगात्मक लेखन शैली से समाज का वास्तविक चित्रण करके जागरूकता का प्रसार करने का भी सराहनीय प्रयास अद्वैत द्वारा किया गया है।
अर्पित मौर्य 'अद्वैत' द्वारा लिखी गई यह उनकी बारहवीं किताब है। इस रचना में अद्वैत सामाजिक व्यवस्थाओं पर शिकंजा कसते हुए नज़र आते हैं। पर इसके साथ ही अपनी कल्पना और लेखन शैली का भर
अर्पित मौर्य 'अद्वैत' द्वारा लिखी गई यह उनकी बारहवीं किताब है। इस रचना में अद्वैत सामाजिक व्यवस्थाओं पर शिकंजा कसते हुए नज़र आते हैं। पर इसके साथ ही अपनी कल्पना और लेखन शैली का भरपूर प्रयोग करते हुए, अद्वैत ने उपन्यास में जो रहस्य भरा है वो अपने आप में काबिल-ए-तारीफ है। एक ओर रहस्य से भरी घटनाएं हैं तो वहीं दूसरी ओर लालच में फंसे व्यक्ति की मनोदशा। पात्रों के माध्यम से अद्वैत ने जो दुनिया रची है उसमें एक बार डूबने के बाद निकल पाना लगभग असंभव है। कहानी हर कदम पर नया मोड़ लेती है और पाठक को बाँधे रहती है। इस रचना के माध्यम से अद्वैत ने साहित्य को सींचने की भरपूर कोशिश की है।
How can we define love? Well, Wikipedia says, "love encompasses a range of strong and positive emotional and mental states, from the most sublime virtue or good habit, the deepest interpersonal affection, to the simplest pleasure." But let me ask you a question, is it possible to define love? If someone asked me the same question, I would say no because no one can define a dynamic thing. Love is something that happens, and that happening is not in our control.
How can we define love? Well, Wikipedia says, "love encompasses a range of strong and positive emotional and mental states, from the most sublime virtue or good habit, the deepest interpersonal affection, to the simplest pleasure." But let me ask you a question, is it possible to define love? If someone asked me the same question, I would say no because no one can define a dynamic thing. Love is something that happens, and that happening is not in our control. It is not only the best feeling but the purest and most divine feeling.
"The divine love" is the story of two lovers, Abhimanyu and Nivedika, who were madly in love with each other and experienced the charming vibes of fondness. The ups and downs came in their lives, they got separated for years, but their love didn't blow away because the thing that blows, it can't be love. The two who were familiar with each other for years, two who were in love, two who weren't able to imagine their future without each other, will they two be able to live together? They were like others, but their truthness towards their loved one made their love a divine love. Witness the journey of two passionate lovers throughout the series, THE DIVINE LOVE.
Vikramaditya is a story of an emperor who was the king of a great empire named Aryavarta. Zimrilim Kirdama is the dragon king who wanted to destroy the whole kingdom. Why did he want to do it? Will he succeed in this? To know these answers, go through the book.
Vikramaditya is a story of an emperor who was the king of a great empire named Aryavarta. Zimrilim Kirdama is the dragon king who wanted to destroy the whole kingdom. Why did he want to do it? Will he succeed in this? To know these answers, go through the book.
‘लिक्विड मैसेंजर ऑफ डेथ’ इस शीर्षक का अर्थ क्या है यह तो आपको उपन्यास पढ़ने के पश्चात ही ज्ञात होगा। पर यह कहानी है एक ऐसे खूनी की जो मानसिक रोगी है और हत्याएं कर रहा है। यह कहान
‘लिक्विड मैसेंजर ऑफ डेथ’ इस शीर्षक का अर्थ क्या है यह तो आपको उपन्यास पढ़ने के पश्चात ही ज्ञात होगा। पर यह कहानी है एक ऐसे खूनी की जो मानसिक रोगी है और हत्याएं कर रहा है। यह कहानी है अथरेया की जो कि एक होनहार पुलिस अफ़सर है, जिसे यह केस सौंपा गया है। खूनी की नज़र उसके भाई अगस्त्य पर है, क्या अथरेया अपने भाई को बचा पाएगा? बहुत से ऐसे राज हैं जो इस कहानी में दफन हैं, क्या अथरेया उनसे रूबरू हो पाएगा, और शहर को इस साइको खूनी से बचा पाएगा?
‘बस कुछ घड़ी और’ इस काव्य-संग्रह को लिखना मेरे लिए बहुत अच्छा अनुभव रहा। इसकी रचना के दौरान कई क्षण ऐसे थे जब मैं मेरी कल्पना में इतना खो गया कि वास्तविकता और कल्पना की बीच की रे
‘बस कुछ घड़ी और’ इस काव्य-संग्रह को लिखना मेरे लिए बहुत अच्छा अनुभव रहा। इसकी रचना के दौरान कई क्षण ऐसे थे जब मैं मेरी कल्पना में इतना खो गया कि वास्तविकता और कल्पना की बीच की रेखा का मुझे ध्यान ही नहीं रहा। स्वयं को नियंत्रित न करते हुए मेरे हृदय ने मुझसे जो लिखने के लिए कहा मैंने वही लिखा है। यह काव्य-संग्रह अपने आप में अप्रतिम है क्योंकि मेरे अनुसार सबसे उत्तम काव्य वही है जिसमें भाव की प्रधानता हो और अगर इसमें संकलित कुछ काव्यों को लिखते हुए मेरी आंखे नम हो गईं तो इसका ये अर्थ है की मैं भावनाओं को ठीक तरीके से उतार पाने में सक्षम हुआ हूँ, अब मैं कितना सही हूँ कितना गलत ये बताने का काम मैं आप पर छोड़ता हूँ।
मुंतशिर पर मुख्तलिफ़, गज़ल, नज़्म और कुछ शेरों का एक संग्रह है जिसे अर्पित मौर्य ने लिखा है। इस किताब में अर्पित ने अपने मन की भावनाओं को उतारने का प्रयास किया है। नए शायरों के लिए यह
मुंतशिर पर मुख्तलिफ़, गज़ल, नज़्म और कुछ शेरों का एक संग्रह है जिसे अर्पित मौर्य ने लिखा है। इस किताब में अर्पित ने अपने मन की भावनाओं को उतारने का प्रयास किया है। नए शायरों के लिए यह किताब काफी लाभदायी साबित हो सकती है क्योंकि उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और तमाम उन लोगों को इस किताब को पढ़ने में अत्यधिक आनंद आएगा जिन्हें कविताएं पढ़ना पसंद है। जैसा की किताब का शीर्षक है मुंतशिर पर मुख्तलिफ़, अर्पित ने कुछ वैसी ही रचनाएं लिखने का प्रयास किया है। मुंतशिर यानि बिखरा हुआ और मुख्तलिफ़ अर्थात सबसे अलग तो ये रचनाएं भी शायर की तरह टूटी हुई हैं पर सबसे अलग है।
Rampriti, a boy who belonged to a poor family, his childhood passes in such situations where for him it was very hard to get food at least two times a day. But he had the will to study and just because of his dedication no matter how many problems were there, he didn't think so much about that and continued his studies. And after a time, his struggle took him to a position from where he always wanted to be.
Rampriti, a boy who belonged to a poor family, his childhood passes in such situations where for him it was very hard to get food at least two times a day. But he had the will to study and just because of his dedication no matter how many problems were there, he didn't think so much about that and continued his studies. And after a time, his struggle took him to a position from where he always wanted to be.
In this book, the story of a person is being described, who is on the list of the top hundred richest persons in the world. His struggle and how his family managed to save themselves from Hitler's army as they were Jews. During the second world war, the situation they had faced was really very horrible but from being as poor as he was not able to get some food to reaching such a position was not easy. Can everyone fight a lot in their life as that man had done
In this book, the story of a person is being described, who is on the list of the top hundred richest persons in the world. His struggle and how his family managed to save themselves from Hitler's army as they were Jews. During the second world war, the situation they had faced was really very horrible but from being as poor as he was not able to get some food to reaching such a position was not easy. Can everyone fight a lot in their life as that man had done in the story?
The book, LIQUID MESSENGER OF DEATH, is full of suspense and thriller. Athreya, who was just one step behind from getting India's biggest service, the IAS, how he became a Sub- Inspector. Christopher, who was an administrative officer, how he became a killer. Will Athreya succeed in saving Mr. Kailash's life from Christopher? Vaishali was the most important person in Athreya's life, that is why he left everything for her. But, at last, their love became
The book, LIQUID MESSENGER OF DEATH, is full of suspense and thriller. Athreya, who was just one step behind from getting India's biggest service, the IAS, how he became a Sub- Inspector. Christopher, who was an administrative officer, how he became a killer. Will Athreya succeed in saving Mr. Kailash's life from Christopher? Vaishali was the most important person in Athreya's life, that is why he left everything for her. But, at last, their love became their strength and they achieved whatever they wanted. Both of them were like "TWO EAGLES" flying above the sky.
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