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Ananya Kriti UAE / अनन्य कृति यू.ए.ई.

Author Name: Dr. Arti 'lokesh' | Format: Paperback | Genre : Others | Other Details

यू.ए.ई. एक छोटा-सा देश है। भूमंडल के नक्शे पर सहज ही दिख जाए, ऐसा वृहदाकार नहीं है। खोजने से मिल जाए, ऐसा अवश्य है। मध्य पूर्व के देशों के पूर्वग्रह से अलग हटकर इसने अपनी पहचान बनाने के लिए बहुत ज़ोर लगाया है। अपनी भौतिक विशेषताओं से इसने हाल ही में सारी दुनिया में अपना नाम बनाया है। कुछ ऐसी ही स्थिति यहाँ के हिंदी-प्रेमियों की भी है। यहाँ बसे प्रवासियों ने पिछले कुछ वर्षों में ही अपनी पहचान दुनिया के लेखकों व कवियों के बीच बनाई है। पुस्तक  का उद्देश्य ही है यहाँ के प्रवासी भारतीयों के मन को दुनिया के सामने खोलना, यहाँ की सांस्कृतिक-सामाजिक विशिष्टताओं को दूर-दूर तक पहुँचाना और इसके माध्यम से हिंदी प्रवासी भारतीय संसार से जुड़ना। 

यू.ए.ई. के रचनाकारों को समर्पित यह पुस्तक उनकी मँझी हुई कलम की स्याही से रची गई है। इस पुस्तक में पाठकों की रुच और सुविधा के लिए इसे 6 अध्यायों में विभाजित किया गया है। पहले तीन अध्याय साहित्यिक रुचि रखने वाले पाठकों के लिए हैं और शेष अध्याय कलात्मक रुचि मनीषियों के लिए हैं। पहले अध्याय ‘काव्य खंड’ में अनेक प्रकार की पद्य रचनाओं को संकलित किया गया है। कविता, गज़ल, गीत, हाइकु तथा चित्राधारित काव्य कृतियाँ इसी अध्याय का अंग हैं। इस खंड में यू.ए.ई. के विभिन्न स्कूलों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की रचनाओं को प्रमुखता से स्थान दिया गया है। गद्य खंड में कथात्मक तथा कथेतर खंड के आधार पर अध्याय बनाए गए हैं। चित्रात्मक अभिव्यक्ति भी इस पुस्तक का अभिन्न अंग है। 

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संपादक डॉ. आरती 'लोकेश'

डॉ. आरती ‘लोकेश’ ने अंग्रेज़ी साहित्य मास्टर्स में कॉलेज में द्वितीय स्थान तथा हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर में यूनिवर्सिटी स्वर्ण पदक प्राप्त किया। हिंदी साहित्य में पी.एच.डी. की उपाधि ली। तीन दशकों से शिक्षाविद डॉ. आरती ‘लोकेश’ शारजाह में वरिष्ठ प्रशासनिक अध्यक्ष हैं और साहित्य की सतत सेवा में लीन हैं। 

बीस वर्षों से दुबई में बसी डॉ. आरती ‘लोकेश’ द्वारा रचित 14 पुस्तकें प्रकाशित हैं। चार  उपन्यास ‘रोशनी का पहरा’, ‘कारागार’, ‘निर्जल सरसिज’,  'ऋतम्भरा के सौ द्वीप'; चार काव्य-संग्रह ‘काव्य रश्मि’ ‘छोड़ चले कदमों के निशाँ’, ‘प्रीत बसेरा’,  'षड्गंधा'; दो कहानी संग्रह ‘साँच की आँच’ व ‘कुहासे के तुहिन’, कथेतर गद्य-संग्रह ‘कथ्य अकथ्य’, यात्रा-संस्मरण ‘झरोखे’; शोध ग्रंथ ‘रघुवीर सहाय का गद्य साहित्य और सामाजिक चेतना’; तीन संपादित: ‘सोच इमाराती चश्मे से’, ‘होनहार बिरवान’, ‘डॉ. अशोक कुमार मंगलेश : काव्य एवं साहित्य चिंतन’। इनके साहित्य पर पंजाब, उड़ीसा व हरियाणा के विश्वविद्यालय में शोध कार्य किया जा रहा है व यूक्रेन में कहानियों पर शोध हो चुका है।

'अनन्य यू.ए.ई.' पत्रिका की मुख्य संपादक होने के साथ-साथ वे ‘श्री रामचरित भवन ह्यूस्टन’ की सह-संपादिका तथा ‘इंडियन जर्नल ऑफ़ सोशल कंसर्न्स’ की अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रीय संपादक हैं। प्रणाम पर्यटन पत्रिका की विशेष संवाददाता यूएई हैं। टैगोर विश्वविद्यालय ‘विश्वरंग महोत्सव’ की यू.ए.ई. निदेशिका, ‘विश्व हिंदी सचिवालय मॉरीशस’ की यू.ए.ई हिंदी दिवस 2021 समन्वयक हैं। 

उनकी रचनाएँ प्रतिष्ठित पत्रिकाओं ‘शोध दिशा’, ‘इंद्रप्रस्थ भारती, ‘गर्भनाल’, ‘वीणा’, ‘परिकथा’, ‘दोआबा’, ‘समकालीन त्रिवेणी’, ‘साहित्य गुंजन’, ‘संगिनी’, ‘सृजन महोत्सव’, ‘साहित्य त्रिवेणी’, ‘प्रणाम पर्यटन’, ‘अक्षरा’, ‘नवचेतना’, ‘बाल किरण’, ‘अभिव्यक्ति’, ‘अनुभूति, ‘सौरभ’, ‘मुक्तांचल’, ‘विश्वरंग’, ‘कथारंग’, ‘विवशता’, ‘रिश्ता’, ‘सोच’, ‘हिंदुस्तानी भाषा भारती’, ‘वीणा’ ‘गृहस्वामिनी’,  ‘साहित्य कुञ्ज’, ‘लेखनी’, ‘इंडियन जर्नल ऑफ़ सोशल साइंसेज’, ‘सेतु’, ‘अनुकर्ष’ ‘पुरवाई’, ‘वसुधा’ ‘निर्दल

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