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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palशायरी उस हिमाक़त का नाम है जो दूसरों के दिलों में बिना इजाज़त ताक - झाँक करती है I
सफ़र दीवानगी का हो तो फिर मंज़िल नहीं ढूँढे
किसी काग़ज़ की कश्ती ने कभी साहिल नहीं ढूँढे
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बुलबुला हूँ पर समुन्दर के निशाने पे हूँ
सच जो बोला तो शहर भर के निशाने पे हूँ
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जहाँ से आज निकली हैं बारातें
वहीं से कल जनाज़ा जाएगा
जहाँ एक रंक को भेजा गया है
वहीं पे भेजा राजा जाएगा
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मिट्टी के हैं बदन सभी के
सोने चाँदी के झगड़े हैं
काग़ज़ के फूलों के पीछे
काहे को पागल भँवरे हैं
शुभ चिंतन
लेखक (जन्म १९६८) IRS अधिकारी हैंI लेखक ने इंजीनियरिंग की शिक्षा AMU और IIT दिल्ली से प्राप्त की। लेखक को उत्कृष्ट लोक सेवाओं के लिये गणतंत्र दिवस, २०१४ के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा और कस्टम्स में उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिये World Customs Organization (WCO) द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है। लेखक की हिन्दी ग़ज़लों और गीतों की यह दसवीं किताब है I
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