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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palदेवभूमि हिमाचल निवासी श्याम लाल शर्मा की सतसई 'आत्मानुभूति' में प्रकाशित दोहे मनुष्य की आध्यात्मिक भावनाओं, सूक्ष्म संवेदनाओं, शब्द सौंदर्य बोध एवं जीवन से जुड़े गूढ़ रहस्यों को उद्घाटित करते हैं। अर्धसम मात्रिक छंदबद्ध दोहे पाठकों को अपने पारंपरिक स्वरूप से परिचित करवाने के साथ-साथ एक दिव्य अनुभूति भी देते हैं। अद्भुत भाव, लय, कवित्व, कल्पना, रस, चिंतन, अर्थ एवं संदेश के साथ इनमें जीवन का वह सार तत्व भी विद्यमान है जिसे प्राप्त करने के लिए हर मनुष्य लगातार प्रयासरत रहता है। इसके लिए वह तीर्थ भ्रमण, सत्संग, स्वाध्याय तथा अन्य भी कई शुभ कार्यों में संलग्न होता है, फिर भी, एक स्पष्ट दिशाबोध के अभाव में अपने लक्ष्य से कोसों दूर रहता है। लेखक दोहों के माध्यम से पाठकों को मनुष्य जीवन में लक्षित कुछ ऐसे दिव्य गुणों का स्मरण करवाता है जिन्हें प्राप्त करना मनुष्य का सर्वोच्च लक्ष्य है। साथ ही, वह उन्हें समाज के वर्तमान परिदृश्य से रू-बरू करवाते हुए उन अनुभवों से भी जोड़ता है जो उसने अपनी आध्यात्मिक साधना व संतों के दुर्लभ संग से पाए हैं। दोहे पाठकों के भीतर छुपी आध्यात्मिक भावना को उभारने और उसे उपयुक्त दिशा देने में सफल होते दिखाई देते हैं। यद्यपि यह एक साहित्यिक रचना है, तो भी, अपनी विशेष विषय-वस्तु के कारण अपनी एक अलग छाप छोड़ेगी, ऐसी आशा है।
श्याम लाल शर्मा
हिमाचल प्रदेश में जिला बिलासपुर के गांव करंगुई (बम) में श्रीमती मलकां देवी एवं श्री जीत राम शर्मा के घर 11 जून, 1963 को जन्मे श्याम लाल शर्मा ऐसे प्रतिभाशाली लेखक हैं जो लीक से हटकर लिखते हैं। धारा के विपरीत तैरना और इस आनंददायक अनुभव एवं साहसिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए औरों को भी प्रेरित करना इनकी प्रवृत्ति है। इनका समग्र लेखन साहित्य के सभी पारंपरिक पहलुओं के साथ-साथ सामाजिकता, नैतिकता एवं आध्यात्मिकता से सराबोर हो इनके परस्पर संबंध को परिभाषित करता हुआ दिखाई देता है। व्यक्ति को भावजड़ता से हटा शुद्ध आध्यात्मिकता की ओर उन्मुख करना भी इनके लेखन की विशेषता है। हिंदी, अंग्रेजी भाषाओं एवं पत्रकारिता में खासी पकड़ रखने वाले श्याम लाल शर्मा की अब तक दो सतसइयां प्रकाशित हो चुकी हैं तथा यह तीसरी सतसई है। इनका एक कहानी संग्रह 'संवेदनाएं' तथा एक काव्य ग्रंथ 'भाव-तरंगिणी' भी प्रकाशित हो चुके हैं। अर्थ एवं भावपूर्ण दोहा लेखन के कारण पाठक इनके दोहों में विशेष रुचि रखते हैं और इन्हें पढ़ने के लिए लालायित रहते हैं। इन्हें साहित्य से जुड़ी कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है। श्याम लाल शर्मा पिछले 28 वर्षों से हिमाचल प्रदेश विधान सभा, शिमला में प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
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