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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमुझे वट भी कहते हैं। मेरा वैज्ञानिक नाम फाइकस वेनगैलेंसिस है। मुझे जीवंत करने एवं ग्रीष्म काल में मेरे मूल में जल देने से पुण्य का संचय होता है। मेरी शाखाओं से मूल निकलते ही जमीन में पहुंचकर स्तंभ का रूप ले लेती हैं। जिससे मैं बहुत तीव्र गति से विकास करता हूँ। कुछ लोग मुझे जटाजूट भी कहते हैं। मैं मघा नक्षत्र का भी प्रतीक हूँ। मुझे अपने बारे में इतना बताना काफी है क्योंकि इस चराचर जगत में कोई मानव ऐसा नहीं होगा जो अपने पूरे जीवनकाल में मुझसे कभी ना मिला हो।
दीपक कुमार पाण्डेय
दीपक कुमार पाण्डेय मेकॅनिकल इंजिनियरिंग से ग्रेजुएट तथा प्रबंधन में पीजी हैं। वर्तमान में वे भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, अमेठी मे उपअभियंता के रूप में कार्यरत हैं। इंजीनियर होने के साथ साथ ये उपन्यासकार, कवि, पर्यावरणविद, शोधार्थी,व्याख्याता तथा विश्व कीर्तिमानक भी हैं। इन्हें पर्यावरणीय लेख लिखना बहुत पसंद है ।
दीपक कई प्रौद्यौगिकी संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों में अपना व्याख्यान दे चुके हैं । इन्होने अपनी छोटी आयु में ही कई विश्व-रिकार्ड बना चुके हैं । दीपक दुनियाँ के पहले इंसान हैं जिन्होने लगातार तीन साल लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज किया है । इन्होने सन 2015, 2016 तथा 2017 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम पंजीकृत कर एक नया इतिहास बनाया है । आज की तिथि तक श्री दीपक कुमार पाण्डेय के नाम साहित्य के क्षेत्र 13 विश्व रिकार्ड्स पंजीकृत हो चुके हैं । जिनके नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स,वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इण्डिया,यूनीक वर्ल्ड रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स तथा इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स आदि हैं । 35 वर्षीय दीपक की ये 11वीं पुस्तक है।
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