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Bhartiya Vigyan ka Itihas / भारतीय विज्ञान का इतिहास

Author Name: LAL MANI OJHA | Format: Paperback | Genre : History & Politics | Other Details

इस पुस्तक को लिखने का उद्देश्य भारत की विज्ञानिक विरासत से लोगों को अवगत करना है। भारत मे विज्ञान का जन्म हमारे ऋषियों के मुक्त चिंतन से हुआ। हमारे ऋषियों की श्रीष्टि एवं नक्षत्रों का अवलोकन और चिंतन ने ज्योतिष शास्त्र  को जन्म दिया। हमारे ऋषियों का मत रहा है की विज्ञान और अध्यात्म एक दूसरे के पूरक है।  इन दोनो के समन्वय से ही जीवन का पर्दुभाव होता है।  यही कारण है की वेद उपनिषद् दर्शन सभी मे विज्ञान और तकनीकी सोच का विवरण मिलता है। प्राचीन काल मे महर्श्रि बृगु, भारद्वाज एवं कणाद ने विज्ञान की नीव डाली। चिकित्सा मे ऋषि धन्वंत्री,  शुश्रुत एवं चरक के अमूल्य  योगदान  का इस पुस्तक मे विवरण किया है। श्री नागार्जुन, वराहमिहीर और आर्यभट्ट की वैज्ञानिक खोज भारतीय विज्ञान के जागृत उदाहरण हैं।

मध्य कालीन युग मे  मुसलमानो के आक्रमण के कारण भारतीय वैज्ञानिक परम्परा के विकास मे रूकावट आई परंतु  प्राचीन भारतीय विज्ञान पर आधारित ग्रंथो के अरबी फ़ारसी अनुवाद भी हुए। इसके परीणाम स्वरूप भारतीय वैज्ञानिक परम्परा दूर देशों तक पहूची और नया रूप लिया।

मुगल शासन के बाद अँग्रेज़ी शासन स्थापित हुआ और भारतीय विज्ञान मे एक नयी चेतना आई।  अब भारत आज़ाद हो गया है और हमारे वैज्ञानिक सूर्य मंडल की गहराइयों से लेकर अंतरिक्ष मे लंबी छलाँग लगा रहे हैं।

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लाल मणि ओझा

लेखक लाल मणि ओझा विज्ञान के विद्यार्थी है। घर के अध्यात्मिक वातावरण के कारण लेखक का विश्वास है की विज्ञान और अध्यात्म अलग अलग होते हुए भी पूरक है ।

इसके पूर्व लेखक ने अपनी दो लिखी पुस्तकों पर अपने चिन्तन और सोच की छाप छोडी है। उनकी पहली पुस्तक इस्पात की कहानी है जिसमें औद्योगिक क्रान्ति के पूर्व हमारे ऋषियों ने इस्पात खोज कर ली थी इसका विवरण दिया है ।

दूसरी पुस्तक अन्तरिक्ष में मानव के बढता कदम है। इसमें श्रीष्टि की उत्पत्ति और सौर मंडल की परिधी से बाहर निकल कर सृष्टि की खोज के प्रयास का विवरण है ।

लेखक की तीसरी शोधपूर्ण पुस्तक हिंदू धर्म का इतिहास भारत के महान गौरव शाली इतिहास का विवरण तथ्यों पर आधारित 20 हजार वर्ष के भारतीय  संस्कृति के इतिहास का विवेचन है जो कि बहुत कम भारतीयों को ज्ञात है। 

ये चौथी पुस्तक भारत के वैज्ञानिक परम्परा का विवरण है। ब्रह्मांड मे छिपी शक्तियों की खोज ही विज्ञान का लक्ष्य है। आत्मिक एवं भौतिक तत्वों से बने जीवन को समझने के लिए अध्यात्म और विज्ञान पूरक हैं।

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