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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह उपन्यास 2-3 दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात को भोपाल की एक औद्योगिक इकाई-यूनियन कार्बाइड में हुए भीषण गैस कांड को ध्यान में रखकर लिखा गया है । उपन्यास के कथानक में वर्णित अधिकाँश पात्र उस औद्योगिक इकाई के आसपास बसी झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो उस गैस दुर्घटना का शिकार हुए एंव जिन्होंने उस कथित रासायनिक दुर्घटना के प्रभावों को झेला व भोगा । उपन्यास में उन झुग्गी-झोपड़ियों या गंदी बस्तियों में रहने वाले लोगों की बोलचाल व जीवनशैली की मूल भावना को यथार्थ रूप में प्रस्तुत करने की भरसक कोशिश की गई है । ऐसे में, हो सकता है पात्रों द्वारा बोले गए कुछ वाक्य य शब्द पाठकों को अश्लील या अमर्यादित लगें । पर ऐसे पात्रों की सामाजिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं उनकी व्यक्तिगत आदतों एवं रूचियों को ध्यान में रखकर उनके द्वारा उद्धरित शब्दों को जानबूझकर ज्यों-का-त्यों रखा गया है ताकि उनकी चरित्रगत विशेषतायें निष्कलंक, स्पष्ट व यथार्थ रूप रहें । अतः उपन्यास के उन अंशों को कथानक के समग्र प्रभाव के आधार पर जाचाँ जाना उचित होगा ।
आकाश शुक्ला
आकाश शुक्ला 29 वर्षीय लेखक हैं जो वर्तमान में मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में निवास करते हैं यह उनकी पॉंचवी पुस्तक है एवं पहला उपन्यास है। इससे पूर्व उनके दो कविता संग्रह एवं दो कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। मूलतः उत्तराखंड के निवासी श्री आकाश शुक्ला निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं।
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