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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजहां से गया था और ट्रेन का इंतजार करने लगा। घंटे ही बीते थे कि ट्रेन आ गई। चारों तरफ कोहरा था, इसलिए गाड़ियां लेट चल रही थी। राजा बाबू सीट नंबर 13 पर बैठा था। हालांकि इसका कोई मतलब नहीं था क्योंकि यह एक जनरल डिब्बा था सवारी गाड़ी का। यहां एकाध बार ही टी. टी. आता।
सुभाष श्याम सहर्ष
सुभाष श्याम सहर्ष
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से अंग्रेजी में स्नातकोत्तर की उपाधि
वर्तमान में नवोदय विद्यालय में शिक्षण जारी। इनकी कहानियों में मानवीय संवेदनाओं , बच्चो की भविष्य की तस्वीरें साफ़ साफ़ देखि जा सकती हैं। इनकी कहानियाँ छोटी होती है मगर बातें उसी में पूरी हो जाती है। कई किताबें प्रकाश्य हैं।
पुस्तकें: Behind the door , Keep the door open ,Dwarf on the bridge ,फिर भोर नहीं हुई ,तू अकेला नहीं ,जो करे सो भरे , चंदू की चालाकी ,नन्हा देवदूत इत्यादि (ई-बुक्स )
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