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Chandrabhavan Triptibhavan / चंद्रभवन तृप्तिभवन

Author Name: Mathura Kalauny | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

यह हास्य और रोमांच के दो लघु उपन्यासों का संकलन है। चंद्रभवन तृप्तिभवन दो मित्रों की आपस में गुत्थमगुत्था उलझी हुई प्रेम कहानियों की हास्य रस से भरपूर दास्तान है। केशव और दीपा का प्रेम इसलिए आगे नहीं बढ़ पा रहा है कि केशव सर्वथा धनहीन है। उसके धनवान होने की चाभी उसके मित्र माधव के पास है। माधव की प्रेमिका कांता का विवाह केशव से होना तय है। इस गुत्थी को सुलझाने के लिए चारों एक योजना बनाते हैं जिसमें मुख्य भूमिका एक ककड़ी की होती है… हास्य रस से भरपूर अनोखे पात्रों की अनूठी कहानी।

विषकन्या, एक डिफेंस कन्या सरिता की रोमांचक कहानी है। सरिता को कोई ट्रैक कर रहा है और समय-समय पर उसे गुमनाम फोन करता है या ईमेल भेजता है। सरिता एक डिटेक्टिव एजेंसी के पास जाती है, फिर आरंभ होता है एक रोलर-कोस्टर घटनाक्रम जिसमें आत्महत्या है,रहस्य है, रोमांच है और भरपूर हास्य तो है ही।

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मथुरा कलौनी

मथुरा कलौनी की पहाड़ में बीते बचपन की स्मृतियाँ इतनी बलवती हैं कि वहाँ की अनुभूतियाँ यदा-कदा उनकी रचनाओं में झाँकने लगती हैं। गंभीर से गंभीर विषय को हास्य-व्यंग्य का पुट देकर चुलबुले अंदाज में प्रस्तुत करने में वे सिद्धहस्त हैं। प्रेम, शृंगार, हास्य, व्यंग्य आदि सभी रसों के इंद्रधनुषी रंग उनकी अद्भुत वर्णनात्मक शैली में मुक्त तैरते रहते हैं। उनकी रचनाएँ बहुत पठनीय होती हैं। आभास ही नहीं होता कि भावनात्मक अनुभूतियों के आवेगों से गुजरते हुए कब कथानक के शीर्ष पर पहुँच गये। 

आपने चार दशक पहले साहित्यिक यात्रा आरंभ की थी। 1988 में बेंगलूरु में कलायन नाट्य संस्‍था की संस्थापना की। इन्‍टरनेट में कलायन पत्रिका (www.kalayan.org) का प्रकाशन 1999 में आरंभ किया। आपकी लगभग डेढ़ सौ कहानियाँ प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। पिछले 32 सालों में आप इक्कीस नाटक और दर्जन से अधिक लघुनाटकों का लेखन और मंचन कर चुके हैं। दस बड़े नाटक और चार लघु-उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। दुबई में दो हिन्‍दी नाटकों के मंचन के साथ  कंबोडिया, बीजिंग, असम-मेघालय, राजस्थान और बाली में अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलनों में नाट्यपाठ की प्रस्तुतियाँ खासी चर्चित रहीं।

संप्रति आइटीसी लिमिटेड में रिसर्च मैनेजर के पद से सेवानिवृति  के उपरांत  बेंगलुरु में नाटकों के लेखन और निर्देशन में सन्नद्ध हैं तथा कलायन नाट्य संस्था के संचालन व कलायन पत्रिका के संपादन और संचालन को समर्पित हैं।

 संपर्क - ईमेल- editor@kalayan.org  वेबसाइट - www.mathurakalauny.com

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