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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palरोशनाई, वीर, पथ दृष्टा, लीडर, तारीख, सुकरात, जिन्दगी, प्रियतम, शिला, ध्रव-तारा, चिराग, महफिल आज़ाम , हृदय व्यथा, चन्द्रमा, सूरज, शब्द-निशब्द I
डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव
स्व. डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव द्वारा रचित कविताएँ सरल भाषा में लिखी गर्इ है एवं भावना प्रधान है। उनकी कविताएँ जीवन के आशा-निराशा के द्वंद से गुजरते हुए जिन्दगी में आशावान बने रहने को प्रेरित करती है। उनका जन्म 07 अगस्त, 1975 को विशाखापटनम (आंध्र प्रदेश) के आर्इ.एन.एच.एस. कल्याणी में हुआ। वह पेशे से चिकित्सक थे, और यूनीसेफ, उ.प्र. में ‘‘वैक्सीन एण्ड कोल्ड चेन कंसल्टेन्ट’’ वाराणसी जोन के पद पर कार्यरत थे।
वह एक खुशमिजाज और जिंदादिल इंसान थे, दुर्भाग्यवश, अल्पआयु में दिनांक 06 मई , 2007 को एक कार्यक्रम से लौटते वक्त उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गरइ, जिसमें उन्हें बचाया ना जा सका।
स्व. डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव भले ही आज हमारे बीच नहीं है पर उनकी कविताओं की छोटी सी संग्रह ‘‘छोटी सी रोशनाई’’ जिन्दगी में उम्मीदों का दामन थामे हुए, हर परिस्थितियों से उभर कर जिन्दगी खुशनुमा होकर जीने को आज भी प्रेरित करती है।
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