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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"बाल मनोविज्ञान :आज के युग में उपयोगिता"
मूलतः बच्चों के ऊपर लिखी गई पुस्तक है। बच्चों के समुचित पालन पोषण के साथ ही उनकी सामान्य तथा असामान्य अवस्थाओं का वर्णन इस किताब में किया गया है। बच्चों के मनोविज्ञान को इसमें सरल भाषा और विषय की गंभीरता के साथ जोड़ने की कोशिश की गई है। आज के समाज में बाल मन को समझना व अभिवावको को आने वाली समस्याएँ व उनका निदान को एक प्रभावी तरीक़े से समझाया गया हें।
“मैंने सीखा है कि लोग भूल जाते हैं कि आपने क्या कहा था, लोग भूल जाते हैं कि आपने क्या किया था, लेकिन लोग कभी नहीं भूलते कि आपने उनके साथ कैसा बर्ताव किया था। ”माया एंजलो"
इस पुस्तक के माध्यम से बालविकास बाल मनोविज्ञान की उपयोगिता एवम महत्व को समझाने का प्रयत्न किया गया हें । बाल मनोविज्ञान के द्वारा बालकों के स्वभाव एवम विकास को समझने के बाद उनको शिक्षित करने की प्रक्रिया सरल हो जाती है । बाल मनोविज्ञान बालकों के व्यक्तित्व-विकास को समझने में सहायक होता है। बच्चों को समय समय पर निर्देशन (Direction)की आवश्यक्ता होती है ।
इस निर्देशन के द्वारा ही बालकों में उनकी रुचियों के अनुरूप विभिन्न कौशलों का विकास किया जा सकता है। बाल मनोविज्ञान की सहायता के बिना बाल निर्देशन संभव नही है। बाल मनोविज्ञान के जरिये बालक के व्यक्तित्व का अध्ययन कर उसके भविष्य के बारे में बताया जा सकता है, एवम आवश्यकता पड़ने पर उसे बेहतर भविष्य के लिए सलाह दी जा सकती है। बाल मनोविज्ञान का अध्ययन प्राथमिक शिक्षकों के लिए अति आवश्यक है,ताकि वे बालकों को सही तरीके से पढ़ा सकें।।
अर्चना मिश्रा
आपका नाम अर्चना मिश्रा है। आपने दिल्ली से अपनी प्रारम्भिक शिक्षा ग्रहण की। तत्पश्चात दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से अपनी स्नातक व सनाकोत्तर उपाधि ग्रहण की। इसके बाद आपने बी.एड व एम.एड किया। आपने गाइडेन्स एंड काउन्सिल कोर्स में भी महारत हासिल करी।आपने सरकारी विद्यालय में एक शिक्षिका के रूप में भी अपना योगदान दिया है।
आपका साहित्य के प्रति प्रारम्भ से ही रुझान रहा। आपने अनेकों कविताएँ, लेख लिखे हैं।
आपकी कविताएँ/रचनाएँ अमर उजाला काव्य, पोएट्री स्टेज, साहित्य कुंज, दा इंडियन राईटर और हिंदी समाज रक्षक में प्रकाशित हो चुकी हैं।।
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