Share this book with your friends

Daitva Bodh v Lok Vyavhar / दायित्व बोध व लोक व्यवहार Responsibility Awareness & Public Behavior

Author Name: Ravindra Prabhat | Format: Paperback | Genre : Self-Help | Other Details
हर व्यक्ति जीवन में पद, प्रतिष्ठा, प्रशंसा, पैसा और प्रसिद्धि प्राप्त करना चाहता है और यह उसके जीवन की बड़ी अभिलाषा होती है। दायित्व बोध व लोक व्यवहार पुस्तक के रूप में ऐसा अव्यवसायिक टूल है जो आपके व्यक्तित्व को इस प्रकार निखारने की कला सिखाता है, जिससे आप प्रबंधकीय गुण व कला में दक्षता प्राप्त करते हुये एक बड़े व्यक्तित्व के मालिक बन सके। साथ ही अपने कर्म क्षेत्र में निरंतर व गुणवततापूर्ण प्रगति करते हुये बड़ी ज़िंदगी को अंगीकार कर सके। आप चाहे किसी वर्ग या पेशे से हों, जीवन में आगे बढ़ने और सफलता पाने के लिए दूसरों को प्रभावित करना जरूरी है। मशहूर लेखक रवीन्द्र प्रभात की हिन्दी और अँग्रेजी दोनों भाषाओं में संयुक्त रूप से लिखी गयी यह पुस्तक दिलचस्प शैली और सरल भाषा में पाठकों को जनसामान्य से जुड़ने के अचूक तरीके बताती है, ताकि प्रत्येक पाठक जीवन जीने की कला विकसित करने में सफल हो सके।
Read More...
Paperback
Paperback 450

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

रवीन्द्र प्रभात

रवीन्द्र प्रभात भारत के एक हिंदी उपन्यासकार, पत्रकार, कवि और कथाकार हैं। वे संपादन और पटकथा लेखन से भी जुड़े रहे हैं। उनका जन्म भारत के सीतामढ़ी के महिन्दवारा गाँव में हुआ था, जहां उन्होने प्राथमिक स्तर की शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने मुजफ्फरपुर के बी. आर. अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय से भूगोल प्रतिष्ठा के साथ उच्च शिक्षा ग्रहण की, तत्पश्चात प्रयागराज के राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातकोत्तर डिग्री ली। उन्हें पी. एचडी. और फिर डी. लिट. की मानद उपाधि से विभूषित किया जा चुका है। उनकी कुछ रचनाओं को अन्य भाषाओं में अनुवादित किया गया है और विभिन्न साहित्यिक पत्रिकाओं तथा समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया है। वे विभिन्न विषयों में 1987 से लगातार लिखते आ रहे हैं। वे एक यथार्थवादी कवि भी हैं, जो अक्सर सामाजिक विषयों के साथ साथ मानवीय पीड़ा पर लगातार लिखते रहे हैं। उनकी लेखनी अक्सर मानवीय पीड़ा और सामाजिक मुद्दों को स्पर्श करती रही है। उन्होंने हिंदी ब्लॉगिंग पर काफी काम किया है, और एक ब्लॉगर तथा हिन्दी के मुख्य ब्लॉग विश्लेषक के रूप में ख्याति भी अर्जित की है। उन्होंने वर्ष 2007 में पहली बार ब्लॉग विश्लेषण की शुरुआत की, और अपने ब्लॉग परिकल्पना पर अनेकानेक ब्लॉगों की समीक्षा भी प्रकाशित की। वे हिन्दी ब्लोगिंग का ऑस्कर कहे जाने वाले सम्मान परिकल्पना पुरस्कार के संस्थापक सदस्य हैं, जिसका पहला कार्यक्रम 30 अप्रैल 2011 को दिल्ली के हिन्दी भवन में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किया गया था।वर्तमान में वे परिकल्पना समय (हिंदी मासिक पत्रिका) के प्रधान संपादक और साहित्यिक संस्था परिकल्पना के महासचिव हैं।
Read More...

Achievements

+9 more
View All