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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palद्रौपदी के कृष्ण
मित्रता, एक ऐसा रिश्ता जो हमें अपने माता पिता से नही मिलता अपितु हम खुद चुनते हैं जहाँ सुख दुख तेरे मेरे नही रह जाते, हमारे बन जाते हैं और एक दूसरे की खातिर हर मुश्किल में हम अपने मित्र से सदैव आगे रहना चाहते हैं। एक किस्सा था जब कृष्ण ने शिशुपाल को मारा तो उनकी उँगली से बहता रक्त देख कर द्रौपदी ने उस पर अपनी साड़ी को फाड़कर चीर बांधी जिसका कर्ज चुकाने के लिए कृष्ण ने चीरहरण मे द्रौपदी की लाज बचाई और तभी से उन्हें भाई बहन की संज्ञा दी जाने लगी, लेकिन उनका रिश्ता इससे कही अधिक था, जो ना प्रेम का था ना भाई बहन का, उनके संबंध की मर्यादा, आपसी समझ और परस्परिक प्रेम को व्यक्त करना इस युग में किसी भी कवि के सामर्थ्य में है ही नही, यदि होता तो भक्तिकाल के कवियों की कविताओं में राधा कृष्ण नहीं, अपितु द्रौपदी कृष्ण का वर्णन होता, लेकिन किसी भी संबंध को समझना हमारे मानसिक कौशल का गुण है अब आप उसे सखा, सखी का समझिये या भाई बहन का, शर्त यही है उसमें समर्पण, त्याग, मर्यादा और प्रेम परिपूर्णता निहित हो।
अपने इसी तथ्य को सारगर्भित करने के लिए हमने प्रयास किया है एक ऐसी संकलन रचना का, जिसमें आपको श्री कृष्ण और द्रौपदी के मध्य का पवित्र बंधन का आभास होगा, आशा है आप इसे पढ़ने से पहले अपना मन शुद्ध रखेंगे और हमारी भावनाओं को समझेंगे।।
निखिल जैन, शैली जैन
निखिल जैन, पेशे से व्यापारी, शौक से लेखक धुले, महाराष्ट्र से संबंध रखते हैं। इन्हें शैक्षिक तौर पर BBM एवं MBA की degree प्राप्त है। इन्हें अपना ज्ञान दूसरो के साथ साझा करना, यात्राएँ करना, नई नई खोज करना और रचनात्मकता से अपनी प्रतिभाओं को बेहतर बनाना अत्यंत प्रिय है। इन्हें लिखना पसंद है, क्योंकि इनका मानना है, कि लेखन से हम अपनी आंतरिक भावनाओं का भली भांति बखान कर सकते हैं, क्योंकि जो कहा नहीं जा सकता उसे लिखकर व्यक्त करने में आसानी होती है और व्यक्ति का हृदय और मस्तिष्क दोनों को प्रभावित किया जा सकता है।
इनसे जुड़ने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं -
इंस्टाग्राम :- @love.vibes143
ईमेल :- love.vibes143@outlook.com
शैली जैन एक छोटे से गाँव बरोदिया, कलां सागर (मध्यप्रदेश) की रहने वाली महत्वाकांक्षी, सादगी से पूर्ण तथा सरल व्यक्तित्त्व रखती हैं। ये अभी तक १००+ संकलनों में सह लेखिका रह चुकी हैं। एवं "लफ्जों का खेल", राखी प्रेम का धागा, फेक स्माइल, मूडी फूडी, और ब्लैक रोज, जैसी किताबें इन्होनें स्वयं संकलित की है। "दिल्ली टू आगरा" इनकी प्रथम सोलो किताब है। एक साल पहले ही इन्होनें अपनी लेखन कला को बढ़ावा दिया इन्हें कहानी व कविताएं लिखना बहुत पसंद है। इनकी कविताएं अक्सर इनकी भावनाओं को व्यक्त करती हैं।
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