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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह पुस्तक मैंने अपने विचारों और जिंदगी में समय-समय पर आई मुश्किलों जिनका प्रभाव कही न कही मेरी जिंदगी में विशेष रूप से पड़ा है इससे प्रभावित होकर लिखी है ।
तब मुझे ये अहसास हुआ की चाहे कितने भी अपने क्यों न हो पर जीवन के हर कदम पर साथ चलने वाला हमसफऱ भी उतना ही मायने रखता हैं जो प्रेम व जीवनसाथी के रूप में होता हैं फिर चाहे बात स्त्री की हो या पुरुष की साथ दोनो को चाहिए होता है स्वयं ईश्वर भी इस बात के साक्षात प्रमाण हैं भगवान शिव व शक्ति , राम-सीता,राधा-कृष्ण जीवनसाथी जीवन जीने के लिए और सही राह दिखाने के लिए भी होते हैं जो दूर रहकर भी सदा साथ होते हैं और साथ ही एक दूसरे को समय-समय पर प्रेरित भी करते हैं ,
जीवन की सभी बधाओं से लड़ने के लिए उनका सामना करने के लिए , कुछ इसी तरह की सोच व समझ की तलाश में मैने अपनी ज़िंदगी में भी एक ऐसे ही इश्क़ हमसफऱ को तलाशना चाहा हैं जिनका व्यख्यान अपनी रचनाओं में करना चाहा है ।
जिंदगी में हर इंसान के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और इंसान उससे लड़ता भी हैं और उसका सामना भी करता हैं पर फिर भी कही न कही एक उम्मीद, एक सहारे की जरूरत हर इंसान को होती है लाख उनझनों के बीच एक इंसान का साथ होना हर मुश्किल को आधा कर देता है इसलिए जिंदगी के हज़ारो दर्द में भी एक बूँद इश्क़ का होना अमृत के समान होता है जो जीने को प्रेरित करता है जीने की वजह बनता है ऐसी ही कुछ कविताओं और जिंदगी से जुड़ी कुछ हकीकत जिसे मैने जीया है अपनी जिंदगी में उनका रचनात्मक रूप से संकलन है मेरी इस बुक में जिससे प्रेरित होकर ही मैने इस पुस्तक का शीर्षक
एक बूँद इश्क़ ,(जिंदगी की उलझनों के बीच सूकून का अहसास दिया )है ।
पूनम निषाद
इनका नाम पूनम निषाद है ,इनके पिता जी का नाम स्व.श्री प्रताप निषाद है इनकी माँ का नाम पार्वती निषाद है , ये मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के एक छोटे से कस्बे नौरोज़ाबाद से हैं , इनकी प्रारंभिक शिक्षा यही के पास के विद्यालय में हुई 12वी के बाद इन्होंने बिरसिंहपुर पाली कॉलेज से बी ए ,और उमरिया जिले से एम ए की परीक्षा पास की है , इनकी हमेशा से ही पढ़ने मे रुचि रुची थी , और समय के साथ ही मन की कोने में लिखने की जिज्ञासा भी उतपन्न हुई, तब इनके गुरु आदरणीय श्री रोहित शर्मा जी इनको लिखने के लिए प्रेरित किया और मार्गदर्शन किया, अर्थात इनके लेखन में इनके गुरु श्री रोहित शर्मा जी का बड़ा योगदान रहा हैं । इनकी रचनाओं के लिए काफी प्रमाण पत्र भी मिले हैं । साथ ही इन्होने हाल ही में 5 पुस्तकों के लिए सह लेखक के रूप में भी कार्य किया है ,'एक बूँद इश्क़' इनकी पहली पुस्तक है जिसकी संकलनकर्ता ये स्वयं है ।
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