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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस पुस्तक में मेरे विचार कविता के रूप में मूल रूप से शब्दों के रूप लिखे गए हैं। मेरे लिए ये केवल विचार नहीं हैं, बल्कि अपने आस-पास की चीजों को देखते हुए एक-एक पल का अनुभव हैं। केवल मैंने अपने शब्दों को व्यवस्थित करके कविता का रूप दिया हैं । कुछ कविताओं को लिखने के बाद जब मैं उन्हें दोबारा पढ़ता हूं तो मुझे लगता हैं कि ये विचार मेरे कैसे हो सकते हैं क्योंकि यह मुझे एक गहरी सोच प्रदान करते हैं। मुझे पता हैं कि यह अजीब लगता हैं कि एक लेखक खुद पर कैसे संदेह कर सकता हैं पर ये सत्य हैं ।
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--देव शर्मा
देव शर्मा (गोविंद)
मेरा अपना परिचय देने में थोड़ा असमंजस सा महसूस करता हूँ क्योंकि मेरे पास अन्य लेखकों की तरह कुछ सतही रूप में प्राप्त नहीं किया है
परन्तु ऐसी श्रेणी में मात्र इतना है की दसवीं कक्षा में ९९ अंक के साथ अपना विद्यालय (दुर्गावती हेमराज ताह सरस्वती विद्या मंदिर नेहरू नगर, गाज़ियाबाद)हिंदी में टॉप किया था और और अगर सभी विषयो को देखें तो न ही मेरे पास हिंदी के शब्द है पर इतने जरूर है की अपनी बात कहने का प्रयास कर सकूँ ।
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