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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palशिव पुराण का एक प्रसंग, समाचार पत्र की एक चौंधती हुई हैडलाइन, न्यूज़ चैनलों पर चीखती हुई एक ख़बर- अगले ही पल पतझड़ के पत्ते की भाँति तथ्यपरक अन्वेषण के ताप में मृत हो कर मिटटी में लुप्त हो जाती है। तथ्यों की मिटटी को झाड़ कर जब हम उसे मानवीय संवेदना से देखते हैं तो मानो उसी निर्जीव पत्ते में जीवन पुनः पल्लवित हो उठता है। यह कथा संग्रह ऐसे ही पत्तों को उठा कर उन्हें मानवीय सत्यता एवं संवेदना के स्पर्श से छू कर जीवित करने का प्रयास है। शिव-सती की कथा, तुलसी विवाह, सीमा पर गोलीबारी, जाति के नाम पर हत्या, युवा-प्रेम, बाल-शोषण, प्रवासी श्रमिक, अवसाद और आत्महत्या जैसे प्रतिदिन के हमारे सामने से हो कर निकलने वाले घटना चक्र को मानवीय दृष्टि से देखने का प्रयास यह कथाएँ हैं। वस्तुनिष्ठ, तथ्यपरक अन्वेषण से जब हम पौराणिक प्रसंगो को और आधुनिक घटनाओं को बाहर निकाल कर लेखक की संवेदनाओं से देखते हैं तो उन्हीं के पात्र जीवित हो जाते हैं, प्रत्येक प्रसंग नए आयाम लेता है, एक कथा का निर्माण होता है जो आत्मा के कोर कोर को जीवित कर जाता है। सांख्यिकीय तथ्यों को संवेदना से जोड़ने का प्रयास करती हुई ये कथाएँ हमें अपने समाज, परिवार, प्रेम और धर्म को नए परिपक्ष्य में समझने में सहायक होंगी, ऐसी लेखक की अपेक्षा है। यह कहानियाँ सत्यता का दावा नहीं प्रस्तुत करती, यह उनका उद्देश्य ही नहीं है। इनका उद्देश्य न तो समाचार को पुनः प्रकाशित करना है, न ही पौराणिक घटनाओं का अनुवाद करना है। लेखक के पास न पत्रकारिता की पहुँच है न ही संस्कृत का पांडित्य। इन कहानियों में धर्म को, इतिहास को, वर्तमान को, मानवीय रूप में समझना ही लेखक का उद्देश्य है। सन्दर्भ सार्वजनिक हैं, स्थापित हैं, व्याख्या लेखक की है।
साकेत सूर्येश
साकेत सूर्येश, जागरण, स्वराज्य जैसे प्रकाशन में व्यंग्य, राजनैतिक स्तम्भ, कविताएँ लिखते हैं। हिंदी में लेखक का व्यंग्य-संग्रह 'गंजहों की गोष्ठी' पाठकों एवं समीक्षकों द्वारा स्नेह पूर्वक स्वीकार किया गया और अमेज़न पर बेस्टसेलर भी हुआ। लेखक द्वारा क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा का अंग्रेजी अनुवाद भी लोकप्रिय रहा। लेखक दिल्ली के निकट अपने परिवार के साथ रहते हैं और वर्तमान में एक बहुराष्ट्रीय सूचना-प्रौद्योगिकी संस्था में कार्यरत हैं। लेखक सोशल मीडिया में ट्विटर पर @saket71 हैंडल से सक्रिय हैं।
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