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End of Bhagirathi Yatra of a Great Human / महामानव की भागीरथी यात्रा का अंत

Author Name: Engineer D.k. Prabhakar | Format: Paperback | Genre : Biographies & Autobiographies | Other Details

महामानव के इस संघर्ष ने अपने चार चार बच्चों की बलि देकर भी इस शोषण मुक्ति के इस संग्राम को जारी रखा। एक समय ऐसा भी आया जब घर पर इस महामानव के पुत्र की मृत्यु हो गयी और इस महामानव के पास उसके कफ़न के लिए भी पैसे नहीं थे, तो उनकी पत्नी रमाबाई ने अपनी फटी जीर्णशीर्ण धोती के एक टुकड़े को कफ़न का रूप देकर अपने लाडले के शव को सम्मान दिया और उसके क्रिया कर्म की व्यवस्था की।

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इंजीनियर डी॰ के॰ प्रभाकर

·         एक गरीब मजदूर ( राजगीर) परिवार में जन्म के बाद उच्च शिक्षा लेकर निम्न महत्वपूर्ण कार्य, समाज सेवा व सहित्य सृजन किए

·         भारत सरकार के कलकत्ता स्थित प्रथम भूमोगत मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के मैदान स्टेशन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका तत्पश्चात दुर्गापुर (प॰ब॰) थर्मल पावर स्टेशन व ललितुर (उ॰प्र॰) बांध परियोजना का निर्माण

·         विशाखापटनम स्टील प्लांट निर्माण के बाद

·         1984 से भारतीय अंतरिक्ष विभाग के PSLV प्रोजेक्ट त्रिवेनद्रुम व लखनऊ (उ॰प्र॰) के ईटीवी स्टुडेओ, इस्ट्रेक ग्राउंड स्टेशन तथा रेमोट सेन्सिंग एप्लिकेशन सेंटर का निर्माण

·         कटक (उढ़ीसा) स्थित नेताजी सुभास चंद बॉस जन्म स्थान का पुनुरुद्धन व म्यूजियम बनाने का सम्पूर्ण कार्य।

·         प्रभाकर उद्योग प्रा॰ लिमि॰ के चेयरमेन व प्रबंध निदेशक रहते अनेक निर्माण

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