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Gaursi / गौरसी

Author Name: Gaurav Triyar | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

सकुनी किसी के लिए गलत होगा और हो सकता है किसी के लिए सही भी 

नजर का फर्क है, किसी को जो गलत लगता है , वो किसी को सही भी। 
अखबार के पन्नो को कोई सिर्फ पढता है और कोई सिर्फ उसपर सोता और खाता है 
इस किताब समाज के अलग अलग पहलुओं को कविता के माध्यम से बताया गया है । 
इस किताब मे चीज़ो को अलग नजरिए से देखना और अलग ढंग से प्रस्तुत किया गया है 
सिर्फ उस नजर से मत देखिये जैसे बाकी सारे लोग देख रहे है 

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गौरव त्रियार

पेशे से एमबीए और दिल से कवि। बुनने वाली कविताएँ उनके पास आसानी से आ जाती हैं। जब वे कॉरपोरेट की दुनिया में नहीं होते, तो आप उन्हें एक हाथ से चाय और दूसरे में भावनाओं के साथ कहानियां सुनाते हुए पा सकते हैं।मैं साहित्यिकों का शौकीन हूं और किताबें पढ़ना पसंद करता हूं।
मैं किसी भी विषय पर लिखने से पहले एक उचित शोध करता हूं।
मैं अपनी राय लिखता हूं लेकिन दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाकर नहीं।मेरा मानना ​​है कि अगर आप एक अच्छा संदेश लिखते हैं और बोलते हैं तो आप समाज की भाषा की बाधा को तोड़ सकते हैं।
अच्छी तरह से लिखने और अच्छी तरह से बोलने से, कवि दिलों को जोड़कर संदेश भेजने में सक्षम हो सकता है।

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