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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palश्रीहनुमान जिसके नाम लेने से सभी संकट कटने लग जाते हैं ऐसे वीर हनुमान सिर्फ एक वीर योद्धा , भक्त या एक शक्तिमान वानर ही नहीं बल्कि ब्रह्मचारियों में सर्वोपरि भी हैं । वैसे तो रामभक्त श्री हनुमान की उपासना कोई भी कर सकता है किन्तु यदि जो भक्त ब्रह्मचर्य व्रत एवं संयम को साधकर श्री हनुमान की उपासना करता है उसे भीतर विशाल आत्मबल की प्राप्ति होती है एवं सहज ही उसकी कुंडलिनी का जागरण होने लगता है ।
संयम साधते हुए नियमित रूप से हनुमान चालीसा, हनुमान बाहुक, हनुमान अष्टक आदि में से किसी एक का भी पाठ करने से मनवांछित फल प्राप्त होते हैं ।
पुस्तक में हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक, हनुमान बाहुक, एवं राम बाण के साथ अन्य महत्वपूर्ण संकलन सरलता से किया गया है ।
तुलसीदास कृत एवं पं. मानस राजऋषि, Pdt. Manas Rajrishi
पं. मानस राजऋषि
जन्म : 1 अगस्त 1983, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश
वेबसाइट : https://rishikuteer.com
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