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He राजपूत weds “she” मुगल / “He” राजपूत weds “she” मुगल

Author Name: Akansh Soni | Format: Paperback | Genre : Families & Relationships | Other Details

इस उपन्यास को लिखने का उद्देश्य सिर्फ स्वंय के विचारों को व्यक्त करना मात्र नही हैं, अपितु विचारों को उकेरने के साथ ही उपन्यास के माध्यम से देश के वीर जवानों के लिए समर्पण का भाव भी हैं।

जो सैनिक अपनी जान, हमारी और हमारे देश की सुरक्षा के लिए दुश्मन की बंदूक के सामने निकाल कर रख देता हैं। उनके लिए कुछ करने की चाह ने यह उपन्यास पूरा करने की प्रेरणा दी।

हमेशा से मन मस्तिष्क में एक ख्याल कछोटता था, कि जो वीर सपूत निःस्वार्थ भाव से देश और हमारी सुरक्षा में रात दिन लगे रहते हैं, उन वीरों की किसी भी माध्यम से सेवा की जाए। पर कभी अवसर ना मिला।

जब उपन्यास का ख्याल मन में आया तब से ही मन में ठान लिया था कि इस उपन्यास से जो कमाई होगी वो सैनिक कल्याण कोष में जमा करवा कर छोटे से योगदान से अपने मन को कुछ सन्तुष्ट करूँगा।

उसी समर्पण भाव को सच्ची निष्ठा से पूरा करने के विचार ने बिना थके उपन्यास पूरा करने में मदद की। और इसी निःस्वार्थ भाव की वजह से अपना उत्कृष्ट लिखने की कोशिश की हैं।

आशा करता हूँ मेरे इस प्रयास और निःस्वार्थ सेवा भाव को प्रोत्साहन मिलेगा। यहीं मेरी संतुष्टि होगी।

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एकांश सोनी

युवा हिन्दी लेखक एकांश सोनी (टार्जन), जिला खंडवा, मध्यप्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। एकांश सोनी गुमनाम जिंदगी की अंधेरी गलियों में शब्दो का प्रकाश लिए एक छोटा सा नाम हैं।

सामान्य परिवार का लड़का, जिसे साथी शब्दो का जादूगर बुलाते हैं।

अपनी शिक्षा इंजीनियरिंग में पूर्ण करने के पश्चात अच्छी नोकरी, उज्वल भविष्य की चकाचौंध को छोड़ समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य करने की जिद्द लिए अपने शहर लौट आया।

इनके सामाजिक कार्य की सूची में ग्रामीण युवाओं को निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण, महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता जागरूकता, बाल अधिकार, स्वच्छ भारत मिशन, जैसे कार्य सराहनीय हैं।

साथ ही इन्होंने भारतीय मार्शल आर्ट "कलरीपायट्टू" की ट्रेनिंग केरल के "इंडियन स्कूल ऑफ मार्शल आर्ट्स" से प्राप्त की हैं।

साहित्य से अनभिज्ञ, बस शब्दों के जाल बुनते कई महीनों तक राते बल्ब तले निकालने के बाद जब उन शब्दों के जाल को फैलाया, तो उपन्यास का रूप साफ दिखाई दिया।

जिसे इन्होंने पुस्तक का रूप देने का निर्णय लिया। प्रस्तुत पुस्तक में इन्होंने जिंदगी की एक अनोखी प्रेम कहानी को आप सब के सामने लाने की कोशिश की हैं।

आपने इस पुस्तक से प्राप्त होने वाली “रॉयल्टी” को देश के वीर सपूतों के लिए सैनिक कल्याण कोष मे भेंट करने का निर्णय लिया हैं।

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