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Hindi Talkie Filmograhy (1951-1960) / हिन्दी सवाक् फ़िल्मोग्राफ़ी (1951-1960)

Author Name: Har Mandir Singh 'hamraaz' | Format: Paperback | Genre : Music & Entertainment | Other Details

यह पुस्तक एक सहयोगी परियोजना प्रतिफल है जो कई स्वयंसेवकों की मदद से हम दोनों द्वारा शुरू की गई बहुत बड़ी परियोजना का एक हिस्सा मात्र है. परियोजना का पूरा विवरण मुख्य वेबसाइट पर देखा जा सकता है :
 
https://hamraaz.org/hfgk/index.php
 
 यह परियोजना प्रथम लेखक द्वारा संकलित पुस्तकों की विशाल हिन्दी फ़िल्म गीत कोश श्रृंखला (1980 से जारी) का परिणाम है. वेबसाइट पर नवीनतम जानकारी को शामिल करते हुए, गीत कोश में सभी डेटा, उपयुक्त रूप से विस्तारित और संशोधित कर प्रस्तुत करने की योजना है.
उपरोक्त वेबसाइट के "मेरी कहानी" सेक्शन में गीत कोश संकलन का पूरा इतिहास पढ़ा जा सकता है जिसे यहाँ दोहराना अनावश्यक है. उल्लेखनीय है कि बी.वी. धारप और फ़ीरोज़ रंगूनवाला द्वारा अग्रणी कार्य किए जाने के बाद, हिन्दी फ़िल्म गीत कोश एक अद्वितीय और मौलिक संकलन कृति थी जिसने पहले किए गए काम को कई दिशाओं में विस्तारित किया.
वेबसाइट पर सुविधा के लिए डेटाबेस को तीन खंडों में बांटा गया है. सेंसर सर्टीफिकेट सेक्शन में सेंसर की गई फ़िल्मों के बारे में जानकारी है. फ़िल्मोग्राफी अनुभाग में फ़िल्म निर्माण और अन्य विवरणों के बारे में जानकारी है. गीत अनुभाग में गीतों के बारे में विस्तृत जानकारी है.
यह एक सतत और कभी न समाप्त होने वाला कार्य है.
यह पुस्तक फ़िल्मोग्राफ़ी अनुभाग पर आधारित है जिसमें 1951 से 1960 तक हिंदी सवाक् फ़ीचर फ़िल्मों की जानकारी प्रस्तुत की गई है. 
इसका अंग्रेज़ी संस्करण पहले ही प्रकाशित हो चुका है.

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हर मन्दिर सिंह 'हमराज़'

हर मंदिर सिंह 'हमराज़'
कानपुर[भारत] में नवम्बर 1951 में जन्मे और पले-बढ़े. संगीत के लिए प्यार का गुण विरासत में उन्हें अपनी मां और नानी से मिला जो खुद पंजाबी शबद (गुरबाणी) और लोक गीतों की बहुत अच्छी गायिका हुआ करती थीं. उनकी सबसे पुरानी यादें 1958-59 की हैं जब शादियों के दौरान 78 आरपीएम ग्रामोफ़ोन डिस्क बजाई जाती थीं और लाउड स्पीकर पर सुना जाता था. 'दो सितारों का ज़मीं पर है मिलन आज की रात...' (कोहिनूर), 'दिल की कहानी रंग लाई है...' (चौदहवीं का चाँद), आदि फ़िल्मी गीत उनके दिमाग में अभी भी जीवन्त हैं जो उनके साथ सबसे पुरानी यादें बन कर बंधे हुए हैं. मैट्रिक की पढ़ाई के दौरान [1966-67] उन्होंने अपनी पसन्द के गीतों को सूचीबद्ध करना शुरू कर दिया था लेकिन वे संतुष्ट नहीं थे क्योंकि यह काम हमेशा अधूरा रहता था. वे महीनों तक बेचैन रहते थे और रेडियो सीलोन, ऑल इण्डिया रेडियो (उर्दू सेवा), विविध भारती, आदि प्रसारण स्टेशनों से सुने गए किसी विशेष गीत की फ़िल्म या गायक या संगीत निर्देशक या गीतकार के नाम का पता लगाने के लिए घंटों खोज करते रहते थे. किसी भी प्रामाणिक पुस्तक के अभाव ने, जो उन्हें हिन्दी फ़िल्मों के सभी गीतों की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान कर सके, उन्हें ऐसी जानकारी ख़ुद ही संकलित करने की प्रेरणा दी.

जून 1972 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, जुलाई 1972 में उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक, स्थानीय प्रधान कार्यालय, कानपुर में प्रवेश किया. अप्रैल 1982 में स्थानीय प्रधान कार्यालय के लखनऊ स्थानान्तरित हो जाने के बाद, उन्हें इसके आँचलिक कार्यालय, कानपुर में सेवा करने का अवसर मिला. जनवरी 1980 में हिन्दी फ़िल्म गीत कोश के एक खण्ड के प्रकाशन की शुरुआत के बाद ही दिसम्बर 1980 में सतिन्दर कौर से उनकी शादी हुई जो अब इन खण्डों की प्रकाशक हैं. 30 नवंबर 2011 को भारतीय स्टेट बैंक को, स्वाभाविक सेवानिवृत्ति के कारण, अलविदा कहने के बाद अब वह अपना सम्पूर्ण समय शेष संकलन कार्य के लिए खुशी-खुशी समर्पित कर रहे हैं.

प्रोफ़ेसर सुरजीत सिंह, a diehard movie fanatic, period.


वह एक सेवानिवृत्त सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी हैं. वह 1952 से हिंदी फ़िल्में देख रहे हैं, 1969 से हिंदी गाने, फ़िल्में और पत्रिकाओं का संग्रह कर रहे हैं और 1996 से इस विषय पर लिखते आ रहे हैं. 1999 से उनकी वेबसाइट है -

https://hindi-movies-songs.com/joomla/

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