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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palलॉजिस्टिक्स के साथ मेरे तीन दशक लंबे अनुभवों का सार-संग्रह आप सभी के समक्ष मेरी कृति “इंडियन कमर्शियल ट्रांसपोर्ट हैंडबुक” आप सभी के समक्ष है। यह सेक्टर किसी भी अर्थव्यवस्था का मेरूदंड है, लेकिन विडंबना यह है कि यह सबसे असंगठित और उपेक्षित है। अधिकांश हितधारक इस व्यापार को नियंत्रित करने वाले कानूनों के बारे में स्पष्ट रूप से अनभिज्ञ हैं, जिससे उनका शोषण आसान हो जाता है।
आसान और सूचनात्मक ज्ञान देने के उद्देश्य से, मैंने संक्षिप्त रूप में इस कृति में व्यापक जानकारी समाहित करने की कोशिश की हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में एक वाणिज्यिक वाहन ख़रीदने से संबंधित पर 12 अध्याय जैसे वित्त; बीमा खरीदना; खरीद के बाद जरूरी वैधानिक दस्तावेज; विभिन्न लाइसेंस और पंजीकरण; व्यवसाय की संचालन लागत की मूल बातें से परिचित होना; दुर्घटना के कारण नुकसान के मामले में वैध दस्तावेज; तृतीय-पक्ष देयता दावे के प्रभावी और सुरक्षित संचालन की प्रक्रिया; सरकार द्वारा वाहन की मांग के बाद की स्थिति; वाणिज्यिक वाहन की बिक्री के समय विस्तृत सुरक्षा और वाणिज्यिक वाहन को कबाड़ के रूप में बेचते समय क्या करें और क्या न करें शामिल है, और इन पर विस्तार से चर्चा की गई है।
प्रदीप यादव
ट्रांसपोर्ट कुमार पुरस्कार विजेता और रोटेरियन श्री प्रदीप यादव का जन्म 13 नवंबर 1971 को दीमापुर (नागालैंड) में हुआ था। वर्तमान समय में वे गुड़गांव (भारत) में स्थायी रूप से निवास कर रहे हैं।
कॉमर्स में स्नातक और विधि स्नातक, श्री यादव ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की प्रबंध समिति के सदस्य है। उनके पास लॉजिस्टिक्स में तीन दशक का लंबा अनुभव भी है।
उन्हें जापानी कॉर्पोरेट प्रबंधन कार्यक्रम और आई.आई.एम अहमदाबाद में परिवहन उद्यमिता पर पाठ्यक्रम के साथ ए.ओ.टी.एस, जापान में लॉजिस्टिक्स प्रबंधन कार्यक्रम पाठ्यक्रम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
उन्हें वर्ष 1997 में ट्रांसपोर्ट कुमार अवार्ड से सम्मानित किया गया।
उन्होंने 90 के दशक के मध्य में कमिंस इंजन तकनीक, ए.बी.एस ब्रेक, एयर सस्पेंशन, जी.पी.एस को अपनाने का बीड़ा उठाया। वर्ष 2003 में उन्होंने सभी हितधारकों के साथ रीयल-टाइम जानकारी साझा करने के उद्देश्य से क्लाउड-आधारित ऑनलाइन ई.आर.पी, जी.पी.एस के साथ एकीकृत एक 100% ऑपरेशन प्रबंधन एप्लिकेशन लॉन्च किया।
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